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चाईबासाः ओडिशा में फंसे मजदूर घर वापस आए, छत्तीसगढ़ के लिए 16 बसें रवाना की - ओडिशा में फंसे मजदूर चाईबासा लाए गए

लॉकडाउन में देश के अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के मजदूरों की घर वापसी युद्धस्तर पर हो रही है. सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है. स्पेशल ट्रेनों से बड़ी संख्या में राज्य के मजदूर और छात्रों को लाया जा चुका है. ओडिशा में फंसे मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाया गया.

ओडिशा में फंसे मजदूर घर वापस आए
ओडिशा में फंसे मजदूर घर वापस आए
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Published : May 5, 2020, 2:19 PM IST

Updated : May 5, 2020, 3:23 PM IST

चाईबासा: लॉकडाउन में फंसे प्रदेश के मजदूरों को घर वापस साया जा रहा है. इसी क्रम में ओडिशा के अंगुल जिले से पश्चिमी सिंहभूम के 16 मजदूरों को वापस लाया गया. ओडिशा और छत्तीसगढ़ में फंसे हुए सभी मजदूरों को लाने के लिए जिले से 16 बसें रवाना की गईं. जिसमें न सिर्फ पश्चिमी सिंहभूम बल्कि आवश्यकता होने पर पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला जिले के फंसे हुए मजदूरों को भी लाया जाएगा.

ओडिशा में फंसे मजदूर घर वापस आए.

इस दौरान पश्चिम सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला जिलों के श्रम आयुक्त और उपायुक्त से इस संदर्भ में लगातार बातचीत हो रही है.

जिले के नोडल अधिकारी एजाज अनवर लगातार सभी अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य कर रहे हैं. पुलिस अधीक्षक द्वारा पर्याप्त मात्रा में फोर्स की प्रतिनियुक्ति की गई है, ताकि सुरक्षा के साथ सभी मजदूरों को वापस लाया जाए.

साथ ही लगातार वहां के अधिकारियों से वार्ता चल रही है. उम्मीद करेंगे कि कोल्हान के जितने भी फंसे हुए मजदूर हैं उन सभी को छत्तीसगढ़ और ओडिशा से समय वापस लाएं.

उपायुक्त ने कहा कि मेरा यही अनुरोध है कि जो ऐसे मजदूर जिनको काम फिर से मिल गया है और जो क्वॉरेटांइन अवधि समाप्त होने के पश्चात कार्य कर रहे हैं वे वहीं रहें.

वहां काम छोड़कर आने की इच्छा है तो ही आएं. यहां जो भी आ रहे हैं उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है, जिनके पास राशनकार्ड नहीं है उनको 10 रुपये किलो चावल देने का निर्देश प्रखंड विकास अधिकारियों को दिया गया है.

इस बस में जाने वाले मजदूर भाइयों में से तीन ऐसे हैं जिनके पास राशनकार्ड नहीं है, उनको 10 किलो चावल 10 रुपये के दाम पर देने की बात भी बताई गई है.

रायपुर में भी झारखंड के काफी मजदूर फंसे हुए हैं. उपायुक्त ने बताया कि राज्य के नोडल अधिकारी परिवहन सचिव द्वारा निर्देश दिया गया है कि कोल्हान के तीनों जिलों को यह निर्देश दिया गया है कि पर्याप्त संख्या में बसें भेजकर झारखंड के फंसे हुए मजदूरों को रायपुर, छत्तीसगढ़ से वापस लाएं.

जिले से 12 बसों का इंतजाम किया जा रहा है. 4-4 की संख्या में बसों को भेजा जाएगा ताकि अन्य जिलों के फंसे हुए मजदूरों को भी समय पर चाईबासा लाया जा सके और अपने जिलों के लिए रवाना किया जा सके. अन्य राज्य और जिलों में पश्चिमी सिंहभूम के फंसे हुए श्रमिकों को पूरी सुरक्षा के साथ लाने की कार्रवाई की जा रही.

यह भी पढ़ेंः कोरोना सिपाहियों का होगा 50 लाख का बीमा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय का फैसला

पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा ने कहा कि झारखंड सरकार के आदेशानुसार पश्चिमी सिंहभूम के जो भी निकटवर्ती जिले हैं वहां पर फंसे हुए मजदूरों को लाने के लिए बसें भेजी जा रही हैं.

अंगुल (ओडिशा) से पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई बसों के माध्यम से जिला के 16 मजदूर वापस लौटे हैं. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिला से भेजी जाने वाली सभी बसों में पुलिस अधिकारी और मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई है.

