चाईबासाः पश्चिमी सिंहभूम जिले की मझगांव पेयजल आपूर्ति योजना की जांच में मंगलवार को कई अनियमितता मिली हैं. विधायक की शिकायत के बाद उपायुक्त की ओर से गठित जांच टीम ने पाया कि कई इलाकों में मुख्य पाइप लाइन ही नहीं बिछाई गई. वहीं जहां पाइप लाइन बिछाई गई है वहां बहुत कम परिवारों को कनेक्शन दिया गया है. इसके अलावा टीम को मानक के अनुरूप काम किया जाना नहीं मिला है.
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विवादों में रहने वाली महत्वाकांक्षी पेयजल आपूर्ति योजना एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. करोड़ों रुपये की लागत से डीएमएफटी मद से संचालित योजना पीएचडी विभाग द्वारा निर्माण से पहले उद्घाटन किए जाने को लेकर पहले ही विवादित हो गई थी. इस पर स्थानीय विधायक निरल पूर्ति एवं स्थानीय जिला परिषद सदस्य राजेश पिंगा द्वारा सरकार को आवेदन लिखकर अनियमितता की जांच के लिए गुहार लगाई गई थी. इस पर जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के निर्देश पर गठित जांच टीम मंगलवार को इलाके में पहुंची और योजना की बारीकी से जांच की. टीम में एलआरडीसी एजाज अनवर, कार्यपालक दंडाधिकारी जगन्नाथपुर सुषमा लकड़ा व प्रखंड विकास पदाधिकारी मझगांव व अन्य गठित जांच दल के पदाधिकारियों ने योजना का बारीकी से निरीक्षण किया. टीम को यहां काफी अनियमितता मिली है. जांच में पता चला है कि कई टोलों में मुख्य पाइपलाइन नहीं बिछाई जा सकी है. पंचायतवार, ग्रामवार टोले में जहां पाइपलाइन बिछाई गई है वहां मात्र कुछ ही परिवारों को पानी का कनेक्शन दिया गया है. इसमें भी मानक के अनुरूप काम नहीं मिला है. जांच दल को लोगों ने बताया कि कब इसका उद्घाटन किया गया, उन्हें पता नहीं चला. लेकिन आज ही पानी सप्लाई चालू की गई है. योजना का मुख्य जल मिनार प्रखंड मुख्यालय परिसर में है, जिसकी टंकी से पानी का रिसाव हो रहा है. एलआरडीसी एजाज अनवर ने बताया कि जांच की रिपोर्ट जिला उपायुक्त के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी.