चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग और सामाजिक सुरक्षा कोषांग की संयुक्त रुप से समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्यतः नीति आयोग के सूचकांक जोकि मातृत्व और शिशु से संबंधित मामलों की समीक्षा की गई.
कार्यों की रैंकिंग करने का निर्णय
उपायुक्त ने बताया कि बैठक में विशेष रूप से संस्थागत प्रसव, एएनसी निबंधन, टीकाकरण और इसी प्रकार सीडीपीओ के द्वारा किए जाने वाले कार्य, एनसीडी का आयोजन कुपोषित बच्चों को कुपोषण उपचार केंद्र रेफर करने की विवरणी के साथ-साथ महिला पर्यवेक्षक के द्वारा क्षेत्र भ्रमण से संबंधित जानकारी, टीएचआर वितरण के अद्यतन प्रतिवेदन का अवलोकन करते हुए जिला स्तर पर इन सभी के कार्यों की रैंकिंग करने का निर्णय लिया गया है.
खराब प्रदर्शन करने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी पर होगी कार्रवाई
उपायुक्त अरवा राजकमल ने बताया गया कि रैंकिंग करने के निर्णय के आलोक में जो भी खराब प्रदर्शन करने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही साथ उनके द्वारा अगले महीने की कार्य योजना का प्रजेंटेशन जिलास्तरीय बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा. वह अपने क्षेत्र में किस तरह की योजनाओं को संचालित कर कार्यों को आगे ले जाएंगे. इसी तरह क्षेत्रीय पदाधिकारियों की ओर से कर्तव्य पालन नहीं करने पर स्पष्टीकरण के साथ-साथ उनके वेतन को रोकने का भी निर्णय बैठक में लिया गया है.
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प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को किया गया निर्देशित
उपायुक्त ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में काफी सुधार भी हुआ है. टीएचआर के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों को अक्टूबर माह के अंतर्गत उपलब्ध करवाए जाने वाले चावल वितरण की भी स्वीकृति दी गई है. जल्द ही इसी माह में इसका वितरण भी सुनिश्चित किया जाएगा. इसके अलावा संस्थागत प्रसव के आंकड़ों में भी काफी सुधार आया है, लेकिन कुछ प्रखंड क्षेत्रों में प्रशिक्षित प्रसव सहायिका के बिना ही कार्य किया जा रहा है. ऐसे आंकड़ों को कम करने हेतु विशेषकर चक्रधरपुर, मनोहरपुर के प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है.
कुपोषण नियंत्रण में काफी अच्छा कार्य
उपायुक्त ने बताया कि पूर्व में चक्रधरपुर क्षेत्र में डॉक्टर विदाउट बॉर्डर्स के माध्यम से कुपोषण नियंत्रण में काफी अच्छा कार्य किया गया था. जिसे बाद में सोनुवा, बंदगांव औक गुदड़ी के लिए भी निशुल्क प्रस्तावित किया गया था. उससे संबंधित प्रेजेंटेशन उक्त चारों प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी के समक्ष दिखाया गया.
बच्चों को किया जाएगा कुपोषण मुक्त
उपायुक्त ने बताया कि इस योजना को सामुदायिक स्तर पर निशुल्क संचालित करने के लिए झारखंड सरकार की ओर से पूर्व में एमओयू प्राप्त संस्था ने रुचि दिखाई है. जिला प्रशासन का यह उद्देश्य है कि उक्त चारों प्रखंड को इसके तहत पूर्ण रूप से कुपोषण मुक्त किया जा सके. इस संबंध में वैसे बच्चे जिन्हें कुपोषण उपचार केंद्र रेफर करने की आवश्यकता है. उन्हें उपचार केंद्र पर और वैसे बच्चे जिन्हें सामुदायिक स्तर पर ही कुपोषण मुक्त किया जा सकता है. उन्हें आवश्यक दवाई के साथ उचित पोषण आहार देते हुए कुपोषण से मुक्त करेंगे.
बैठक में मौजूद लोग
बैठक में जिले के सिविल सर्जन डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी सदर अस्पताल एजाज अनवर, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडिस बाढ़ा आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे.