चाईबासा: जिला के कराईकेला थाना क्षेत्र में पुलिस और सीआरपीएफ जवानों ने निर्दोष ग्रामीणों की पिटाई कर दी थी, जिसके बाद मंगलवार को ओटार पंचायत के रंजड़ाकोचा गांव के लोग पारंपरिक हथियार के साथ थाना का घेराव किया. थाना प्रभारी के ग्रामीणों को काफी समझाने के बाद मामला शांत हुआ और ग्रामीण वापस लौटे.
रंजड़ाकोचा के ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार की सुबह कराईकेला पुलिस और सीआरपीएफ के जवान गांव पहुंचे और गांव के सभी घरों की तलाशी ली, इस दौरान जवानों ने एक गर्भवती महिला सुलाका बोदरा और उसके भाई राजा बोदरा के साथ मारपीट की, जवानों ने गांव के पाकु लांग को हिरासत में लेकर थाना चला गया, जवानों के जाने के बाद ग्रामीणों ने गांव में एक बैठक की, जिसके बाद सभी ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि निर्दोष पाकु लांग को थाना से छुड़ाया जाए, जिसके बाद पारंपरिक हथियार के साथ लगभग 50 से 60 की संख्या में महिला और पुरूष कराईकेला थाना पहुंच गए, जहां करीब एक घंटा तक थाना का घेराव किया गया. थाना घेराव के बाद थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार आजाद ने ग्रामीणों को बताया कि हिरासत में लिया गया युवक पाकु लांग को पूछताछ करने के लिए थाना लाया गया है, पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया जाएगा. इसे लेकर ग्रामीणों ने थाना प्रभारी के साथ जमकर बहसबाजी की, जिसके बाद पाकु लांग को छोड़ दिया गया.
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ग्रामीणाों ने बताया कि छह महीने पहले भी इस तरह की घटना हुई थी, पुलिस ने उस समय भी ग्रामीणों के साथ मारपीट की थी, पुलिस ग्रामीणों से पूछताछ करती है वह सब ठीक है, ग्रामीणों के साथ मारपीट करती यह गलत है, इस तरह की घटना नहीं होना चााहिए. इधर घटना की सूचना मिलने के बाद हेल्पलाइन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह थाना पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया, साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए, अगर ग्रामीणों के साथ गलत हुआ है तो आागे इस तरह की घटना नहीं होगी.