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नवनिर्मित थाना भवन बना असामाजिक तत्वों का अड्डा, पेयजल की कमी के कारण शिफ्ट नहीं हो सके कर्मचारी

पश्चिम सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित किरीबुरू थाना में 2 करोड़ के लागत से नवनिर्मित भवन पुलिस विभाग उपयोग में नहीं ला रही है. जिसके कारण भवन अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है, आए दिन नवनिर्मित थाना परिसर में असामाजिक तत्व जुआ खेलते और शराबियों का अड्डा बना हुआ है.

Newly constructed police station building in Chaibasa costing crores not getting used
नवनिर्मित थाना भवन
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Published : Jan 31, 2020, 12:56 PM IST

चाईबासा: देश डिजिटल की ओर बढ़ रहा है और सभी जगह ऑनलाइन उद्घाटन का प्रचलन है. मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री सभी ऑनलाइन उद्घाटन कर सैकड़ों योजनाओं और भवनों का उद्घाटन कर चुके हैं, लेकिन ऑनलाइन उद्घाटन का परिणाम क्या होता है यह शायद ही कोई जानता होगा.

देखें पूरी खबर

चाईबासा के किरीबुरू थाना लगभग 2 करोड़ रुपए से बना था. जिसका उद्घाटन विगत वर्ष 26 अगस्त 2016 को सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर के गोलमुरी पुलिस लाइन से पश्चिम सिंहभूम के घोर नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल में स्थित नए थाना भवन का ऑनलाइन उद्घाटन किया था. मकसद बस इतना था कि नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में पुलिस को अत्याधुनिक सुविधा से लैस थाना भवन मिलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री के हाथों ऑनलाइन उद्घाटन होने के बावजूद लगभग 4 वर्ष बीत गए. लेकिन किरीबुरू थाना नए भवन में पुलिस कर्मचारी शिफ्ट नहीं हो पाए हैं.

नवनिर्मित किरीबुरू थाना में पुलिस कर्मचारियों के शिफ्ट नहीं होने के कारण सीएम के हाथों ऑनलाइन उद्घाटन हुई इस नए थाना भवन में अब असमाजिक तत्वों का बसेरा बन गया है. इस थाने में जुआ और शराब बेरोक टोक चलती है. थाना भवन देख रेख के आभाव में शुरू होने से पहले जर्जर होता जा रहा है. खिडकियों के शीशे तोड़े जा चुके हैं, कई कमरों के ताले तोड़े जा चुके हैं, थाना के चारों तरफ झाड़ियां उग आई है, कहा जाए तो असमाजिक तत्वों के लिए यह थाना पनाहगाह बना हुआ है. लेकिन पुलिस अपने थाने को न तो सहजने में कोई रूचि दिखा रही है और न ही इसे शुरू करने की दिशा में कोई पहल होता नजर आ रहा है.

Newly constructed police station building in Chaibasa costing crores not getting used
नवनिर्मित थाना भवन

ये भी देखें- बजट 2020ः किसानों को आम बजट से है काफी उम्मीद, किसान चाहते हैं बेहतर सुविधा

इस संबंध में पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने बताया कि किरीबुरू में थाना भवन निर्मित है, लेकिन वहां पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण कब तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है. विभाग ने भी कई बार प्रयास किया गया लेकिन पेयजल उपलब्धता नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि उपविकास आयुक्त एवं अनुमंडल स्तर में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड से भी बात की गई है. उपविकास आयुक्त ने थाना भवन तक पेयजल उपलब्ध करवाने की दिशा में अभियंताओं से बात कर रहे हैं.

इंद्रजीत माहथा ने कहा कि जिसे अपने विकास योजनाओं के माध्यम से जलमिनर का निर्माण करवाया जाएगा. नवनिर्मित थाना भवन में असामाजिक तत्वों के अड्डेबाजी को लेकर सूचनाएं आई थी, जिसके बाद किरीबुरू थाना की पुलिस पार्टी समय-समय पर पेट्रोलिंग करती रहती है और असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है.

चाईबासा: देश डिजिटल की ओर बढ़ रहा है और सभी जगह ऑनलाइन उद्घाटन का प्रचलन है. मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री सभी ऑनलाइन उद्घाटन कर सैकड़ों योजनाओं और भवनों का उद्घाटन कर चुके हैं, लेकिन ऑनलाइन उद्घाटन का परिणाम क्या होता है यह शायद ही कोई जानता होगा.

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चाईबासा के किरीबुरू थाना लगभग 2 करोड़ रुपए से बना था. जिसका उद्घाटन विगत वर्ष 26 अगस्त 2016 को सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर के गोलमुरी पुलिस लाइन से पश्चिम सिंहभूम के घोर नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल में स्थित नए थाना भवन का ऑनलाइन उद्घाटन किया था. मकसद बस इतना था कि नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में पुलिस को अत्याधुनिक सुविधा से लैस थाना भवन मिलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री के हाथों ऑनलाइन उद्घाटन होने के बावजूद लगभग 4 वर्ष बीत गए. लेकिन किरीबुरू थाना नए भवन में पुलिस कर्मचारी शिफ्ट नहीं हो पाए हैं.

