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नक्सलियों के खिलाफ पिछले साल चलाए गए 130 विशेष और 960 लॉन्ग रेंज ऑपरेशन, 41 हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार

पश्चिम सिंहभूम में नक्सलियों के खात्मे के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है. पिछले एक सालों में पुलिस ने 130 विशेष और 960 लॉन्ग रेंज ऑपरेशन चलाए हैं, जिसमें 41 हार्डकोर नक्सली पकड़े गए है और कई ने आत्मसमर्पण किया है. वहीं, पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ऑपरेशन जारी रहेगा.

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Published : Oct 31, 2019, 9:28 PM IST

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम से नक्सलियों का खात्मा करने के लिए जिला और केंद्रीय सुरक्षा बल निरंतर प्रयास कर रही है. जिसके तहत जिले में लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है. सुरक्षाबल जिले के सारंडा और पोड़ाहाट के बीहड़ जंगलों में नक्सलियों की तलाश कर रहे हैं. विगत एक साल में जिला पुलिस ने 130 विशेष अभियान और 960 लॉन्ग रेंज पेट्रोलिंग चलाया है.

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41 हार्डकोर और उनके सहयोगी नक्सलियों की गिरफ्तारी
विगत 1 साल में पश्चिम सिंहभूम में माओवादी और पीएलएफआई उग्रवादी संगठनों के खिलाफ जिला पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने 130 विशेष अभियान और 960 लॉन्ग रेंज ऑपरेशन चलाया है. जिसके तहत 41 हार्डकोर और उनके सहयोगी नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई है. जिसमें 26 भाकपा माओवादी संगठन से संबंधित सदस्य और 15 पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के सदस्यों की गिरफ्तारी की गई है. इस दौरान नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है.

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जिले में हुई 3 यूनिफाइड कमांड की बैठक
पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा ने बताया कि जिले में यूनिफाइड कमांड की तीन बैठक भी की गई है. इन बैठकों में जवानों की सुविधाओं को बढ़ाते हुए, उनके ऑपरेशन में वृद्धि की गई है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम में नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सूचना का संकलन और उसके अनुरूप नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा.

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नक्सली घटनाओं में आई कमी
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम लंबे समय से उग्रवादी गतिविधियों से प्रभावित रहा है. हालांकि, नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से नक्सली घटनाओं में कमी आई है. लेकिन, यह विशेष ध्यान देने वाली बात है कि जिले के सारंडा, पोड़ाहाट, कोल्हान और चाईबासा चार फॉरेस्ट डिविजन है, जो नक्सलियों के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करती है. इसके बावजूद भी उनके गतिविधियों में काफी कमी आई है.

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बीहड़ जंगल में बनाए जाएंगे पिकेट और पुलिस कैम्प
इंद्रजीत महथा ने बताया कि कुछ नक्सली दस्तों की सूचना मिलती है, तो उनके खिलाफ अभियान चलाया जाता है. इसके अलावा नक्सली गतिविधियों पर पूर्ण विराम लगाने को लेकर हम लोग विभिन्न इलाकों को चिन्हित कर पिकेट और पुलिस कैम्प बनाने का भी प्रस्ताव रख रहें है. जिससे हम बीहड़ जंगलों में जाकर सरकार से मिलने वाली जनकल्याणकारी सुविधाएं ग्रामीणों तक पहुंचा सके. इसके लिए पुलिस निरंतर प्रयास कर रही है और आगे भी जारी रहेगी.

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम से नक्सलियों का खात्मा करने के लिए जिला और केंद्रीय सुरक्षा बल निरंतर प्रयास कर रही है. जिसके तहत जिले में लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है. सुरक्षाबल जिले के सारंडा और पोड़ाहाट के बीहड़ जंगलों में नक्सलियों की तलाश कर रहे हैं. विगत एक साल में जिला पुलिस ने 130 विशेष अभियान और 960 लॉन्ग रेंज पेट्रोलिंग चलाया है.

