VIDEO: बिरसा मुंडा संग्रहालय के जर्रे जर्रे में समाया है फिरंगियों के जुल्म और धरती आबा की वीरता की गाथा!
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धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की शहादत दिवस पर पूरा झारखंड उन्हें नमन कर रहा है. 09 जून वर्ष 1900 में महज 25 साल के उम्र में बिरसा मुंडा का निधन रांची जेल में हो गया था. उलगुलान विद्रोह से सहमे अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को गिरफ्तार कर रांची जेल के कमरा नंबर- 4 में कैद करके रखा था. भगवान बिरसा मुंडा का निधन कारावास के दौरान जिस जेल में हुआ था, उस पूरे जेल को झारखंड सरकार ने बिरसा मुंडा संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया है. पूरे जेल परिसर को पुराने रूप में ही संरक्षित रखा गया है. जिस कमरा नंबर- 4 में बिरसा मुंडा को कैद रखा गया था उस जगह पर धरती आबा की प्रतिमा लगाई गई है. बिरसा मुंडा संग्रहालय में रांची जेल का इतिहास में यह बताया गया है कि 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में ब्रिटिश शासन काल में किशनपुर जो आज का रांची शहर हुआ करता था, वह आदिवासी क्रांतिकारी के संघर्ष का केंद्र बना. क्रांतिकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही थी ऐसे में कैप्टन विलकिंग्सन इस क्षेत्र में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए 1899 में राची जेल की स्थापना करवाई. यह वही समय था जब कैद किये गए आदिवासी क्रांतिकारियों की बढ़ती संख्या के कारण रांची को जिला घोषित किया गया था.