चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम का अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र टोंटो प्रखंड का एक गांव हेंदेबुरू टोला डायरिया की चपेट में (Diarrhea in Chaibasa) है. गांव में लगभग दो दर्जन से अधिक लोग डायरिया से पीड़ित हैं. 15 अगस्त की शाम को डायरिया से आक्रांत होकर एक महिला की मौत (Death due to diarrhea) भी हो गयी है. डायरिया पीड़ित रोगियों में महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक है.
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झाड़ फूंक और झोलाछाप डॉक्टरों से करा रहे हैं इलाज: ग्रामीणों ने बताया कि डायरिया से मरने वाली महिला का नाम सुखमती लागुरी है. टोंटो प्रखंड के टोपाबेड़ा और हेंदेबुरू में लगभग 1 सप्ताह से लोग डायरिया की चपेट में हैं. लगभग प्रत्येक घर में एक-दो लोग डायरिया से ग्रसित हैं. कुछ लोग देसी नुस्खा अपना रहे हैं तो कुछ ने झोलाछाप डाक्टर से दवा ली है लेकिन, अब तक किसी को राहत नहीं मिली. कुछ घरों में झाड़-फूंक भी करायी जा रही है.
स्वास्थ्य उपकेंद्र से अभी तक नहीं की गई पहल: गांव में डायरिया का कहर है लेकिन, नजदीकी स्वास्थ्य उपकेंद्र से अभी तक किसी तरह की पहल नहीं की गई है. कुछ ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को दोनों टोला में स्वास्थ्य शिविर लगाने का आश्वासन दिया. हालांकि अभी तक टीम गांव नहीं पहुंची है. ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में शुद्ध पेयजल की समस्या है. चापाकल लगे हैं लेकिन, पाइप के अंदर जंग लग जाने के कारण दूषित पानी निकलता है. गांव के जलस्रोतों में किसी तरह की दवा का छिड़काव भी नहीं किया जाता है. इस कारण भी पानी स्वच्छ नहीं मिल रहा है और लोग इस तरह की जानलेवा बिमारी से ग्रसित हो रहे हैं.
ये ग्रामीण हैं पीड़ित: गांव में पार्वती पुरती, रांदो पुरती, सोमवारी लागुरी, प्रीति लागुरी, मंजू लागुरी, अनिल लागुरी, मंगल सिंह लागुरी, लादगू लागुरी, अन्नत लागुरी, राम लागुरी, पतोर लागुरी, अरचना लागुरी, सावित्री लागुरी, मुक्ता लागुरी आदि डायरिया से ग्रसित बताए जा रहे हैं. डायरिया से आक्रांत लोगों में करीब एक दर्जन बच्चे भी शामिल हैं.