श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश (Jammu and Kashmir Union Territory ) में जून से शुरू होने वाले आतंकवाद विरोधी अभियानों (anti-militancy operations ) में तेजी देखी गई है. हालांकि जून से जुलाई के बीच में 51 लोगों की जान गई. वहीं इस साल अभी तक आतंकवादी हुई घटनाओं में 96 आतंकवादी मारे जा चुके हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में काफी गिरावट देखी गई. लेकिन जून के पहले सप्ताह से प्रतिबंधों में छूट दिए जाने के साथ घटनाओं में वृद्धि हुई है.
वर्ष 2021 के पहले पांच महीनों के दौरान इस क्षेत्र में करीब 40 घटनाएं हुईं, लेकिन इसमें भी सबसे अधिक घटनाएं अप्रैल महीने में हुईं. जबकि 1 जून से 22 जुलाई (52 दिन) तक जम्मू-कश्मीर में पहले ही 34 घटनाएं हो चुकी थीं.
ये भी पढ़ें- चीनी सेना की गतिविधियां बढ़ने पर उत्तराखंड पुलिस अलर्ट मोड पर, ITBP और SSB के साथ हुई बैठक
अधिकारी ने स्वीकार किया कि कोरोना की वजह से सुरक्षा बल बड़े पैमाने पर नहीं बल्कि जरूरत के आधार पर अभियान चला रहे थे. वहीं अप्रैल और मई में ऑपरेशन एक जरूरत और आपातकालीन आधार पर किए गए थे. उन्होंने कहा कि इस दौरान ऑपरेशन रुका नहीं था, आतंकवादी और उनके रिश्तेदार निगरानी में थे और जब जरूरत पड़ी तो सेना और सीआरपीएफ के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस साल अभी तक आतंकवाद से जुड़ी 61 घटनाओं में कुल 127 हत्याएं हुईं. इनमें उनमें से 12 नागरिक, 19 सुरक्षा बल के जवान थे और 96 आतंकवादी मारे गए. उनका कहना था कि इस साल जुलाई में ज्यादातर हत्याएं हुईं हैं. जुलाई में अभी तक 24 आतंकवादी और सुरक्षा बल के तीन जवान मारे गए हैं. वहीं नागरिक हत्याओं के मामले में जून का महीना सबसे खराब था. जून में छह नागरिक, सुरक्षा बल के पांच जवान और 13 आतंकवादी मारे गए. उन्होंने कहा कि जून और जुलाई में कुल 51 हत्याएं हुईं.
दिलचस्प बात यह है कि इन 61 घटनाओं में से 32 घटनाएं 30 अप्रैल के बाद की हैं, जिस समय जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगाया गया था.पुलिस के मुताबिक पिछले साल मई में 15, जून में 48 और जुलाई में 20 आतंकवादी मारे गए थे. पिछले साल कुल 321 हत्याएं हुई थीं, जिनमें 232 उग्रवादी, 56 सुरक्षा बल के जवान और 33 नागरिक शामिल थे.