चाईबासा: शहर के अंतर्गत नोवामुंडी में अवस्थित टाटा स्टील की खदान की क्षमता विस्तार के लिए छह नवंबर को जनसुनवाई है, जिसके विरोध में शनिवार को सांसद गीता कोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में नोवामुंडी में पदयात्रा की गई.
ग्रामीणों में अभियान को लेकर पूरा जोश दिखा
इस दौरान नेताओं ने कहा कि कंपनी को स्थानीय को रोजगार देना होगा, यहां के लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा देनी होगी. कार्यक्रम में साथ में रहे कार्यक्रम में अतिथि स्वरूप पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी शामिल हुए और जमकर टाटा स्टील नोवामुंडी प्रबंधन पर हमला बोला.
सरकार के वादे खोखले
सभा में सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि टाटा स्टील प्रबंधन ने प्लांट लगाने के पहले भूमि अधिग्रहण करने के लिए बड़े-बड़े वादे किए गए थे. रैयतों को जैसे सुदरवर्ती गांव के ग्रामीणों के बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाना, बेहतर इलाज की मुफ्त सुविधा, बेहतर सड़क और किसानों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने की बातें कही गई थी. आज कई दशक बीत गये, कंपनी सौ साल पुरानी हो गई. लेकिन क्षेत्र के लोगों के जीवन स्तर में कोई बदलाव नहीं आया और ना ही बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाई गई.
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खेतिहर भूमि पानी के अभाव में बंजर
सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि क्षेत्र का विकास तब होगा, जब क्षेत्र के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा दिलाई जाएगी. लेकिन जब गांव के ग्रामीण टाटा स्टील की ओर से संचालित विद्यालयों में एडमिशन कराने के लिए जाते हैं तो कंपनी प्रबंधन की ओर से यह कर टाल दिया जाता है कि फंड नहीं है. ग्रामीणों के इतनी बड़ी जमीन पर अस्पताल बनाया. लेकिन इन ग्रामीणों का इलाज नहीं किया जाता. आज टाटा स्टील की ओर से क्षेत्र में चेकडैम बनाए, वह भी आधा अधूरा बना हुआ है. इस कारण कई एकड़ खेतिहर भूमि पानी के अभाव में बंजर पड़ी हुई है.
जनसुनवाई पर विचार
सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि पहले कंपनी लोगों से किए वादा को पूरा करे तभी लीज नवीकरण के लिए जनसुनवाई पर चर्चा होगी. ग्रामीणों को अपने हक और अधिकार के लिए 6 नवंबर को टाटा स्टील का घेराव करना है और बताना है की पहले इंसाफ चाहिए फिर लीज नवीकरण की जनसुनवाई पर विचार होगा.