चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा-हाटगम्हरिया-बरायबुरू एनएच-320 मुख्य सड़क पर छोटे-छोटे कई पुल-पुलिया की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है. खराब सड़क और उस पर बने गड्ढे अक्सर हादसे को आमंत्रित करते रहते हैं.
आए दिन कई ऐसी खबरें देखने को मिलती है जिसमें सड़क पर बने गड्ढों की वजह से लोगों की जान चली जाती है. नोवामुंडी बड़ाजामदा सड़क स्थित दो पुलों पर ऐसे ही जानलेवा गड्ढे़ हो चुके हैं. साथ ही पुल की छड़े भी नजर आने लगी हैं. स्थिति इतनी खराब है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. कई बार इसी सड़क से अंचल-पथ निर्माण प्रमंडल विभाग और राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल के पदाधिकारियों की आवाजाही होती रहती है. इसके बावजूद भी पदाधिकारियों की नजर इस पुल की दयनिय स्थिति पर नहीं पड़ती और वे इससे अनजान बने हुए हैं. मरम्मती की दिशा में अब तक कोई पहल नही किए जा रहे हैं. मानो पथ निर्माण प्रमंडल और राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल के पदाधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हो.
मालवाहक वाहनों का लगा रहता है तांता
बात दें कि नोवामुंडी बड़ाजामदा और झारखंड ओडिशा की सीमावर्ती क्षेत्र में कई खदानें संचालित हैं. उन खदानों से भारी वाहनों से प्रतिदिन सैकड़ों टन लौह अयस्क की ढुलाई कार्य भी किए जाते हैं. इस सड़क से ही क्षेत्र के लौह अयस्क राज्य के विभिन्न जिलों में भेजी जाती हैं. इस सड़क मार्ग स्थित पुलों पर से प्रतिदिन सैकड़ों भारी वाहनों का परिचालन होता है. ऐसी स्थिति में इन पुलों का क्षतिग्रस्त होना बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहा है. जिनमें सड़क स्थित दोनों पुलों में से एक पुल भी अगर टूट जाती है बड़ाजामदा, गुआ, किरीबुरू आदि के साथ साथ अन्य क्षेत्रों के लाखों लोगों की पूरी तरह से लाइफ लाइन कट सी जाएगी.
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एक दूसरे के चक्कर में रूका विकास कार्य
राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल के सहायक अभियंता ई सिद्धि पासवान बताते हैं कि हटागम्हरिया बरायबुरू अंचल और पथ निर्माण विभाग की ओर से सड़क निर्माण और मरम्मती के कार्य किये जाते रहे हैं, लेकिन अब इस सड़क को राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल के अंतर्गत दे दिया गया है. दोनों विभागों के पदाधिकारियों की ओर से हैंड ओवर और टेक ओवर चार्ज नहीं दिया जा सका है. जिस कारण अब तक विभाग की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया आ रहा है. आरसीडी विभाग की ओर से ट्रांसफर नहीं किया गया है. जब तक ट्रांसफर नहीं होगा वैसी स्थिति में ना ही सड़क की वास्तविक स्थिति को देखते हुए सरकार के समक्ष प्रपोजल उनकी ओर से रखा जा सकता है और ना ही कोई भी कार्य किये जा सकते हैं.
दोनों विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण नोवामुंडी-बड़ाजामदा क्षेत्र को जोड़ने वाली या यूं कहें कि लाइफ लाइन दोनों पुलें जर्जर स्थिति होती जा रही है. ऐसे में अगर एक भी पुल टूट जाता है तो इस क्षेत्र के लाखों लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. क्योंकि सड़क पर बने इस पुल के अलावा इस क्षेत्र के लोगों के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा. ऐसे में इस क्षेत्र के लोग पूरी तरह से कट जाएंगे.