चाईबासा: जिला समाहरणालय स्थित सभागार में जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के अध्यक्षता में जल जीवन मिशन आधारित एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी नीरजा कुजुर, जिला शिक्षा अधीक्षक अनिल चौधरी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडिस बाढ़ा की उपस्थित रहे. वहीं इस कार्यशाला का आयोजन यूनिसेफ की सहयोगी संस्था, सर्व सेवा समिति संस्थान के तत्वाधान में आयोजित किया.
पंचायत भवनों को दे प्रमुखता
कार्यशाला के दौरान अपने संबोधन में उपायुक्त की ओर से बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत जनप्रतिनिधियों के लिए भी कार्यशाला आयोजित कर जानकारी देना अति महत्वपूर्ण है. ताकि उनके ओर से भी आम जनों को स्वच्छ जल उपयोग करने के लिए जागरूक किया जा सके. जिला के छोटे-छोटे टोलों को भी चिन्हित किया जाए. जिससे हर घर में नल के माध्यम से स्वच्छ जल पहुंचाने की केंद्र और राज्य सरकार की मंशा पूर्ण हो सके. इसके अलावा जिले अंतर्गत विद्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्र के साथ-साथ पंचायत भवनों को प्रमुखता देते हुए प्रथम चरण में ही जल का संयोजन किया जाए. जिला अंतर्गत पेयजल के दोनों प्रमंडल जैसे चाईबासा और चक्रधरपुर में प्रमुखता से कार्य हो और सभी कार्यों का डाटा एंट्री भी तय समय में सुनिश्चित किया जाए.
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हर घर नल से जोड़ने का लक्ष्य
कार्यशाला के दौरान कार्यपालक अभियंता, पेयजल और स्वच्छता प्रमंडल चक्रधरपुर प्रभु दयाल मंडल की ओर से जिला में जल जीवन मिशन के तहत किए गए कार्यों और भविष्य में FHTC के तहत हर घर और अन्य प्रमुख जगहों पर नल-जल कनेक्शन की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाया गया. स्टेट वाश कंसल्टेंट कृष्णा कुमार की ओर से जल जीवन मिशन के उद्देश्य, 2024 तक हर घर नल से जोड़ने का लक्ष्य, पानी की कमी से होने वाले प्रभाव, प्रति व्यक्ति दिन भर 55 लीटर पानी की आवश्यकता, जल जांच के महत्व पर विस्तार से चर्चा किया गया.