एक मिशन से बदली गांव की तस्वीर, हर घर पहुंचा नल का जल, लोगों ने कहा- थैंक्यू
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रांचीः देह झुलसाती गर्मी में यह तस्वीर आपको भीतर से झकझोर देगी कि कैसे आज भी रांची के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को पानी लाने के लिए भटकना पड़ता है. दूर दराज की सूखी पहाड़ी नदी और डाड़ी से गंदा पानी लाना पड़ता था. लेकिन यह तस्वीर अतीत के पन्नों में समा चुकी है क्योंकि अब इन महिलाओं के आंगन में नल से जल पहुंच चुका है. अनगड़ा प्रखंड के सारूगढ़ी गांव के तारपबेड़ा की मुन्नी देवी अब कल की फिक्र किए बिना आंगन में लगे नल का टैप घूमाती है और कपड़ा धोने से लेकर खाना बनाने तक का सारा काम आसानी से कल लेती हैं. इस गांव की महिलाओं ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना का पानी आने से पहले उन्हें कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ती थी. सरिता देवी ने मुस्कुराते हुए कहा कि हेमंत जी को और मोदी जी को इसके लिए धन्यवाद बोलेंगे. तारपबेड़ा के लोग इतने खुश थे कि उन्होंने ईटीवी भारत की टीम से आग्रह किया कि हमें उस गांव से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद जुमराटोली जरूर चलना चाहिए. क्योंकि वहां की स्थिति और भी दयनीय थी. खेत की पगडंडी और ऊंची-नीची पथरीली रास्तों से होकर हम जुमराटोली पहुंचे. वहां के लोगों ने जो बताया वो दिल को सुकून देने वाला था. जल जीवन मिशन योजना के तहत इतने दुरूह इलाके में हर घर नल से जल पहुंचाया जा रहा है. लोग बेहद खुश हैं. लेकिन उन्हें अभी भी जंगली जानवरों के खतरे से जूझना पड़ता है. जंगली हाथी, भालू और जंगली सुअर गांव में घुस आते हैं.