चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले के लांजी जंगल पहाड़ पर नक्सल विरोधी अभियान के दौरान आईईडी ब्लास्ट में 3 जवान शहीद हो गए, जबकि 2 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. आनन-फानन में पुलिस ने घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से रांची भेजा. अस्पताल ले जाने के क्रम में एक जवान की मौत हो गई. जबकि 2 शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल परिसर स्थित पोस्टमार्टम हाउस लाया गया.
इसे भी पढे़ं: सीएम हेमंत सोरेन का नक्सलियों को खुली चुनौती, कहा- मुख्यधारा में लौटें वरना पुलिस ने संभाल लिया है मोर्चा
आईईडी ब्लास्ट में झारखंड जगुआर के किरण सुरीन, हरद्वार साह और हेड कांस्टेबल देवेंद्र कुमार पंडित शहीद हो गए. उनके पार्थिव शरीर को उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों और जवानों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और सम्मान के साथ झारखंड जगुआर रांची भेज दिया गया. रांची में शहीद जवानों को सीएम हेमंत सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी नीरज सिन्हा समेत आला पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की.
किरण की पत्नी हुई बेसुध
सिमडेगा के कोलेबिरा प्रखंड के गोबरधंसा गांव के किरण सुरीन के शहीद होने की खबर उनकी पत्नी ग्रेस गुड़िया को दी गई. ग्रेस गुड़िया मध्य विद्यालय की शिक्षिका हैं. घटना की जानकारी मिलते ही उनके सहयोगी शिक्षकों ने ग्रेस गुड़िया को चक्रधरपुर पहुंचाया, जहां ग्रेस गुड़िया रोती बिलखती अपने पति किरण सुरीन का चेहरा दिखाने के लिए पुलिस जवानों को बोलती रहीं. पुलिस जवानों ने उनका चेहरा दिखाकर पार्थिव देह को रांची भेज दिया. ग्रेस गुड़िया ने बताया कि हमलोगों की शादी वर्ष 2019 में हुई थी, सुबह लगभग 7.30 बजे उनसे बात भी हुई थी, जिसमें किरण ने उन्हें बताया था कि वे सर्च ऑपरेशन में जा रहे हैं. ग्रेस गुड़िया ने बताया कि हमदोनों ने अभी तो गृहस्थी शुरू ही कि थी, जो आगे बढ़ने से पहले ही सब कुछ खत्म हो गया.