नवनिर्मित किरीबुरू थाना में पुलिस कर्मचारियों के शिफ्ट नहीं होने के कारण सीएम के हाथों ऑनलाइन उद्घाटन हुई इस नए थाना भवन में अब असमाजिक तत्वों का बसेरा बन गया है. इस थाने में जुआ और शराब बेरोक टोक चलती है. थाना भवन देख रेख के आभाव में शुरू होने से पहले जर्जर होता जा रहा है. खिडकियों के शीशे तोड़े जा चुके हैं, कई कमरों के ताले तोड़े जा चुके हैं, थाना के चारों तरफ झाड़ियां उग आई है, कहा जाए तो असमाजिक तत्वों के लिए यह थाना पनाहगाह बना हुआ है. लेकिन पुलिस अपने थाने को न तो सहजने में कोई रूचि दिखा रही है और न ही इसे शुरू करने की दिशा में कोई पहल होता नजर आ रहा है.

Newly constructed police station building in Chaibasa costing crores not getting used
नवनिर्मित थाना भवन

ये भी देखें- बजट 2020ः किसानों को आम बजट से है काफी उम्मीद, किसान चाहते हैं बेहतर सुविधा

इस संबंध में पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने बताया कि किरीबुरू में थाना भवन निर्मित है, लेकिन वहां पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण कब तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है. विभाग ने भी कई बार प्रयास किया गया लेकिन पेयजल उपलब्धता नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि उपविकास आयुक्त एवं अनुमंडल स्तर में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड से भी बात की गई है. उपविकास आयुक्त ने थाना भवन तक पेयजल उपलब्ध करवाने की दिशा में अभियंताओं से बात कर रहे हैं.

इंद्रजीत माहथा ने कहा कि जिसे अपने विकास योजनाओं के माध्यम से जलमिनर का निर्माण करवाया जाएगा. नवनिर्मित थाना भवन में असामाजिक तत्वों के अड्डेबाजी को लेकर सूचनाएं आई थी, जिसके बाद किरीबुरू थाना की पुलिस पार्टी समय-समय पर पेट्रोलिंग करती रहती है और असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित किरीबुरू थाना का नवनिर्मित भवन पुलिस विभाग के द्वारा उपयोग में नहीं लाए जाने के कारण अब असामाजिक तत्व का अड्डा बन गया है। आए दिन नवनिर्मित थाना परिसर में असामाजिक तत्व जुआ खेलते व शराबियों का अड्डा बना हुआ है।

Body: देश डिजिटल की ओर बढ़ रहा है और सभी जगह ऑनलाइन उद्घाटन का प्रचलन है। मंत्री, मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री सभी ऑनलाइन उद्घाटन कर सैकड़ो योजनाओं व भवनों आदि का उद्घाटन किया है। लेकिन ऑनलाइन उद्घाटन का परिणाम क्या होता है यह शायद ही कोई जानता होगा। लगभग 2 करोड रुपए से किरीबुरू थाना का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद विगत वर्ष 26 अगस्त 2016 को सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर के गोलमुरी पुलिस लाइन से पश्चिम सिंहभूम के घोर नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल में स्थित नए थाना भवन का ऑनलाइन उद्घाटन किया था। मकसद बस इतना था की नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में पुलिस को अत्याधुनिक सुविधा से लैस थाना भवन मिलेगा। लेकिन मुख्यमंत्री के हाथों ऑनलाइन उद्घाटन होने के बावजूद लगभग 4 वर्ष बीत गए। लेकिन किरीबुरू थाना नए भवन में पुलिस कर्मचारी शिफ्ट नहीं हो पाए है। नव निर्मित किरीबुरू थाना में पुलिस कर्मचारियों के शिफ्ट नही होने के कारण सीएम के हाथों ऑनलाइन उद्घाटन हुई इस नए थाना भवन में अब असमाजिक तत्वों का बसेरा बन गया है। इस थाने में जुआ और शराब बेरोक टोक चलती है। थाना भवन देखरेख के आभाव में शुरू होने से पहले जर्जर होता जा रहा है। खिडकियों के शीशे तोड़े जा चुके हैं। कई कमरों के ताले तोड़े जा चुके हैं, थाना के चारों तरफ झाड़ियाँ उग आई है। कहा जाए तो असमाजिक तत्वों के लिए यह थाना पनाहगाह बना हुआ है। लेकिन पुलिस अपने थाने को ना तो सहजने में कोई रूचि दिखा रही है और ना ही इसे शुरू करने की दिशा में कोई पहल होता नजर आ रहा है।

इस संबंध में पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने बताया कि किरीबुरू में थाना भवन निर्मित है लेकिन वहां पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण कब तक शिफ्ट नहीं किया जा सका है। विभाग के द्वारा भी कई बार प्रयास किया गया परंतु पेयजल उपलब्धता नहीं हो सकी। हम लोगों ने उप विकास आयुक्त एवं अनुमंडल स्तर में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड से भी बात की गई है। उप विकास आयुक्त ने थाना भवन तक पेयजल उपलब्ध करवाने की दिशा में अभियंताओं से बात कर रहे हैं। जिसे अपने विकास योजनाओं के माध्यम से जलमिनर आदि का निर्माण करवाया जाएगा।
नवनिर्मित थाना भवन में असामाजिक तत्वों के अड्डे बाजी को लेकर सूचनाएं आई थी जिसके बाद किरीबुरू थाना की पुलिस पार्टी समय-समय पर पेट्रोलिंग करती रहती है और असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है।Conclusion:
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