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सात दशक बाद भी नदी पर पुलिया के लिए तरस रहे कई गांवों के ग्रामीण, प्रशासन को है टेंडर का इंतजार - चाईबासा में पुलिया और सड़क निर्माण की मांग

पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड के इन्द्रूवां और आस पास के कई गांव के लोग लंबे समय से सड़क और पुल-पुलिया निर्माण की मांग कर रहे हैं. दरअसल इन्द्रूवां गांव के पास गुजरने वाली छोटी नदी पर पुलिया नहीं है, जिसकी वजह से लोगों को आवागमन में काफी समस्याएं होती है.

villagers demanding bridge over river in chaibasa
पुलिया के लिए तरस रहे कई गांवों के ग्रामीण,
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Published : Feb 5, 2021, 3:33 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 8:50 PM IST

चाईबासा: 21वीं सदी में लोग हाईटेक युग में जी रहे हैं, शहर से लेकर कई गांवों तक भी मोबाइल और इंटरनेट जैसी आधुनिक सुविधाओं की पहुंच हो चुकी हैं, लेकिन पश्चिमी सिंहभूम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बुनियादी सुविधा नहीं है. बंदगांव प्रखंड के इन्द्रूवां और आसपास के कई गांवों के ग्रामीण आजादी के सात दशक बाद भी सड़क और पुल-पुलिया के लिए तरस रहे हैं. इन्द्रूवां गांव के पास गुजरने वाली छोटी नदी पर पुलिया नहीं है. जिससे इन्द्रूवां के अलावा इस क्षेत्र के आस पास के कई गांव के ग्रामीणों को आवागमन में काफी समस्या होती है.

देखें स्पेशल स्टोरी

बरसात के दिनों में होती है काफी परेशानी
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में इस क्षेत्र की करीब 5 हजार की आबादी तीन-चार महीनों तक प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह से कट जाती हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. जनवितरण प्रणाली का राशन गांव में नहीं पहुंच पाता है. नदी में अधिक पानी भर जाने से बाजार की ओर गए लोग कभी-कभी दूसरे गांव में शरण लेते हैं.


स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए करना पड़ता है संघर्ष
वहीं, ग्रामीण बताते हैं कि नदी में पुल पुलिया के अभाव में इस क्षेत्र के लोगों को बरसात के दिनों में राशन और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है. गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंचने से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में भी समस्या होती है. 2019 में बारात के समय नदी में काफी पानी था. 13 वर्षीय लड़के को इलाज के लिए अस्पताल न ले जाने पर उसकी मौत हो गई थी. सड़क की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, इस क्षेत्र की सड़कें भी काफी जर्जर हालत में है, जिसका निर्माण करवाने के लिए कई बार मांग की जा चुकी है.

इसे भी पढ़ें- जमशदेपुर को नगर निगम बनाने की मांग, 32 साल से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है केस

जिला प्रशासन को सौंपी गई गांवों की सूची
चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव ने कहा कि बंदगांव क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इन्द्रूवां गांव के लोग बरसात के मौसम में दूसरे क्षेत्र से पूरी तरह से कट जाते हैं. इन्द्रूवां गांव की तरह अन्य गांवों की सूची बनाकर जिला प्रशासन को सौंपी गई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन डीएमएफटी मद से बनने वाले विकास कार्यों की सूची में गांव की पुल पुलिया को जोड़ा गया है. इसी वर्ष इन्द्रूवां गांव की पुलिया का टेंडर पास होकर कार्य का शुभारंभ हो जाएगा.

जल्द ही कार्य को पूर्ण करने का प्रयास
जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि बंदगांव प्रखंड के कई गांव दुर्गम क्षेत्र में हैं, जहां सड़क, पुल पुलिया की काफी आवश्यकता है, विधायक सुखराम उरांव ने भी इस मामले को लेकर चर्चा की है और जल्द ही जिला खनिज निधि से इस योजना को लेने का प्लान कर रहे हैं. गांव में जल्द ही ग्रामसभा करके ग्रामीणों के सहयोग से शांतिपूर्ण तरीके से योजना पास करते हुए कार्य को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे.

चाईबासा: 21वीं सदी में लोग हाईटेक युग में जी रहे हैं, शहर से लेकर कई गांवों तक भी मोबाइल और इंटरनेट जैसी आधुनिक सुविधाओं की पहुंच हो चुकी हैं, लेकिन पश्चिमी सिंहभूम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी बुनियादी सुविधा नहीं है. बंदगांव प्रखंड के इन्द्रूवां और आसपास के कई गांवों के ग्रामीण आजादी के सात दशक बाद भी सड़क और पुल-पुलिया के लिए तरस रहे हैं. इन्द्रूवां गांव के पास गुजरने वाली छोटी नदी पर पुलिया नहीं है. जिससे इन्द्रूवां के अलावा इस क्षेत्र के आस पास के कई गांव के ग्रामीणों को आवागमन में काफी समस्या होती है.

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बरसात के दिनों में होती है काफी परेशानी
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में इस क्षेत्र की करीब 5 हजार की आबादी तीन-चार महीनों तक प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह से कट जाती हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. जनवितरण प्रणाली का राशन गांव में नहीं पहुंच पाता है. नदी में अधिक पानी भर जाने से बाजार की ओर गए लोग कभी-कभी दूसरे गांव में शरण लेते हैं.


स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए करना पड़ता है संघर्ष
वहीं, ग्रामीण बताते हैं कि नदी में पुल पुलिया के अभाव में इस क्षेत्र के लोगों को बरसात के दिनों में राशन और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है. गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंचने से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में भी समस्या होती है. 2019 में बारात के समय नदी में काफी पानी था. 13 वर्षीय लड़के को इलाज के लिए अस्पताल न ले जाने पर उसकी मौत हो गई थी. सड़क की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है, इस क्षेत्र की सड़कें भी काफी जर्जर हालत में है, जिसका निर्माण करवाने के लिए कई बार मांग की जा चुकी है.

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जिला प्रशासन को सौंपी गई गांवों की सूची
चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव ने कहा कि बंदगांव क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इन्द्रूवां गांव के लोग बरसात के मौसम में दूसरे क्षेत्र से पूरी तरह से कट जाते हैं. इन्द्रूवां गांव की तरह अन्य गांवों की सूची बनाकर जिला प्रशासन को सौंपी गई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन डीएमएफटी मद से बनने वाले विकास कार्यों की सूची में गांव की पुल पुलिया को जोड़ा गया है. इसी वर्ष इन्द्रूवां गांव की पुलिया का टेंडर पास होकर कार्य का शुभारंभ हो जाएगा.

जल्द ही कार्य को पूर्ण करने का प्रयास
जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया कि बंदगांव प्रखंड के कई गांव दुर्गम क्षेत्र में हैं, जहां सड़क, पुल पुलिया की काफी आवश्यकता है, विधायक सुखराम उरांव ने भी इस मामले को लेकर चर्चा की है और जल्द ही जिला खनिज निधि से इस योजना को लेने का प्लान कर रहे हैं. गांव में जल्द ही ग्रामसभा करके ग्रामीणों के सहयोग से शांतिपूर्ण तरीके से योजना पास करते हुए कार्य को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे.

Last Updated : Feb 6, 2021, 8:50 PM IST
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