चाईबासा: जिले के चक्रधरपुर प्रखंड के केंदों पंचायत माटियाडी साई में चौपाल आयोजित की गई. जहां मनरेगा कमिश्नर सिद्धार्थ त्रिपाठी ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना. इस दौरान चौपाल में कमिश्नर ने लापरवाही पर मनरेगा कर्मचारियों को फटकार भी लगाई.
ग्रामीणों का है जॉब कार्ड
सबसे पहले कमिश्नर ने केन्दों गांव के ग्रामीणों से बातचीत की और उनसे मनरेगा से नहीं जुड़ने के कारणों की जानकारी ली. इस दौरान आयुक्त को जानकारी हुई कि 80 प्रतिशत ग्रामीणों का जॉब कार्ड नहीं है. ऐसे में वह किस तरह मनरेगा से जुड़ पाएंगे. वहीं ग्रामीणों को मनरेगा की जानकारी भी नहीं थी. इन बातों को जानने के बाद उन्होंने खुद ही रोजगार से जोड़ने की योजनाओं की जानकारी दी और बीडीओ राम नारायण सिंह को निर्देश दिए कि कैंप लगा कर जॉब कार्ड बनाएं और उसका वितरण करें. सभी गांव के लोगों को जॉब कार्ड दें. इतना ही नहीं यह कार्य पूरे जिले में आयोजित करने को कहा गया.
मुखिया को पढ़ाया कर्तव्य का पाठ
चौपाल के दौरान कमिश्नर त्रिपाठी ने मनरेगा कर्मचारियों को लापरवाही पर फटकार लगाई. मुखिया शांति देवी को भी ग्रामीणों का सहयोग करने को कहा. उन्हें कहा कि जनप्रतिनिधि हैं तो इन्हें ठगने का कार्य नहीं करे. कुछ उम्मीद के कारण ही ग्रामीणों ने चुना है. जिस कारण अपना कर्तव्य निभाए.
मनरेगा में सबको दिलाएंगे काम
इस दौरान मनरेगा आयुक्त त्रिपाठी ने कहा कि सरकार की ओर से ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने को लेकर कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं. आप सभी सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के प्रति जागरूक होकर योजनाओं का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाएं. मनरेगा आयुक्त ने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि आप स्वयं जागरूक हों ही, अपने गांव के लोगों को भी जागरूक करें एवं संगठित होकर अपने गांव के विकास में योगदान दें. ग्रामीणों को रोजगार के लिए भटकने की जरूरत नहीं है. मनरेगा के तहत गांव में ही योजना संचालित कर आप सभी को काम दिया जाएगा.
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15 दिन में 100 योजना की शुरुआत की तैयारी
मौके पर कमिश्नर त्रिपाठी ने कहा कि मनरेगा में कुछ विशेष परिवर्तन दो महीने पहले किया गया है. पहले डिमांड लेने का कार्य सिस्टम से वहीं करते थे. जब से अलग हुआ है तब से राज्य में मजदूरी चार गुना बढ़ गया है. पहले सवा लाख होती थी, अब यह संख्या 5.80 लाख हो गई है. लेकिन चाईबासा में स्थिति उस तरह के नहीं है. चाईबासा में जिस तरह वृद्धि होनी चाहिए नहीं हुई है. उसी को समझने के आए थे. प्रयास है कि सभी लोगों को काम मिले. इस पंचायत में मुश्किल से तीन योजनाएं चल रही हैं. दस से 15 दिनों में इस पंचायत में कम से कम सौ योजना चलाने का भी लक्ष्य है. मौके पर डीडीसी संदीप बख्सी, बीडीओ राम नारायण सिंह, मुखिया शांती देती, पंचायत सचिव निरल होरो, मनरेगा कर्मी समेत ग्रामीण मौजूद रहे.