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झारखंड से दूर नहीं हुई बेरोजगारी, JMM की सरकार बनते ही बनेगी योजना: सुखराम उरांव - झारखंड महासमर

झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर दिनों-दिन चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही हैं. सभी नेता अपनी-अपनी प्राथमिकताओं के साथ जनता के बीच पहुंच रहे हैं. इसी के मद्देनजर चक्रधरपुर विधानसभा सीट से जेएमएम प्रत्याशी सुखराम उरांव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने वर्तमान सरकार की नाकामियों और इस चुनाव में अपनी प्राथमिकताओं को रखा है.

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Published : Nov 25, 2019, 1:49 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 6:30 PM IST

चाईबासा: झारखंड में इन दिनों चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है. उम्मीदवार चुनाव चिन्ह मिलने के बाद से ही अपने-अपने विधानसभा की जनताओं की प्राथमिकताएं गिनवा रहे हैं. इसी क्रम में चक्रधरपुर विस सीट से जेएमएम प्रत्याशी सुखराम उरांव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपनी जीत का दावा किया है.

जेएमएम प्रत्याशी सुखराम उरांव से खास बातचीत

कभी BJP तो कभी JMM को अपनाते रहे हैं सुखराम

चक्रधरपुर विधानसभा सीट से सुखराम उरांव एक बार फिर जेएमएम की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. वे 2005 में चक्रधरपुर सीट से जेएमएम की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान सुखराम जेएमएम छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे और इस सीट से बीजेपी की टिकट पर अपनी पत्नी नवमी उरांव को चुनाव लड़ाया था, लेकिन जेएमएम के शशि भूषण सामड से वे चुनाव हार गई थी. जिसके बाद सुखराम उरांव ने एक बार फिर से साल 2018 में जेएमएम में वापसी की है.

स्वास्थ्य और शिक्षा दुरुस्त करना हमारी पहली प्राथमिकता

सुखराम उरांव से ईटीवी भारत के संवाददाता देवेंद्र कुमार ने चुनाव के जुड़े मुद्दों पर खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कि विगत 5 सालों में वर्तमान बीजेपी सरकार की कई ऐसी नाकामियां हैं, जिनको लेकर वह जनता के बीच जा सकते हैं, लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के पास वे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर जाना चाहते हैं. सुखराम की माने तो चक्रधरपुर अनुमंडल में स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति काफी खराब है. अस्पताल में एक्स-रे, ईसीजी जैसे जरुरी उपकरणों की सुविधाएं नहीं हैं. ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को निजी अस्पतालों में अपना इलाज कराना पड़ रहा है. वहीं, चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में स्कूली शिक्षा की हालत बहुत ही दयनीय है. हम सरकार में आते ही इसपर विशेष ध्यान देकर व्यवस्था को दुरुस्त कराएंगे.

किसानों के साथ BJP ने धोखा किया

जेएमएम प्रत्याशी सुखराम उरांव ने खास बातचीत में कहा कि बीजेपी चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में उड़िया समाज को अपना वोट बैंक मानती रही है, लेकिन क्षेत्र में उड़िया भाषा की पढ़ाई न के बराबर है. आज भी ओडिशा राज्य के सिलेबस के अनुसार यहां के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र रहा है, इसके बावजूद वर्तमान सरकार के पास किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है. बीजेपी सरकार के दौरान खेतिहर किसानों के लिए कई चेक डैम का निर्माण कराया गया है, लेकिन एक भी चेकडैम किसानों के काम नहीं आ सका. सरकार इस योजना को लागू करने में विफल रही और सरकारी पैसों का सिर्फ दुरुपयोग किया गया.

