कागजों में अर्श पर रिम्स... लेकिन मरीजों का फर्श पर इलाज
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झारखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल रिम्स में स्वास्थ्य व्यवस्था (bad condition of health system of RIMS) क्या और कैसी है, ये किसी से छिपा नहीं है. आलम ऐसा है कि झारखंड हाई कोर्ट को यहां फैली कुव्यवस्था को लेकर रिम्स के निदेशक की कार्यप्रणाली को लेकर सख्त टिप्पणी करनी पड़ी. रिम्स में मरीजों का इलाज जरूर होता है लेकिन किन हालातों में वो भर्ती हैं या इलाजरत है, ये भी देखना जरूरी है. रिम्स में फर्श पर इलाज, बेड की कमी ऐसी तमाम तस्वीरें हमेशा सामने आती हैं. इतना होने के बादजूद कोई बदलाव नहीं हुआ अब भी रिम्स में मरीजों का फर्श पर इलाज (patients treatment on floor at RIMS) किया जा रहा है. रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग का हाल (RIMS neurosurgery ward) और बुरा है. कड़ाके की ठंड में भी सिर्फ न्यूरो सर्जरी विभाग में ही 200 से ज्यादा मरीजों का इलाज बरामदे में फर्श पर हो रहा है. आलम यह है कि एक-एक नर्स को सौ-सौ बार मरीजों को इंजेक्शन और पानी चढ़ाने के लिए उठक बैठक करना पड़ता है. कमोबेश यही हाल रिम्स के मेडिसिन, सर्जरी, गायनी सहित कई विभागों में मरीजों का है. रिम्स में मरीजों का इलाज फर्श पर नहीं होगा इसके लिए प्रबंधन ने फैसला लिया था कि जिन वार्ड में मरीजों की संख्या कम है और बेड खाली रहते हैं. वहां भी उन विभागों के मरीज शिफ्ट किये जाएंगे जो ओवरलोडेड हैं. लेकिन यह व्यवस्था धरातल पर नहीं उतरी और न्यूरो सर्जरी, गायनी, सर्जरी, मेडिसीन के मरीज का आज भी फर्श पर ही लिटाकर इलाज हो रहा है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:34 PM IST