चाईबासा: जिले की शहरी जलापूर्ति योजना के अवशेष निर्माण कार्य का शिलान्यास राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने किया. वहीं, वर्षों से लंबित पड़ी शहरी जलापूर्ति योजना का कार्य 26 मई 2013 से शुरू किया गया था. जिसे 25 मई 2015 तक पूरा करना था, लेकिन उसके बाद भी इसे एक्सटेंशन करते हुए 30 मार्च 2016 तक किया गया था. इस कार्य को पूर्ण करने के लिए 38 करोड़ रुपये खर्च होने थे, एस्टीमेट रिवाइज करते हुए उसे 40 करोड़ रुपये किया गया.
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अक्टूबर महीने तक दिया गया समय
इस योजना के अधूरे कार्य को पूर्ण करने की दिशा में विभाग की ओर से पहल करते हुए पुनः निविदा कर डीपी सिंह नाम के संवेदक को 4 प्रतिशत की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराते हुए कार्य आवंटित किया गया है. इस योजना के तहत 12 करोड़ रुपये खर्च कर 3 अधूरे जल मीनार के निर्माण और 17,000 घरों में जल संचयन करते हुए जलापूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए कार्य पूर्ण करने के लिए संवेदक को अक्टूबर महीने तक का समय दिया गया है.
नई एजेंसी को 17,000 घरों में नल देने का दिया गया काम
इससे पूर्व एसएमएस पर्यावरण एजेंसी की ओर से काम लिया गया था, लेकिन उनके ओर से काम अधूरा छोड़ दिया गया, जिसके बाद उनके ऊपर विभागीय कार्रवाई की गई. उन्हें विभाग की ओर से ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. वहीं अधूरे कार्य को पूर्ण करने के लिए निविदा आमंत्रित की गई, जो सफल निविदा रही.
जैमिनी एंटरप्राइजेज जमशेदपुर को यह कार्य आवंटित किया गया है. इस राशि से वह तीन अधूरे जल मीनार और इस योजना के तहत लगभग 70 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने का कार्य भी किया जाना है, जिसमें 44 किलोमीटर एजेंसी की ओर से पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है. लगभग 26 किलोमीटर पाइप लाइन नई एजेंसी की ओर से पाइप लाइन बिछाते हुए और लगभग 17,000 घरों में नल देने का काम दिया गया था. इस योजना को पूर्ण करने के लिए 9 महीने का समय दिया गया है. डीएमएफटी फंड से बैलेंस राशि उपलब्ध करा दी गई है.
कार्य को पूर्ण होने में नहीं होगा विलंब
सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि यह योजना 2007-08 की है. तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने पहल करते हुए चाईबासा शहर के लोगों को भी शुद्ध पेयजल आपूर्ति हो, महिलाओं को पानी के लिए नदी नाला नहीं जाना पड़े इसे ध्यान में रखते हुए, इस योजना को केंद्र से पारित कराया गया था, परंतु जैसे ही यूपीए सरकार हटी लोगों ने इसे ठंडे बस्ते में डालने का कार्य किया परंतु एक बार फिर जब महागठबंधन की सरकार बनी है तो मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस कार्य को पूर्ण होने में और विलंब नहीं होगा.
पानी पहुंचाने का कार्य पहली प्राथमिकता
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना को अक्टूबर 2021 तक पूर्ण कर लेना है और यदि यह एजेंसी इसे सितंबर माह में पूरा कर लेती है तो उसे सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा और विशेष राशि पुरस्कार भी दी जाएगी. वही मंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि अधिकारी या कोई अभियंता लोगों को पेयजल पहुंचाने में कोताही बरतते है तो उन पर कार्रवाई होनी निश्चित है ऐसे अधिकारी और अभियंता को निलंबित भी किया जा सकता है.
मंत्री ने कहा कि लोगों को पानी पहुंचाने का कार्य हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता है. जिसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस मौके पर सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, नगर परिषद उपाध्यक्ष डोमा मिंज मुख्य रूप से उपस्थित रहे.