भोपाल। हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) के सदस्यों को गिरफ्तार करने के बाद तीसरी बार कोर्ट में पेश किया गया. इसके पहले इन्हें भोपाल, छिंदवाड़ा और तेलंगाना से एमपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार करने के बाद पहली बार इनकी 19 मई तक पुलिस रिमांड मांगी गई थी. 19 मई को जब सभी सदस्यों को कोर्ट में पेश किया तो इनमें से 6 को कोर्ट ने ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया था और 10 को पुलिस रिमांड दी थी. इन 10 को 24 मई तक पुलिस रिमांड मिली थी, तब बचाव पक्ष ने इन सभी की रिमांड का विरोध किया था. इसके बाद भी कोर्ट ने 10 को पुलिस रिमांड पर भेज दिया. बुधवार को जब इन 10 को कोर्ट में पेश किया तो पुलिस ने इनकी रिमांड नहीं मांगी. कोर्ट ने इन सभी को 2 जून तक जेल भेज दिया है. अब 2 जून को इस मामले की सुनवाई होगी.
बेहद कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया: एमपी एटीएस ने HUT के पुलिस रिमांड वाले 10 सदस्यों को बेहद कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश किया. दोपहर करीब 3.30 बजे दो वाहनों से इन्हें कोर्ट लेकर आए. इनमें से एक वाहन में स्पेशल कमांडो सवार थे. जबकि एचयूटी के सभी सदस्यों को एक बस में लाया गया था. बस से पहले ट्रेवलर में सवार सभी कमांडो ने कोर्ट परिसर को अपने नियंत्रण में ले लिया और बस से कोर्ट के मुख्य दरवाजे तक एक कॉरीडाेर बना दिया. इसके बाद दो कमांडो एक आरोपी को लेकर भीतर आए. इनके चेहरों पर काला कपड़ा ढका हुआ था. सभी आरोपियों के परिजन कोर्ट के भीतर मौजूद थे. आरोपियों को कोर्ट में ले जाने के बाद अपने परिजनों से मिलने दिया गया. बारी-बारी से एक आरोपी के परिजनों को बुलाया जाता और उन्हें मिलवाया जाता था. मीडिया को कोर्ट के मुख्य गेट से बाहर ही रोक दिया गया और गैलरी में वकीलों के आने-जाने पर भी रोक लगा दी गई. यहां तक बचाव पक्ष के वकीलों को भी भीतर नहीं जाने दिया गया.
एक ही मांग, चालान क्याें पेश नहीं करते: परिजनों की तरफ से जो वकील कोर्ट में आरोपियों के बचाव के लिए खड़े हुए, उन्होंने कोर्ट से अपील करी कि पुलिस इस मामले में चालान क्यों पेश नहीं किया जा रहा है. साथ ही एफआईआर की कॉपी मांगी गई.
इनको भेजा गया जेल
- यासिर खान
- शाबिर रिजवी
- दानिश अली
- मोहम्मद आलम
- खालिद हुसैन
- मोहम्मद हमीद
- मोहम्मद अब्बास
- अब्दुल रहमान
- जुनैद
- मोहम्म्द सलीम