नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति संबंधी दस्तावेज की मांग वाली याचिका पर ईडी को जवाब देने के लिए 28 नवंबर तक का समय दिया है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को करने का आदेश दिया.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील ने इस मामले पर निर्देश लेकर कोर्ट को सूचित करने के लिए समय देने की मांग की. इसके बाद कोर्ट ने 28 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने 23 नवंबर को ईडी को नोटिस जारी किया था. केजरीवाल ने याचिका दायर कर इस मामले में अपने खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से ली गई अनुमति वाले दस्तावेजों की मांग की है. अरविंद केजरीवाल ने अपनी याचिका में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की उस दलील का हवाला दिया था, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ ईडी के मामले में मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त मंजूरी ली गई थी.
केजरीवाल की तरफ से की गई ये मांग: दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि ट्रायल कोर्ट ने ईडी के चार्जशीट पर अभियोजन चलाने के लिए जरूरी अनुमति के बिना ही संज्ञान ले लिया था, जो कानूनी रूप से वैध नहीं है. ऐसे में ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए. सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभियोजन चलाने के लिए जरूरी अनुमति ली गई है. मेहता के इसी बयान को आधार बनाकर केजरीवाल ने अभियोजन चलाने के लिए जरूरी अनुमति संबंधी दस्तावेज की मांग की है.
'आप' और केजरीवाल को बनाया गया आरोपी: बता दें कि 10 जुलाई को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी के चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए केजरीवाल को पेश होने का आदेश दिया था. वहीं 17 मई को ईडी ने सातवीं पूरक चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में केजरीवाल, संजय सिंह, मनीष सिसोदिया और के. कविता को सुप्रीम कोर्ट नियमित जमानत दे चुकी है.
कौसर इमाम सिद्दीकी की याचिका पर फैसला कल: उधर एक अन्य मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के सह आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की जमानत याचिका पर फैसला फिर टाल दिया. स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने 27 नवंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया. इससे पहले 25 नवंबर को भी कोर्ट ने याचिका पर फैसला टाल दिया था.
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