ये भी देखें- जामताड़ा के 'जमघट' में उतरे BJP के बागी, कहा- टिकट मिलनेवाले को 2014 में नकार चुकी है जनता

सरकार बेरोजगारी दूर करने में असफल

सुखराम उरांव ने चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी को एक बहुत बड़ी समस्या बताया है. केंद्र सरकार का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारों के लिए बहुत तरह की योजना लाई, लेकिन इसके बावजूद इस क्षेत्र से बेरोजगारी कम नहीं हो पाई. इसको लेकर उन्होंने कहा कि अगर इस बार जेएमएम की सरकार बनती है तो बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए सरकार योजना बनाएगी और बेरोजगारी को दूर करेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा तभी संभव हो पाएगा जब राज्य में हमारी सरकार बनेगी. हमारा संकल्प है कि कोल्हान कि 14 विधानसभा सीटों में सभी सीट जेएमएम के खाते में आएगी और इस बार झारखंड में जेएमएम की सरकार बनेगी.

चाईबासा: झारखंड में इन दिनों चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है. उम्मीदवार चुनाव चिन्ह मिलने के बाद से ही अपने-अपने विधानसभा की जनताओं की प्राथमिकताएं गिनवा रहे हैं. इसी क्रम में चक्रधरपुर विस सीट से जेएमएम प्रत्याशी सुखराम उरांव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और अपनी जीत का दावा किया है.

जेएमएम प्रत्याशी सुखराम उरांव से खास बातचीत

कभी BJP तो कभी JMM को अपनाते रहे हैं सुखराम

चक्रधरपुर विधानसभा सीट से सुखराम उरांव एक बार फिर जेएमएम की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. वे 2005 में चक्रधरपुर सीट से जेएमएम की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान सुखराम जेएमएम छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे और इस सीट से बीजेपी की टिकट पर अपनी पत्नी नवमी उरांव को चुनाव लड़ाया था, लेकिन जेएमएम के शशि भूषण सामड से वे चुनाव हार गई थी. जिसके बाद सुखराम उरांव ने एक बार फिर से साल 2018 में जेएमएम में वापसी की है.

स्वास्थ्य और शिक्षा दुरुस्त करना हमारी पहली प्राथमिकता

सुखराम उरांव से ईटीवी भारत के संवाददाता देवेंद्र कुमार ने चुनाव के जुड़े मुद्दों पर खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कि विगत 5 सालों में वर्तमान बीजेपी सरकार की कई ऐसी नाकामियां हैं, जिनको लेकर वह जनता के बीच जा सकते हैं, लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के पास वे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर जाना चाहते हैं. सुखराम की माने तो चक्रधरपुर अनुमंडल में स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति काफी खराब है. अस्पताल में एक्स-रे, ईसीजी जैसे जरुरी उपकरणों की सुविधाएं नहीं हैं. ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को निजी अस्पतालों में अपना इलाज कराना पड़ रहा है. वहीं, चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में स्कूली शिक्षा की हालत बहुत ही दयनीय है. हम सरकार में आते ही इसपर विशेष ध्यान देकर व्यवस्था को दुरुस्त कराएंगे.

किसानों के साथ BJP ने धोखा किया

जेएमएम प्रत्याशी सुखराम उरांव ने खास बातचीत में कहा कि बीजेपी चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में उड़िया समाज को अपना वोट बैंक मानती रही है, लेकिन क्षेत्र में उड़िया भाषा की पढ़ाई न के बराबर है. आज भी ओडिशा राज्य के सिलेबस के अनुसार यहां के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र रहा है, इसके बावजूद वर्तमान सरकार के पास किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है. बीजेपी सरकार के दौरान खेतिहर किसानों के लिए कई चेक डैम का निर्माण कराया गया है, लेकिन एक भी चेकडैम किसानों के काम नहीं आ सका. सरकार इस योजना को लागू करने में विफल रही और सरकारी पैसों का सिर्फ दुरुपयोग किया गया.

