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चाईबासा के इस गांव में पेयजल का भारी संकट, गड्ढे के पानी से बुझा रहे हैं प्यास

चाईबासा के मझगांव प्रखंड के बुरुसाई कोला के 150 ग्रामीणों के सामने पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है. ये लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए बरसाती गड्ढे का पानी पीने को मजबूर हैं. ऐसे में घर-घर नल से जल पहुंचाने की योजना पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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Published : Jun 7, 2021, 4:28 PM IST

Updated : Jun 7, 2021, 10:29 PM IST

shortage of drinking water
पीने के पानी की किल्लत

चाईबासा: 2024 तक घर-घर नल से जल पहुंचाने की घोषणा मुख्यमंत्री से लेकर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री तक लगातार हर महत्वपूर्ण बैठक में करते रहे हैं. पश्चिम सिंहभूम में भी डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ट्रस्ट फंड का पाइप लाइन से हर घर तक पानी पहुंचाने की योजना बनी हुई है लेकिन इन सबके बावजूद मझगांव प्रखंड मुख्यालय से मात्र 6 किलोमीटर दूर स्थित शारदा गांव के गुरूसाई टोला के 150 ग्रामीण गड्ढ़े के पानी से प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें- रांचीः पानी की किल्लत से ग्रामीण परेशान, जल मीनार बना शोपीस

नहीं पहुंचा सरकारी योजना का लाभ

इतनी सारी योजनाओं के होते हुए भी इस गांव के लोग पेयजल आपूर्ति के लिए खेत में बने चुआं पर निर्भर हैं. क्योंकि इस टोले में चापाकल, पेयजल कुआं या सोलर जल मीनार मौजूद नहीं है. जिस वजह से लोगों को साल भर पीने के पानी के लिए संघर्ष करते रहना पड़ता है.

पानी की किल्लत से ग्रामीण परेशान

गर्मी में बढ़ जाती है मुश्किल

गर्मी के मौसम में जब खेत में मौजूद चुआं सूख जाता है तब इनकी मुश्किलें बढ़ जाती है. उस समय ये गांव के बगल से होकर बहने वाली नदी के किनारे बालू में चुआं बनाकर उसके पानी का इस्तेमाल करते हैं. बरसात के समय इस गांव के लोग छतों पर जमा होने वाले पानी को छानकर पीने को मजबूर हैं.

प्रशासनिक अधिकारी नहीं देते हैं ध्यान

ग्रामीणों के मुताबिक पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण इस गांव पर न तो प्रशासन के लोग और न ही कोई जनप्रतिनिधि ध्यान देते हैं जबकि इस गांव को सबसे पहले नल जल योजना का लाभ मिलना चाहिए था.

चाईबासा: 2024 तक घर-घर नल से जल पहुंचाने की घोषणा मुख्यमंत्री से लेकर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री तक लगातार हर महत्वपूर्ण बैठक में करते रहे हैं. पश्चिम सिंहभूम में भी डिस्ट्रिक्ट माइनिंग ट्रस्ट फंड का पाइप लाइन से हर घर तक पानी पहुंचाने की योजना बनी हुई है लेकिन इन सबके बावजूद मझगांव प्रखंड मुख्यालय से मात्र 6 किलोमीटर दूर स्थित शारदा गांव के गुरूसाई टोला के 150 ग्रामीण गड्ढ़े के पानी से प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें- रांचीः पानी की किल्लत से ग्रामीण परेशान, जल मीनार बना शोपीस

नहीं पहुंचा सरकारी योजना का लाभ

इतनी सारी योजनाओं के होते हुए भी इस गांव के लोग पेयजल आपूर्ति के लिए खेत में बने चुआं पर निर्भर हैं. क्योंकि इस टोले में चापाकल, पेयजल कुआं या सोलर जल मीनार मौजूद नहीं है. जिस वजह से लोगों को साल भर पीने के पानी के लिए संघर्ष करते रहना पड़ता है.

पानी की किल्लत से ग्रामीण परेशान

गर्मी में बढ़ जाती है मुश्किल

गर्मी के मौसम में जब खेत में मौजूद चुआं सूख जाता है तब इनकी मुश्किलें बढ़ जाती है. उस समय ये गांव के बगल से होकर बहने वाली नदी के किनारे बालू में चुआं बनाकर उसके पानी का इस्तेमाल करते हैं. बरसात के समय इस गांव के लोग छतों पर जमा होने वाले पानी को छानकर पीने को मजबूर हैं.

प्रशासनिक अधिकारी नहीं देते हैं ध्यान

ग्रामीणों के मुताबिक पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण इस गांव पर न तो प्रशासन के लोग और न ही कोई जनप्रतिनिधि ध्यान देते हैं जबकि इस गांव को सबसे पहले नल जल योजना का लाभ मिलना चाहिए था.

Last Updated : Jun 7, 2021, 10:29 PM IST
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