बूढ़ापहाड़ पर नावाटोली और तिसिया में सुरक्षाबलों ने बनाया कैंप, माओवादियों की टूटी कमर
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Published : Jan 11, 2024, 12:07 PM IST
|Updated : Jan 16, 2024, 6:04 PM IST
पलामू: बूढापहाड़ कभी सुरक्षाबलों के लिए चुनौती था, लेकिन अब यह चुनौती खत्म हो गई है. इस चुनौती को खत्म करने में नावाटोली और तिसिया कैंप की बड़ी भूमिका है. दोनों कैंप लातेहार के बरेसाढ़ से 25 किलोमीटर की दूरी पर है और छत्तीसगढ़ से सटा हुआ है. बूढ़ापहाड़ पर इन्हीं दोनों गांव से माओवादी हर तरह की सहायता लेते थे. दोनों कैंप को लेकर ईटीवी भारत ने जोनल आईजी राजकुमार लकड़ा के बातचीत की. आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि बूढ़ापहाड़ के इलाके का माहौल बदल रहा है. दोनों कैंप की बड़ी भूमिका है. इलाके में कई बदलाव हो रहे हैं. वन्यजीव भी वापस लौट रहे हैं, इलाके की रौनक लौट रही है.