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आदिवासी से ईसाई बने तीन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार, पुलिस की मौजूदगी में ग्रामसभा का फैसला - पश्चिमी सिंहभूम खबर

पश्चिम सिंहभूम के मांगापाट सिरासाई में ग्रामीणों ने हो से ईसाई धर्म अपनाने वाले तीन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला लिया गया है. यह फैसला ग्रामसभा की बैठक में लिया गया.

Social boycott of three families
Social boycott of three families
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Published : Sep 18, 2021, 7:06 PM IST

चाईबासा: मझगांव प्रखंड क्षेत्र के ग्राम मांगापाट सिरासाई में ग्रामसभा बुलाकर हो से ईसाई बने तीन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार का फरमान सुनाया गया है. धर्मांतरण मामले को लेकर मझगांव प्रखंड क्षेत्र के ग्राम मांगापाट सिरासाई में ग्रामीण मुंडा मंगलसिंह तिरिया की अध्यक्षता में ग्राम सभा का आयोजन किया गया था.

ग्राम सभा में मझगांव के थाना प्रभारी, कुमारडुंगी थाना के पुलिस बल एवं आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे. बताया गया कि मौजा मांगापाट के टोला सिरासाई में लगभग एक साल पहले राऊतु बंकिरा, राजेंद्र बंकिरा और हीरालाल बंकिरा के परिवार ईसाई धर्म में धर्मांतरित हो गये थे. धर्मांतरण को लेकर गांव में दोनों गुटों में अक्सर वाद-विवाद होता रहता था.

ये भी पढ़ें- 'धर्म'संकट! ईसाई धर्म अपनाने पर हो समुदाय ने शव को अपने कब्रिस्तान में नहीं दी जगह

ग्रामीणों ने इससे पहले भी तीन-चार बार ग्रामसभा की बैठक बुलायी थी और तीनों पर परिवारों को सरना धर्म में वापस आने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन धर्मांतरित परिवार ऐसा करने को राजी नहीं हुए. इसके कारण गांव में पारंपरिक त्योहार और सामाजिक गतिविधियों के दौरान वाद-विवाद होता रहता था. इस समस्या के समाधान के लिए शुक्रवार को फिर से पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में ग्रामसभा की गयी. इस बैठक में तीनों परिवारों के सामाजिक बहिष्कार का फरमान सुनाया गया.

फैसला लिया गया कि धर्मांतरित परिवार को सरकारी लाभ और सरकारी योजना के अलावा गांव में सभी जगह आने-जाने की पाबंदी रहेगी. ईसाई बने परिवार गाय-बैल-बकरी अपनी जमीन में चरायेंगे. शादी-विवाह-जन्म-मृत्यु एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रम में किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिलेगा. गांव के लोग धर्मांतरित परिवार से कोई संबंध नहीं रखेंगे और बातचीत भी नहीं करेंगे. बहिष्कार के पालन की समीक्षा हर रविवार सुबह सात बजे करने का फैसला भी किया गया.

इस अवसर पर ग्रामीण मुंडा मंगलसिंह तिरिया, दियुरी बलदेव पिंगुवा, डाकुवा सोनमनाथ बंकिरा, नरेश पिंगुवा, मार्शल पिंगुवा, लखन दिग्गी टीपूराम पिंगुवा, बुरुंगिया, कृष्णा पिंगुवा, त्रिलोचन पिंगुवा, गणेश पिंगुवा, कैराम बंकिरा, रूपसिंह पिंगुवा, चैतन्य बोयपाई, मनीष बोयपाई, बुधराम बोयपाई, गंगाराम बंकिरा, महिला समूह की सदस्य सहित आदिवासी हो समाज युवा महासभा के केंद्रीय महासचिव इपिल सामड, जिला उपाध्यक्ष गोविंद बिरूबा, सदर अनुमंडल अध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, प्रखंड अध्यक्ष सिकंदर हेंब्रम, सदस्य अनिल चातर आदि काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.

आदिवासी से ईसाई बने तीन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार, पुलिस की मौजूदगी में ग्रामसभा का फैसला

चाईबासा: मझगांव प्रखंड क्षेत्र के ग्राम मांगापाट सिरासाई में ग्रामसभा बुलाकर हो से ईसाई बने तीन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार का फरमान सुनाया गया है. धर्मांतरण मामले को लेकर मझगांव प्रखंड क्षेत्र के ग्राम मांगापाट सिरासाई में ग्रामीण मुंडा मंगलसिंह तिरिया की अध्यक्षता में ग्राम सभा का आयोजन किया गया था.

ग्राम सभा में मझगांव के थाना प्रभारी, कुमारडुंगी थाना के पुलिस बल एवं आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे. बताया गया कि मौजा मांगापाट के टोला सिरासाई में लगभग एक साल पहले राऊतु बंकिरा, राजेंद्र बंकिरा और हीरालाल बंकिरा के परिवार ईसाई धर्म में धर्मांतरित हो गये थे. धर्मांतरण को लेकर गांव में दोनों गुटों में अक्सर वाद-विवाद होता रहता था.

ये भी पढ़ें- 'धर्म'संकट! ईसाई धर्म अपनाने पर हो समुदाय ने शव को अपने कब्रिस्तान में नहीं दी जगह

ग्रामीणों ने इससे पहले भी तीन-चार बार ग्रामसभा की बैठक बुलायी थी और तीनों पर परिवारों को सरना धर्म में वापस आने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन धर्मांतरित परिवार ऐसा करने को राजी नहीं हुए. इसके कारण गांव में पारंपरिक त्योहार और सामाजिक गतिविधियों के दौरान वाद-विवाद होता रहता था. इस समस्या के समाधान के लिए शुक्रवार को फिर से पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में ग्रामसभा की गयी. इस बैठक में तीनों परिवारों के सामाजिक बहिष्कार का फरमान सुनाया गया.

फैसला लिया गया कि धर्मांतरित परिवार को सरकारी लाभ और सरकारी योजना के अलावा गांव में सभी जगह आने-जाने की पाबंदी रहेगी. ईसाई बने परिवार गाय-बैल-बकरी अपनी जमीन में चरायेंगे. शादी-विवाह-जन्म-मृत्यु एवं अन्य सामाजिक कार्यक्रम में किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिलेगा. गांव के लोग धर्मांतरित परिवार से कोई संबंध नहीं रखेंगे और बातचीत भी नहीं करेंगे. बहिष्कार के पालन की समीक्षा हर रविवार सुबह सात बजे करने का फैसला भी किया गया.

इस अवसर पर ग्रामीण मुंडा मंगलसिंह तिरिया, दियुरी बलदेव पिंगुवा, डाकुवा सोनमनाथ बंकिरा, नरेश पिंगुवा, मार्शल पिंगुवा, लखन दिग्गी टीपूराम पिंगुवा, बुरुंगिया, कृष्णा पिंगुवा, त्रिलोचन पिंगुवा, गणेश पिंगुवा, कैराम बंकिरा, रूपसिंह पिंगुवा, चैतन्य बोयपाई, मनीष बोयपाई, बुधराम बोयपाई, गंगाराम बंकिरा, महिला समूह की सदस्य सहित आदिवासी हो समाज युवा महासभा के केंद्रीय महासचिव इपिल सामड, जिला उपाध्यक्ष गोविंद बिरूबा, सदर अनुमंडल अध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, प्रखंड अध्यक्ष सिकंदर हेंब्रम, सदस्य अनिल चातर आदि काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.

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