जालंधर: पंजाब के अमृतसर में आज तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 मापी गई. किसी जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. जानकारी के अनुसार पंजाब के अमृतसर में आज तड़के करीब 3.42 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गये. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र अमृतसर से 145 किमी पश्चिम-उत्तर पश्चिम में जमीन के नीचे 120 किलोमीटर की गहराई में था.
बता दें कि 12 नवंबर की रात दिल्ली और उत्तरी भारत के कुछ राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. दिल्ली-एनसीआर में रात करीब आठ बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, नोएडा, बिजनौर, मुरादाबाद और अमरोहा में भूकंप आया. उत्तराखंड के ऋषिकेश, अल्मोड़ा, चमोली, रामनगर और उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
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An earthquake of magnitude 4.1 occurred 145km west-northwest of Amritsar, Punjab, at around 3.42am, today. The depth of the earthquake was 120 km below the ground: National Center for Seismology pic.twitter.com/c565a76ndE
— ANI (@ANI) November 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 14, 2022An earthquake of magnitude 4.1 occurred 145km west-northwest of Amritsar, Punjab, at around 3.42am, today. The depth of the earthquake was 120 km below the ground: National Center for Seismology pic.twitter.com/c565a76ndE
— ANI (@ANI) November 14, 2022
भूकंप का केंद्र नेपाल में था. यहां भी कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि नेपाल में शनिवार रात करीब 7:57 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किमी की गहराई में था.
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भूकंप क्यों आते हैं... भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है. इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग भी भूकंप की वजहें होती हैं.
जानें केंद्र और तीव्रता का मतलब...भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है, तो 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है. जैसे-जैसे दूरी बढ़ती जाती है कंपन भी कम होते जाते हैं.