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Apara Ekadashi : आज एकादशी के दिन ये लोग जरूर करें भगवान विष्णु की पूजा आराधना - एकादशी मई 2023

आज एकादशी है, एकादशी का व्रत अतिपुण्य फल प्रदान करने वाला और सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है. आज की एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं. ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु की पूजा और एकादशी व्रत बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है. Apara Ekadashi 2023 .

Apara Ekadashi Vrat financial problems marriage problem
अपरा एकादशी
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Published : May 15, 2023, 7:57 AM IST

Updated : May 15, 2023, 11:24 AM IST

अपरा एकादशी 2023 : आज 15 मई 2023 को अपरा एकादशी है. हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो एकादशियां आती हैं. हर महीने में दो एकादशी आती हैं कृष्ण पक्ष और एक शुक्लपक्ष.इसमें ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अपरा एकादशी का भगवान विष्णु के भक्तों के लिए विशेष महत्व माना जाता है.इस एकादशी को अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु की पूजा और एकादशी व्रत बहुत ही शुभ और विशेष फलदायी माना जाता है. एकादशी का व्रत अतिपुण्य फल प्रदान करने वाला और सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है.

धन व अच्छे वर की प्राप्ति : सभी एकादशी व्रतों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. अपरा एकादशी के अवसर पर भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा की जाती हैऔर विष्णु सहस्रनाम आदि का पाठ किया जाता है. इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैंऔर उनसे धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. अपरा एकादशी का उल्लेख महाभारत आदि धार्मिक ग्रंथों में मिलता है और महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के आग्रह पर पांडवों को अपरा एकादशी के व्रत का महत्व बताया था,और माना जाता है कि इसी एकादशी के व्रत के प्रभाव से पांडवों ने महाभारत के युद्ध में जीत हासिल की थी.अपरा एकादशी का व्रत करने से कन्या को अच्छे वर की प्राप्ति होती है.

Apara Ekadashi Vrat
अपरा एकादशी
  1. मुहूर्त : एकादशी तिथि 15 मई 2023 को सूर्योदय से पहले ही शुरू हो रही है, और 16 मई को देर रात तक चलेगी.अपरा एकादशी व्रत का पारण (व्रत तोड़ने का) समय सुबह 6: 50 से 08:35 तक रहेगा.


सुबह स्नान करके पूर्व दिशा की ओर साफ स्थान पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें.इसके बाद कलश की स्थापना करें व दीपक जलाएं.अपनी क्षमता के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी, सुपारी, लौंग,धूप, दीप, समुद्र संगीत, पूजा, पंचामृत की मिठाई अर्पित करें.उन्हें चंदन का टीका और पीले फूल भी अर्पित करें.विष्णु पूजा और भजन सुख, शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य लाने वाली मानी जाती है.

Apara Ekadashi Vrat financial problems marriage problem
अपरा एकादशी

Disclaimer : यह आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, ETV Bharat ऐसी किसीभी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता .

अपरा एकादशी 2023 : आज 15 मई 2023 को अपरा एकादशी है. हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो एकादशियां आती हैं. हर महीने में दो एकादशी आती हैं कृष्ण पक्ष और एक शुक्लपक्ष.इसमें ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अपरा एकादशी का भगवान विष्णु के भक्तों के लिए विशेष महत्व माना जाता है.इस एकादशी को अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु की पूजा और एकादशी व्रत बहुत ही शुभ और विशेष फलदायी माना जाता है. एकादशी का व्रत अतिपुण्य फल प्रदान करने वाला और सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है.

धन व अच्छे वर की प्राप्ति : सभी एकादशी व्रतों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. अपरा एकादशी के अवसर पर भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा की जाती हैऔर विष्णु सहस्रनाम आदि का पाठ किया जाता है. इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैंऔर उनसे धन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं. अपरा एकादशी का उल्लेख महाभारत आदि धार्मिक ग्रंथों में मिलता है और महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के आग्रह पर पांडवों को अपरा एकादशी के व्रत का महत्व बताया था,और माना जाता है कि इसी एकादशी के व्रत के प्रभाव से पांडवों ने महाभारत के युद्ध में जीत हासिल की थी.अपरा एकादशी का व्रत करने से कन्या को अच्छे वर की प्राप्ति होती है.

Apara Ekadashi Vrat
अपरा एकादशी
  1. मुहूर्त : एकादशी तिथि 15 मई 2023 को सूर्योदय से पहले ही शुरू हो रही है, और 16 मई को देर रात तक चलेगी.अपरा एकादशी व्रत का पारण (व्रत तोड़ने का) समय सुबह 6: 50 से 08:35 तक रहेगा.


सुबह स्नान करके पूर्व दिशा की ओर साफ स्थान पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें.इसके बाद कलश की स्थापना करें व दीपक जलाएं.अपनी क्षमता के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी, सुपारी, लौंग,धूप, दीप, समुद्र संगीत, पूजा, पंचामृत की मिठाई अर्पित करें.उन्हें चंदन का टीका और पीले फूल भी अर्पित करें.विष्णु पूजा और भजन सुख, शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य लाने वाली मानी जाती है.

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अपरा एकादशी

Disclaimer : यह आर्टिकल धार्मिक मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, ETV Bharat ऐसी किसीभी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता .

Last Updated : May 15, 2023, 11:24 AM IST
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