ETV Bharat / state

अगर हमारा जंगल ही नहीं रहेगा तो हम पर्व कैसे मनाएंगे: गीता कोड़ा

चाईबासा में वन विभाग द्वारा नदी महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची सांसद गीता कोड़ा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया. मौके पर अतिथियों एवं स्कूली बच्चों द्वारा पौधारोपण किया गया.

गीता कोड़ा
author img

By

Published : Jul 13, 2019, 7:22 PM IST

चाईबासा: जिला मुख्यालय से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित कुजू नदी तट पर वन विभाग द्वारा नदी महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस नदी महोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पश्चिम सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में चाईबासा विधायक दीपक बिरवा, पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा उपस्थित रहे. नदी महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि सांसद गीता कोड़ा द्वारा विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस मौके पर सांसद, विधायक के साथ सभी अतिथियों एवं स्कूली बच्चों द्वारा पौधारोपण किया गया.

पूरी खबर वीडियो में

ये भी देखें- रांची: दिनदहाड़े जेवर दुकान लूटने की कोशिश, विरोध करने पर दुकानदार को किया घायल


जंगल नहीं रहेगा तो पर्व कैसे मनेगा- गीता


सांसद गीता कोड़ा ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 2015 के आंकड़ों के अनुसार वनों की वृद्धि में मात्र 1% ही बढ़ोतरी हो सकी है, यह आंकड़े उत्साहित करने वाले तो नहीं है परंतु कहीं ना कहीं यह लोगों का सहयोग है जिससे वनों की वृद्धि हो सकी है. सांसद ने कहा कि वन विभाग के निरंतर प्रयास से यह संभव हो सका है लेकिन केवल एक ही विभाग के प्रयास करने से यह जन आंदोलन नहीं बन सकता है, इसे जन आंदोलन बनाने के लिए सभी लोगों को इससे जुड़ना होगा. उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में जंगलों को बचाने के लिए कई आंदोलन किए गए हैं, झारखंड का आंदोलन भी जल जंगल जमीन को बचाने के लिए किया गया था. गीता कोड़ा ने कहा कि,' हम प्रकृति की ही पूजा करते हैं, अगर हमारा जंगल ही नहीं रहेगा पेड़ ही नहीं रहेंगे तो हम अपना पर्व कैसे मनाएंगे'.

चाईबासा: जिला मुख्यालय से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित कुजू नदी तट पर वन विभाग द्वारा नदी महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस नदी महोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पश्चिम सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में चाईबासा विधायक दीपक बिरवा, पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा उपस्थित रहे. नदी महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि सांसद गीता कोड़ा द्वारा विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस मौके पर सांसद, विधायक के साथ सभी अतिथियों एवं स्कूली बच्चों द्वारा पौधारोपण किया गया.

पूरी खबर वीडियो में

ये भी देखें- रांची: दिनदहाड़े जेवर दुकान लूटने की कोशिश, विरोध करने पर दुकानदार को किया घायल


जंगल नहीं रहेगा तो पर्व कैसे मनेगा- गीता


सांसद गीता कोड़ा ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 2015 के आंकड़ों के अनुसार वनों की वृद्धि में मात्र 1% ही बढ़ोतरी हो सकी है, यह आंकड़े उत्साहित करने वाले तो नहीं है परंतु कहीं ना कहीं यह लोगों का सहयोग है जिससे वनों की वृद्धि हो सकी है. सांसद ने कहा कि वन विभाग के निरंतर प्रयास से यह संभव हो सका है लेकिन केवल एक ही विभाग के प्रयास करने से यह जन आंदोलन नहीं बन सकता है, इसे जन आंदोलन बनाने के लिए सभी लोगों को इससे जुड़ना होगा. उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में जंगलों को बचाने के लिए कई आंदोलन किए गए हैं, झारखंड का आंदोलन भी जल जंगल जमीन को बचाने के लिए किया गया था. गीता कोड़ा ने कहा कि,' हम प्रकृति की ही पूजा करते हैं, अगर हमारा जंगल ही नहीं रहेगा पेड़ ही नहीं रहेंगे तो हम अपना पर्व कैसे मनाएंगे'.

Intro:चाईबासा। जिला मुख्यालय चाईबासा से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित को जो नदी तट पर नदी महोत्सव कार्यक्रम वन विभाग द्वारा आयोजन किया गया। इस नदी महोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पश्चिम सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में चाईबासा विधायक दीपक बिरवा, पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा उपस्थित रहे नदी महोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि सांसद गीता कोड़ा द्वारा विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर सांसद विधायक के साथ सभी अतिथियों एवं स्कूली बच्चों द्वारा पौधारोपण किया गया।Body:इसे जनांदोलन बनाने की आवश्यकता-
सांसद गीता कोड़ा ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह समय की मांग है कि हमें जो करना था वह कर लिया परंतु अपने बच्चों को सही शिक्षा दें जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो इसके साथ ही सही जिम्मेदारी उनको देकर जाएं। उन्होंने कहा कि 2015 के आंकड़ों के अनुसार वनों की वृद्धि में मात्र 1% ही बढ़ोतरी हो सकी है यह आंकड़े काफी उत्साहित करने वाले तो नहीं है परंतु कहीं ना कहीं यह हम लोगों का सहयोग ही है जिससे वनों की वृद्धि हो सकी है। इसके साथ ही वन विभाग के निरंतर सार्थक प्रयास से ही यह संभव हो सका है लेकिन केवल एक ही विभाग के प्रयास करने से यह जन आंदोलन नहीं बन सकता है इसे जन आंदोलन बनाने के लिए सभी लोगों को इससे जुड़ना होगा। हमारा भारतवर्ष गवाह है कि जंगलों को बचाने के लिए कई आंदोलन किए गए हैं झारखंड का आंदोलन भी जल जंगल जमीन को बचाने के लिए किया गया था। मनुष्य के जीवित रहने के लिए पेड़ पौधों का जीवित रहना बहुत ही जरूरी है हम प्रकृति की ही पूजा करते हैं अगर हमारा जंगल ही नहीं रहेगा पेड़ ही नहीं रहेंगे तो हम मागे परब कैसे मनाएंगे।

विधायक दीपक बिरूवा ने कहा कि हमें अपने जीवन में वृक्ष लगाने चाहिए जिससे हमारा वातावरण का संतुलन बना रहे और जलस्तर भी ठीक रहे नदियों को बचाना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है क्योंकि बिना पौधे और पानी के कोई जीवित नहीं रह सकता है इसलिए सभी को अपने जीवन में वृक्षारोपण करना चाहिए।

वहीं पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा ने कहा कि हम सभी वृक्षों के जंगल को काटकर कंक्रीट का जंगल बता रहे हैं जो कि हमारे भविष्य के लिए सही नहीं है इसे सही रखने के लिए हम सभी को मिलकर पौधारोपण करना चाहिए ताकि हमारा वातावरण भी सही रहे और लोगों को पीने के लिए सुरक्षित पानी मिल सके क्योंकि बिना पेड़ पौधों के वर्षा होना संभव नहीं है।
Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.