हजारीबाग में 400 साल पुराना मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा मेलाः जानिए, क्या है केतारी मेला मान्यता
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हजारीबाग का 400 साल पुराना मंदिर आस्था का केंद्र है. नरसिंह भगवान के मंदिर आज आकर्षण के साथ साथ मनोकामना सिद्धि के लिए जाना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस मंदिर में मेला का आयोजन किया जाता है. शहर से लगभग 6 किलोमीटर कपरियावा ग्राम में मंदिर स्थित है. इसके बारे में कहा जाता है कि देवी के उपासक पंडित दामोदर मिश्र को सपने में संदेश प्राप्त हुआ था कि नेपाल के काक भूसारी पर्वत में भगवान नरसिंह की प्रतिमा है. जब पंडित दामोदर मिश्र वहां गए और उन्होंने अपने स्वप्न में देखे स्थान की तलाश की तो उन्हें वह मूर्ति मिली. उसी मूर्ति को बाद में पंडित दामोदर मिश्र ने हजारीबाग के खपरियांंवा मंदिर में स्थापित की. जो बाद में नरसिंह स्थान के रूप में जाना जाने लगा. इस मेले को हजारीबाग में केतारी मेला के नाम से भी जाना जाता है. जहां हजारीबाग और आसपास इलाके के किसान अपना गन्ना लाकर बेचते हैं. यह मानता है कि जो भी व्यक्ति पूजा करने के लिए आता है वह अपने साथ प्रसाद के रूप में गन्ना ले जाते हैं. इस कारण इस मेले में गन्ने की खूब बिक्री होती है.