चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत 0 से 5 वर्ष के बच्चों में कुपोषण की स्थिति एवं इससे होने वाले शिशु एवं बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है. इसके लिए जिले में 5 कुपोषण उपचार केंद्रों द्वारा अति गंभीर कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण का समुचित प्रबंधन जिले में किया गया है.
कुपोषण उपचार केंद्र पर प्रदत्त सेवाओं की पहुंच सभी अति गंभीर कुपोषित बच्चों तक सुनिश्चित हो इसके लिए जिला समाज कल्याण कार्यालय एवं स्वास्थ्य विभाग एक साथ मिलकर विभिन्न सूचकांकों पर रणनीति के तहत काम कर रहे हैं. जिला प्रशासन द्वारा इसमें निरंतर सहयोग करते हुए लगातार आधारभूत एवं मूलभूत संरचनाओं को दुरुस्त करने का कार्य किया जा रहा है.
जिले में कुपोषण को मिटाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा कुमारडुंगी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित कुपोषण उपचार केंद्र का नए सिरे से जीर्णोद्धार करवाया गया है. कुपोषित बच्चों को इलाज के दौरान बेहतर मनोरंजक माहौल दिया जा सके इस उद्देश्य से हॉल का निर्माण कराते हुए उस पर सुंदर कलाकृति बनवायी गयी हैं.
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एम.टी.सी के लिए आवश्यक फर्नीचर, एयर कंडीशन, रूम हीटर, टेलीविजन स्क्रीन जैसी अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध करवायी गयी हैं. साथ ही कुपोषित बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने हेतु केंद्र में ही मॉड्यूलर किचन तैयार किया जा रहा है. वर्तमान में कोविड-19 के अंतर्गत सरकार से प्राप्त आवश्यक दिशा निर्देश का अनुपालन करते हुए अति गंभीर कुपोषित बच्चों के रेफरल पर विशेष ध्यान देते हुए चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.