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भाजपा एसटी मोर्चा ने हेमंत सरकार को चाईबासा नरसंहार का दोषी ठहराया, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

चाईबासा के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में नरसंहार मामले में पश्चिमी सिंहभूम भाजपा एसटी मोर्चा ने अविलंब दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की है. मोर्चा के अध्यक्ष शिवा बोदरा ने इस वारदात के लिए हेमंत सरकार को दोषी ठहराया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

भाजपा एसटी मोर्चा ने हेमंत सरकार को चाईबासा नरसंहार का दोषी ठहराया, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
भाजपा एसटी मोर्चा
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Published : Jan 25, 2020, 7:29 PM IST

चाईबासाः पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में नरसंहार की घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा की जिला इकाई ने घटना में शामिल लोगों को अविलंब गिरफ्तार और क्षेत्र में अराजक फैलाने वाले संगठनों पर कार्रवाई करने की मांग की है. इसको लेकर शनिवार को उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा गया. जिला उपायुक्त की अनुपस्थिति में एडीसी इंदु गुप्ता को ज्ञापन सौंपा गया.

देखें पूरी खबर

राष्ट्रपति शासन की मांग

अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिला अध्यक्ष शिवा बोदरा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा खुद को आदिवासियों की सरकार बताती है, जबकि राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनते ही आदिवासियों की हत्या होनी शुरू हो गई है. फिर से राज्य में अराजकता फैलाने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं. इस घटना के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूरी तरह से जिम्मेवार हैं. उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागु करें.

और पढ़ें- कोयला चोरों ने किया पुलिस और CISF जवानों पर पथराव, गाड़ी क्षतिग्रस्त, जवान घायल

ऐसा नहीं हुआ पहले

शिवा बोदरा ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में असामाजिक तत्वों ने 7 निर्दोष आदिवासियों को निर्मम हत्या कर पूरे प्रदेश को अराजकता के माहौल में झोंकने का प्रयास किया है. गठबंधन की सरकार अपने आपको आदिवासी और मूलवासी की हितैषी सरकार बताती है. इस सरकार के गठन के 25 में दिन ही 7 आदिवासियों का नरसंहार होता है. यह वाक्य पूरे प्रदेश की चरमराई विधि व्यवस्था और असामाजिक तत्वों और संगठनों के बढ़े हुए मनोबल को दर्शाता है. राज्य बनने के बाद आदिवासियों को ऐसा जघन्य नरसंहार कभी नहीं हुआ था.

चाईबासाः पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में नरसंहार की घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा की जिला इकाई ने घटना में शामिल लोगों को अविलंब गिरफ्तार और क्षेत्र में अराजक फैलाने वाले संगठनों पर कार्रवाई करने की मांग की है. इसको लेकर शनिवार को उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा गया. जिला उपायुक्त की अनुपस्थिति में एडीसी इंदु गुप्ता को ज्ञापन सौंपा गया.

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राष्ट्रपति शासन की मांग

अनुसूचित जनजाति मोर्चा जिला अध्यक्ष शिवा बोदरा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा खुद को आदिवासियों की सरकार बताती है, जबकि राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनते ही आदिवासियों की हत्या होनी शुरू हो गई है. फिर से राज्य में अराजकता फैलाने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं. इस घटना के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूरी तरह से जिम्मेवार हैं. उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल झारखंड में राष्ट्रपति शासन लागु करें.

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ऐसा नहीं हुआ पहले

शिवा बोदरा ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में असामाजिक तत्वों ने 7 निर्दोष आदिवासियों को निर्मम हत्या कर पूरे प्रदेश को अराजकता के माहौल में झोंकने का प्रयास किया है. गठबंधन की सरकार अपने आपको आदिवासी और मूलवासी की हितैषी सरकार बताती है. इस सरकार के गठन के 25 में दिन ही 7 आदिवासियों का नरसंहार होता है. यह वाक्य पूरे प्रदेश की चरमराई विधि व्यवस्था और असामाजिक तत्वों और संगठनों के बढ़े हुए मनोबल को दर्शाता है. राज्य बनने के बाद आदिवासियों को ऐसा जघन्य नरसंहार कभी नहीं हुआ था.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में नरसंहार की घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा की जिला इकाई के द्वारा घटना में शामिल लोगों को अभिलंब गिरफ्तारी तथा क्षेत्र में अराजक फैलाने वाले संगठनों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर आज जिला उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिला उपायुक्त की अनुपस्थिति में एडीसी इंदु गुप्ता को ज्ञापन सौंपा गया। Body:अनुसूचित जाति मोर्चा जिला अध्यक्ष शिवा बोदरा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा खुद को आदिवासियों की सरकार बताती है। जबकि राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनते ही आदिवासियों की हत्या होनी शुरू हो गई है और फिर से अराजकता फैलाने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं। इस घटना के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूरी तरह से जिम्मेवार हैं। इसके साथ ही महामहिम राष्ट्रपति एवं राज्यपाल से यह मांग करते हैं कि झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगे।

उन्होंने कहा कि पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में असामाजिक तत्वों के द्वारा 7 निर्दोष आदिवासियों को निर्मम हत्या कर पूरे प्रदेश को अराजकता के माहौल में झोंकने का प्रयास किया है। गठबंधन की सरकार अपने आपको आदिवासी एवं मूलवासी की हितैषी सरकार बताती है इस सरकार के गठन के 25 में दिन ही 7 आदिवासियों का नरसंहार होता है यह वाक्य पूरे प्रदेश की चरमराई विधि व्यवस्था और असामाजिक तत्वों एवं संगठनों के बढ़े हुए मनोबल को दर्शाता है। राज्य बनने के बाद आदिवासियों को ऐसा जघन्य नरसंहार कभी नहीं हुआ था।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा यह मांग करती है कि राज्य सरकार अविलंब इस नरसंहार में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर पूरे प्रदेश में एक अराजक तत्वों एवं ऐसे संगठनों पर लगाम लगाने का कार्य करें।Conclusion:
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