चाईबासा: झारखंड विधानसभा की पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण समिति है. इस समिति के सभापति सविता महतो, सदस्य विधायक बंधु तिर्की हैं. इस समिति से पश्चिम सिंहभूम जिले के खनन प्रभावित, गैर खनन प्रभावित क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण को नियंत्रण करने और वैकल्पिक व्यवस्था मुहैया कराने की मांग की गई है. इसको लेकर जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष रंजन बोयपाई ने 10 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है. झारखंड विधानसभा की पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति सभापति सविता महतो और सदस्य विधायक बंधु तिर्की अपने दो दिवसीय दौरे पर जिला मुख्यालय पहुंचे हैं.
जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष रंजन बोयपाई ने 10 सूत्री ज्ञापन में मुख्य रूप से कहा है कि जिला पश्चिम सिंहभूम अंतर्गत खनन प्रभावित क्षेत्र और गैर खनन प्रभावित क्षेत्रों में होने वाले प्रदूषण से पर्यावरण के साथ लोक स्वास्थ्य की क्षति हो रही है, जिस पर पहल करना जनहित में अति आवश्यक है.
क्या है मांग
प्रखंड नोवामुंडी अंतर्गत गुवा पंचायत के स्टेशन बस्ती गुवा में जोकि घनी आबादी वाली बस्ती है, जहां से लगभग 2 किलोमीटर सड़क गुजरती है जो काफी जर्जर स्थिति हो गई है. जिस पर वाहनों के आवागमन से उड़ने वाली लाल मिट्टी से पर्यावरण और बस्ती के लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है.
बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग में हो रहे लौह अयस्कों के लोडिंग से होने वाले प्रदूषण से अगल-बगल की बस्तियों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानियां हो रहीं हैं. साथ ही उनके स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा है. रेलवे साइडिंग के समीप नाला जिससे वहां के ग्रामीणों की तरफ से आसपास के खेतों में पूर्व में सिंचाई की जाती थी. प्रदूषण और लाल मिट्टी से पूरी तरह प्रभावित हैं.
पेयजल की व्यवस्था
खनन प्रभावित प्रखंड नोवामुंडी अंतर्गत विभिन्न गांव में पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था नहीं है. घाटकुरी, रोआम, गांगदा, लुपुंगा, राईका, तिनतुडिया इत्यादि गांव में पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. चाईबासा नगरपालिका क्षेत्र के विभिन्न मोहल्ले नीमडीह, यूरोपियन क्वार्टर, बड़ी बाजार, कुम्हार टोली मेरीटोला से निकलने वाली दूषित जल का प्रवाह नालियों की तरफ से सीधे रोरो नदी में जाकर मिलने से नदी का जल प्रदूषित हो रहा है. जिस पर वैकल्पिक व्यवस्था का प्रबंध करना अति आवश्यक है.
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साई स्पंज प्लांट से हो रहा प्रदूषण
कपानी प्रखंड अंतर्गत नवागांव में स्थापित साई स्पंज प्लांट से होने वाले प्रदूषण से आसपास के घरों की छत और पेड़-पौधे काले पड़ गए हैं. प्रदूषण से ग्रामीण जनता का स्वास्थ्य एवं कृषि को क्षति हो रही है. केलेंडे पंचायत के ग्राम केलेंडे के आसपास के क्षेत्रों में किसी स्पंज प्लांट के डस्ट को डंप किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण और ग्रामीणों के स्वास्थ्य का नुकसान हो रहा है.
कुछ दिनों पूर्व वहां के ग्रामीणों की तरफ से विरोध भी किया गया था. नोवामुंडी प्रखंड अंतर्गत ग्राम पीचुवा में टीडीपीएल माइंस एंड क्रशर और सीटीएस कंपनी की तरफ से संचालित किए जा रहे स्टोन क्रशिंग यूनिट और माइनिंग में प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. जिस से होने वाला प्रदूषण अगल बगल के गांव में रहने वाले ग्रामीणों के स्वास्थ्य में प्रतिकूल असर हो रहा है.
साथ ही जलाशय, तालाब, नाला इत्यादि को भी प्रदूषित कर रहा है. वहीं उक्त दोनों कंपनियों की तरफ से पूर्व में किए गए खनन से 40-50 फीट खड़े कटान वाले गड्डों में पानी भर गया है. मवेशियों के पानी में डूबने से मौत हो रही है. ग्रामीणों की तरफ से समय-समय पर हो रहे प्रदूषण के खिलाफ विरोध भी प्रदर्शन किया जाता रहा है.
जलीय जीव जंतु नष्ट
चाईबासा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत स्थित सदर अस्पताल से निकलने वाले दूषित जल का प्रवाह मंगला हाट के समीप जोड़ा-तालाब में मिल रहा है, जिसके प्रभाव से जलीय जीव जंतु नष्ट हो चुके हैं. उक्त पर नियंत्रण एवं वैकल्पिक व्यवस्था करने की आवश्यकता है. विभागीय सांठ-गांठ से अवैध बालू खनन का कार्य जारी है.
रात 10:00 बजे से सुबह 4:00 बजे तक उक्त काम को अंजाम दिया जाता है. सदर प्रखंड अंतर्गत लुपंगुटू पंचायत में स्थित प्रख्यात प्राकृतिक झरना, जिसका जल डायबिटीज और अन्य बीमारियों के लिए लाभदायक माना जाता है. जल स्रोतों के आसपास जहां पक्कीकरण किए जाने से झरना का अस्तित्व समाप्त हो सकता है. जहां उद्गम एवं जल के स्रोत स्थल का पक्कीकरण को हटाते हुए अन्य क्षेत्र में पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास किया करने जैसे मुद्दों को रखा गया. इस मौके पर राजेश कुमार शुक्ला, बबलू रजक, दीनबंधु घोष, पूर्व नगर अध्यक्ष रमेश ठाकुर बसंत तांती उपस्थित रहे.