चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में विलकिन्सन रूल के तहत न्याय पंच के संचालन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. मौके पर डीसी ने बताया कि विगत फरवरी माह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जिला में आगमन के दौरान उनकी ओर से भी इस मुद्दे पर विशेष रुप से ध्यान दिया गया था कि कोल्हान विलकिन्सन रूल के तहत न्याय पंच को पूरी शक्ति देने के संबंध में सरकार पहल करेगी. इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए स्थानीय चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ की ओर से एक पत्र सिंहभूम के प्रमंडलीय आयुक्त को दिया गया है. जिसमें उल्लेखित किया गया है कि न्याय पंच को सशक्त बनाने के लिए किस प्रकार का कानून बनाना है और इसके तहत किस रूल को अंतर्निहित करना है.
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उपायुक्त ने बताया कि अभी वर्तमान में अधिसूचित विलकिन्सन रूल के तहत दो मुकदमा प्रयोग के रूप में न्याय पंच को हस्तांतरित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिस तरह से जिले के मानकी-मुंडा की आकांक्षा रही कि न्याय पंच पूर्व की तरह जिले में संचालित हो. इसके तहत अभी जो भी दीवानी वाद अधिकतम सीमा 5 हजार रुपये तक के टाइटल सूट या संपत्ति बंटवारा का रहता है, तो उसे कानूनी रूप से न्याय पंच में हस्तांतरित करने का निर्णय बैठक में लिया गया है. इसके लिए लंबित वादों का अवलोकन भी किया गया.
उपायुक्त ने बताया कि न्याय पंच का गठन, प्रतिनियुक्त पेशकार का दायित्व और जूरी के सदस्यों को प्रशिक्षण देने का कार्य भी किया जाएगा. इस प्रक्रिया में किसी भी वकील का संलिप्तता नहीं होगी. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक तौर पर न्याय पंच के क्रियांवयन के उपरांत ज्ञात में आने वाली समस्याओं और सुझावों से संबंधित प्रतिवेदन राज्य सरकार को उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि इससे संबंधित प्रभावशाली प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार की जाए.