राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021 में झारखंड के छऊ नृत्य की शानदार प्रस्तुति
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021 (National Tribal Dance Festival 2021) के तीसरे दिन झारखंड के आदिवासी कलाकारों ने छऊ नृत्य (Chhau Dance) का प्रदर्शन किया. सरायकेला छऊ 1200 वर्ष पौराणिक कला है. यह पहले राज परिवार का पुश्तैनी नृत्य हुआ करता था.1960 में सरायकेला के राजा उदितनारायण सिंहदेव ने चैत्र पर्व के जरिये इस कला को एक नई उड़ान दी. आज छऊ नृत्य की ख्याति पूरे विश्व में है. अपने विशेष गुणों के कारण ही छऊ ने अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है. छऊ एक ऐसा नृत्य है जो सिर्फ पुरुष नर्तक करते हैं. वीर रस के इस नृत्य में पौरुष की पराकाष्ठा का प्रदर्शन किया जाता है.