इसके लिए समन्वय करने के लिए एक टीम भी बनाई है जो लगातार उन लोगों का अपडेट ले रहे हैं. किसी भी तरह की समस्या आने पर उपायुक्त सहित वरीय अधिकारियों से लेकर पूरी टीम द्वारा समन्वय करके उन लोगों को मदद की जा रही है और सभी को सुरक्षा के साथ लाने की कार्रवाई पूरी की जा रही है.

चाईबासा: लॉकडाउन में फंसे प्रदेश के मजदूरों को घर वापस साया जा रहा है. इसी क्रम में ओडिशा के अंगुल जिले से पश्चिमी सिंहभूम के 16 मजदूरों को वापस लाया गया. ओडिशा और छत्तीसगढ़ में फंसे हुए सभी मजदूरों को लाने के लिए जिले से 16 बसें रवाना की गईं. जिसमें न सिर्फ पश्चिमी सिंहभूम बल्कि आवश्यकता होने पर पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला जिले के फंसे हुए मजदूरों को भी लाया जाएगा.

ओडिशा में फंसे मजदूर घर वापस आए.

इस दौरान पश्चिम सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला जिलों के श्रम आयुक्त और उपायुक्त से इस संदर्भ में लगातार बातचीत हो रही है.

जिले के नोडल अधिकारी एजाज अनवर लगातार सभी अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य कर रहे हैं. पुलिस अधीक्षक द्वारा पर्याप्त मात्रा में फोर्स की प्रतिनियुक्ति की गई है, ताकि सुरक्षा के साथ सभी मजदूरों को वापस लाया जाए.

साथ ही लगातार वहां के अधिकारियों से वार्ता चल रही है. उम्मीद करेंगे कि कोल्हान के जितने भी फंसे हुए मजदूर हैं उन सभी को छत्तीसगढ़ और ओडिशा से समय वापस लाएं.

उपायुक्त ने कहा कि मेरा यही अनुरोध है कि जो ऐसे मजदूर जिनको काम फिर से मिल गया है और जो क्वॉरेटांइन अवधि समाप्त होने के पश्चात कार्य कर रहे हैं वे वहीं रहें.

वहां काम छोड़कर आने की इच्छा है तो ही आएं. यहां जो भी आ रहे हैं उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है, जिनके पास राशनकार्ड नहीं है उनको 10 रुपये किलो चावल देने का निर्देश प्रखंड विकास अधिकारियों को दिया गया है.

इस बस में जाने वाले मजदूर भाइयों में से तीन ऐसे हैं जिनके पास राशनकार्ड नहीं है, उनको 10 किलो चावल 10 रुपये के दाम पर देने की बात भी बताई गई है.

रायपुर में भी झारखंड के काफी मजदूर फंसे हुए हैं. उपायुक्त ने बताया कि राज्य के नोडल अधिकारी परिवहन सचिव द्वारा निर्देश दिया गया है कि कोल्हान के तीनों जिलों को यह निर्देश दिया गया है कि पर्याप्त संख्या में बसें भेजकर झारखंड के फंसे हुए मजदूरों को रायपुर, छत्तीसगढ़ से वापस लाएं.

जिले से 12 बसों का इंतजाम किया जा रहा है. 4-4 की संख्या में बसों को भेजा जाएगा ताकि अन्य जिलों के फंसे हुए मजदूरों को भी समय पर चाईबासा लाया जा सके और अपने जिलों के लिए रवाना किया जा सके. अन्य राज्य और जिलों में पश्चिमी सिंहभूम के फंसे हुए श्रमिकों को पूरी सुरक्षा के साथ लाने की कार्रवाई की जा रही.

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पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा ने कहा कि झारखंड सरकार के आदेशानुसार पश्चिमी सिंहभूम के जो भी निकटवर्ती जिले हैं वहां पर फंसे हुए मजदूरों को लाने के लिए बसें भेजी जा रही हैं.

अंगुल (ओडिशा) से पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई बसों के माध्यम से जिला के 16 मजदूर वापस लौटे हैं. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिला से भेजी जाने वाली सभी बसों में पुलिस अधिकारी और मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई है.

इसके लिए समन्वय करने के लिए एक टीम भी बनाई है जो लगातार उन लोगों का अपडेट ले रहे हैं. किसी भी तरह की समस्या आने पर उपायुक्त सहित वरीय अधिकारियों से लेकर पूरी टीम द्वारा समन्वय करके उन लोगों को मदद की जा रही है और सभी को सुरक्षा के साथ लाने की कार्रवाई पूरी की जा रही है.

Last Updated : May 5, 2020, 3:23 PM IST
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