ये भी देखें- जामताड़ा के 'जमघट' में उतरे BJP के बागी, कहा- टिकट मिलनेवाले को 2014 में नकार चुकी है जनता

सरकार बेरोजगारी दूर करने में असफल

सुखराम उरांव ने चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी को एक बहुत बड़ी समस्या बताया है. केंद्र सरकार का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बेरोजगारों के लिए बहुत तरह की योजना लाई, लेकिन इसके बावजूद इस क्षेत्र से बेरोजगारी कम नहीं हो पाई. इसको लेकर उन्होंने कहा कि अगर इस बार जेएमएम की सरकार बनती है तो बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए सरकार योजना बनाएगी और बेरोजगारी को दूर करेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा तभी संभव हो पाएगा जब राज्य में हमारी सरकार बनेगी. हमारा संकल्प है कि कोल्हान कि 14 विधानसभा सीटों में सभी सीट जेएमएम के खाते में आएगी और इस बार झारखंड में जेएमएम की सरकार बनेगी.

Intro:चाईबासा। विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल के प्रत्याशियों के द्वारा नामांकन के बाद उन्हें चुनाव चिन्ह भी आवंटित हो गई है सभी राजनीतिक दल के प्रत्याशी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों की जनता को अपनी अपनी प्राथमिकताएं गिनती करवा रहे हैं। इसी क्रम में झारखंड मुक्ति मोर्चा के चक्रधरपुर प्रत्याशी सुखराम उरांव अपने कार्यकर्ताओं के साथ अपने घर में ही बैठक कर रणनीति बना रहे हैं।




Body:सुखराम उरांव 2005 में चक्रधरपुर से झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर चुनाव जीते थे पिछले चुनाव 2014 में भाजपा में शामिल हो गए थे और भाजपा ने उनकी पत्नी नवमी उरांव को चुनाव लड़ाया था लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा के शशि भूषण सामड से वे चुनाव हार गई थी। जिसके बाद सुखराम उरांव ने वर्ष 2018 में झारखंड मुक्ति मोर्चा में वापसी हुई।

सुखराम उरांव से ईटीवी भारत के संवाददाता देवेंद्र कुमार ने खास बातचीत की। उनका कहना है कि विगत 5 वर्ष वर्तमान सरकार के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर वह जनता के पास जा सकते हैं। लेकिन अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के पास वे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार आदि मुद्दों के साथ जाएंगे। उनके माने तो चक्रधरपुर अनुमंडल स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति काफी खराब है अस्पताल में एक्स-रे, ईसीजी आदि उपकरणों की सुविधाएं नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को निजी अस्पतालों में जाकर अपना इलाज एक श्रेया ईसीजी कराने पड़ते हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था दुरुस्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उड़िया समाज के लोगों को अपना वोट बैंक मानती रही है लेकिन क्षेत्र में उड़िया भाषा की पढ़ाई नगण्य है। आज भी उड़ीसा का सिलेबस लाकर यहां के बच्चों को पढ़ाया जाता है।

उन्होंने कहा कि चक्रधरपुर विधानसभा कृषि प्रधान क्षेत्र है उसके बावजूद सरकार के पास किसानों के लिए कोई प्लानिंग नहीं है खेतिहर किसानों के लिए सरकार के द्वारा कई चेक डैम निर्माण करवाए गए परंतु सभी विफल रहे पैसों का भी दुरुपयोग हुआ जिस कारण अब ग्रामीण क्षेत्र के किसान अपनी जमीन चेक डैम निर्माण आदि के लिए भी नहीं देना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है यूं तो केंद्र एवं राज्य सरकार कई योजनाएं बना रही है परंतु सभी विफल है अगर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनती है तो बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए रोजगार के नए योजनाएं बनाई जाएंगी और बेरोजगारी की इन समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

यह तभी संभव है जब राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनती है उन्होंने कहा कि यह हमारा संकल्प है कि कोल्हान कि 14 की 14 सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा निकालेंगी। इसी संकल्प के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा काम कर रही है।





Conclusion:
Last Updated : Nov 25, 2019, 6:30 PM IST
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