चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल के भालुलता रेलवे स्टेशन के पास एक पार्सल मालगाड़ी की चपेट में आने से दो हाथियों की मौत हो गई, जिसमें एक हाथी के बच्चे की उम्र 5 साल और दूसरे की उम्र 15 साल है. घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम मालगाड़ी चालक की तलाश में मनोहरपुर स्टेशन पर पहुंची, जहां चालक और वन विभाग के लोगों में खूब कहा-सुनी हुई. बाद में मौके पर आरपीएफ और अन्य अधिकारी पहुंचे. वन विभाग के कर्मचारियों को एक कमरे में घेरकर रखा गया था. घंटों बाद उन्हें छोड़ा गया.
हाथियों की मौत के बाद ओड़िशा रेंज के तीन वनकर्मी मनोहरपुर स्टेशन पर पहुंचकर हंगामा करने लगे. उनका आरोप था कि मालगाड़ी चालक की लापरवाही से हाथियों की मौत हुई है. उसके बाद आरपीएफ ने तीनों वनकर्मियों को अपने ऑफिस में ही बंधक बना लिया. उसके बाद आरपीएफ ने वन विभाग के एसीएफ दिलीप साहू को फोन कर मौके पर बुलाया. वार्ता होने के बाद गुरुवार की सुबह तीनों को छोड़ा गया. वन विभाग और स्थानीय लोगों का आरोप है कि घटना के समय पार्सल मालगाड़ी तेज रफ्तार में चल रही थी, जबकि बिश्रा और मनोहरपुर क्षेत्र में मालगाड़ी की रफ्तार कम कर चलाने का निर्देश पहले से ही दिया गया है.
हाथियों पर नजर रखने के लिए अलग से बनी है टीम
बिश्रा रेंज में हाथियों पर नजर रखने के लिए वन विभाग की ओर से अलग से टीम बनाई गई है, जिसमें एक वन विभाग के फॉरेस्टर, दो फॉरेस्ट गार्ड और 30 की संख्या में स्क्वॉयड को स्थायी रूप से ड्यूटी पर लगाया गया है, बावजूद इस तरह की घटना होने से टीम पर भी कार्रवाई की जा सकती है.
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ये थे ड्यूटी पर मौजूद
घटना के समय फॉरेस्टर शंकर सुना, फॉरेस्ट गार्ड रोबिन प्रधान और स्क्वॉयट की टीम अपनी ड्यूटी कर रही थी. टीम ने ड्यूटी के दौरान ही ट्रेन चालक का पीछे किया और मनोहरपुर स्टेशन पर पहुंच गए थे. स्टेशन पर टीम के लोगों ने चालक को घेर लिया और कहा-सुनी होने लगी थी. पूरे मामले में वन विभाग की ओर से जांच की जा रही है.