ETV Bharat / state

कुपोषित बच्चों का कुपोषण स्वास्थ्य केन्द्र में चल रहा इलाज, व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जिला प्रशासन रख रहा नजर

चाईबासा जिले में कुपोषण को जड़ से खत्म करने की जिला प्रशासन ने ठानी है. जिला प्रशासन द्वारा सर्वे कर कुपोषित बच्चे को कुपोषण उपचार केंद्र इलाज के लिए भेजा जा रहा है. वहीं व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कुपोषण उपचार केन्द्र की बेड की निगरानी भी की जा रही है.

Malnutrition children undergoing treatment at Malnutrition Health Center in chaibasa
कुपोषित बच्चों का कुपोषण स्वास्थ्य केन्द्र में चल रहा इलाज, व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जिला प्रशासन रख रहा नजर
author img

By

Published : Jun 26, 2020, 7:27 PM IST

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है. इसी दिशा में जिला प्रशासन द्वारा सर्वे किया जा रहा है. जो भी बच्चे कुपोषित है उन्हें कुपोषण उपचार केंद्र इलाज के लिए भेजा जा रहा है और वहां व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बेड की निगरानी की जा रही है. इस व्हाट्सएप ग्रुप में जिले के वरीय पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारी भी शामिल हैं.

पश्चिमी सिंहभूम जिला के उपायुक्त अरवा राजकमल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा जिले में कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए लगातार अपने स्तर से प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारी को शामिल करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जिले में संचालित 05 कुपोषण उपचार केंद्र के कुल 60 बेड का लगातार अवलोकन किया जा रहा है.

इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका/सहायिका द्वारा घर-घर जाकर सर्वे करने के दौरान ज्ञात में आने वाले वैसे अति कुपोषित बच्चे जिनका इलाज केंद्र में रखकर किया जाना है उनको तत्काल कुपोषण उपचार केंद्रों में खाली पड़े बेड पर भर्ती करते हुए डॉक्टरों की निगरानी में उसके पूरी तरीके से स्वस्थ होने तक इलाज किया जाता है. इन केंद्रों में बच्चों के साथ उनके माता के रहने की भी व्यवस्था उपलब्ध रहती है, जिससे बच्चों की उचित देखभाल की विधि की जानकारी उन्हें प्राप्त हो और उनका बच्चा कुपोषण जैसी बीमारी से सुरक्षित रहे.

पढ़ें:झारखंड में गुरुवार को मिले 42 कोरोना पॉजिटिव, राज्य में कुल मरीजों की संख्या पहुंची 2261

उपायुक्त ने बताया कि अभी वर्तमान समय में कोविड-19 के दौरान अति गंभीर कुपोषित बच्चों के रेफरल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है तथा कोविड-19 के अंतर्गत आवश्यक दिशा निर्देश का अनुपालन करते हुए बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है. उन्होंने बताया कि अति गंभीर कुपोषित बच्चों के रेफरल का दैनिक अनुश्रवण जिला समाज कल्याण कार्यालय के द्वारा उक्त व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से किया जाता है. उन्होंने बताया कि उक्त व्हाट्सएप ग्रुप में वरीय पदाधिकारियों के साथ कुपोषण उपचार केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा प्रतिदिन उपचार केंद्र में उपलब्ध बेड की स्थिति साझा की जाती है. उक्त सूचना पर संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी और महिला पर्यवेक्षिका के द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाती है. केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा बेड खाली होने से 3 दिन पूर्व ग्रुप में इसकी सूचना दी जाती है. ताकि अति गंभीर कुपोषित बच्चों के रेफरल के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई पूर्व से ही सुनिश्चित रहे एवं बच्चों का समय रहते इलाज उपलब्ध हो सके.

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है. इसी दिशा में जिला प्रशासन द्वारा सर्वे किया जा रहा है. जो भी बच्चे कुपोषित है उन्हें कुपोषण उपचार केंद्र इलाज के लिए भेजा जा रहा है और वहां व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बेड की निगरानी की जा रही है. इस व्हाट्सएप ग्रुप में जिले के वरीय पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मचारी भी शामिल हैं.

पश्चिमी सिंहभूम जिला के उपायुक्त अरवा राजकमल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा जिले में कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए लगातार अपने स्तर से प्रयास किया जा रहा है. जिसके तहत जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और समाज कल्याण विभाग के पदाधिकारी को शामिल करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जिले में संचालित 05 कुपोषण उपचार केंद्र के कुल 60 बेड का लगातार अवलोकन किया जा रहा है.

इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका/सहायिका द्वारा घर-घर जाकर सर्वे करने के दौरान ज्ञात में आने वाले वैसे अति कुपोषित बच्चे जिनका इलाज केंद्र में रखकर किया जाना है उनको तत्काल कुपोषण उपचार केंद्रों में खाली पड़े बेड पर भर्ती करते हुए डॉक्टरों की निगरानी में उसके पूरी तरीके से स्वस्थ होने तक इलाज किया जाता है. इन केंद्रों में बच्चों के साथ उनके माता के रहने की भी व्यवस्था उपलब्ध रहती है, जिससे बच्चों की उचित देखभाल की विधि की जानकारी उन्हें प्राप्त हो और उनका बच्चा कुपोषण जैसी बीमारी से सुरक्षित रहे.

पढ़ें:झारखंड में गुरुवार को मिले 42 कोरोना पॉजिटिव, राज्य में कुल मरीजों की संख्या पहुंची 2261

उपायुक्त ने बताया कि अभी वर्तमान समय में कोविड-19 के दौरान अति गंभीर कुपोषित बच्चों के रेफरल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है तथा कोविड-19 के अंतर्गत आवश्यक दिशा निर्देश का अनुपालन करते हुए बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है. उन्होंने बताया कि अति गंभीर कुपोषित बच्चों के रेफरल का दैनिक अनुश्रवण जिला समाज कल्याण कार्यालय के द्वारा उक्त व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से किया जाता है. उन्होंने बताया कि उक्त व्हाट्सएप ग्रुप में वरीय पदाधिकारियों के साथ कुपोषण उपचार केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा प्रतिदिन उपचार केंद्र में उपलब्ध बेड की स्थिति साझा की जाती है. उक्त सूचना पर संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी और महिला पर्यवेक्षिका के द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाती है. केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा बेड खाली होने से 3 दिन पूर्व ग्रुप में इसकी सूचना दी जाती है. ताकि अति गंभीर कुपोषित बच्चों के रेफरल के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई पूर्व से ही सुनिश्चित रहे एवं बच्चों का समय रहते इलाज उपलब्ध हो सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.