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41 हार्डकोर और उनके सहयोगी नक्सलियों की गिरफ्तारी
विगत 1 साल में पश्चिम सिंहभूम में माओवादी और पीएलएफआई उग्रवादी संगठनों के खिलाफ जिला पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने 130 विशेष अभियान और 960 लॉन्ग रेंज ऑपरेशन चलाया है. जिसके तहत 41 हार्डकोर और उनके सहयोगी नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई है. जिसमें 26 भाकपा माओवादी संगठन से संबंधित सदस्य और 15 पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के सदस्यों की गिरफ्तारी की गई है. इस दौरान नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है.

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जिले में हुई 3 यूनिफाइड कमांड की बैठक
पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा ने बताया कि जिले में यूनिफाइड कमांड की तीन बैठक भी की गई है. इन बैठकों में जवानों की सुविधाओं को बढ़ाते हुए, उनके ऑपरेशन में वृद्धि की गई है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम में नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सूचना का संकलन और उसके अनुरूप नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा.

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नक्सली घटनाओं में आई कमी
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम लंबे समय से उग्रवादी गतिविधियों से प्रभावित रहा है. हालांकि, नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से नक्सली घटनाओं में कमी आई है. लेकिन, यह विशेष ध्यान देने वाली बात है कि जिले के सारंडा, पोड़ाहाट, कोल्हान और चाईबासा चार फॉरेस्ट डिविजन है, जो नक्सलियों के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करती है. इसके बावजूद भी उनके गतिविधियों में काफी कमी आई है.

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बीहड़ जंगल में बनाए जाएंगे पिकेट और पुलिस कैम्प
इंद्रजीत महथा ने बताया कि कुछ नक्सली दस्तों की सूचना मिलती है, तो उनके खिलाफ अभियान चलाया जाता है. इसके अलावा नक्सली गतिविधियों पर पूर्ण विराम लगाने को लेकर हम लोग विभिन्न इलाकों को चिन्हित कर पिकेट और पुलिस कैम्प बनाने का भी प्रस्ताव रख रहें है. जिससे हम बीहड़ जंगलों में जाकर सरकार से मिलने वाली जनकल्याणकारी सुविधाएं ग्रामीणों तक पहुंचा सके. इसके लिए पुलिस निरंतर प्रयास कर रही है और आगे भी जारी रहेगी.

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चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिले से नक्सलियों का नामोनिशान मिटाने के लिए जिला एवं केंद्रीय सुरक्षा बल निरंतर प्रयास कर रही है। जिसके तहत जिले में लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है, सुरक्षा बल जिले के सारंडा एवं पोड़ाहाट के बीहड़ जंगलों में नक्सलियों की तलाश कर रहे हैं। विगत एक वर्ष जिला पुलिस 130 विशेष अभियान एवं 960 लॉन्ग रेंज पेट्रोलिंग चलाया गया।


Body:41 हार्डकोर एवं उनके सहयोगी नक्सलियों की गिरफ्तारी-
बता दें कि विगत 1 वर्ष में पश्चिम सिंहभूम जिले में माओवादी एवं पीएलएफआई उग्रवादी संगठनों के खिलाफ जिला पुलिस एवं सीआरपीएफ के जवानों के द्वारा 130 विशेष अभियान एवं 960 लॉन्ग रेंज ऑपरेशन चलाया गया। जिसके तहत 41 हार्डकोर एवं उनके सहयोगी नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई। जिसमें 26 भाकपा माओवादी संगठन से संबंधित सदस्य एवं 15 पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के सदस्यों की गिरफ्तारी की गई। इस दौरान नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है।

अब तक जिले में हुई 3 यूनिफाइड कमांड की बैठक -
पश्चिम सिंहभूम पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा ने बताया कि जिले में यूनिफाइड कमांड की तीन बैठक भी की गई है। इन बैठकों में जवानों के सुविधाओं को बढ़ाते हुए एवं ऑपरेशन में वृद्धि की गई है। कुल मिलाकर पश्चिम सिंहभूम जिले में नक्सलियों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा। आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए सूचना का संकलन और उसके अनुरूप नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।

नक्सली घटनाओं में आई कमी-
उन्होंने कहा कि पश्चिम सिंहभूम जिला लंबे समय से उग्रवाद से प्रभावित जिला रहा है। हालांकि पुलिस के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से नक्सलियों की घटनाओं में कमी आई है। परंतु यह विशेष ध्यान देने वाली बात है कि जिले में सारंडा, पोड़ाहाट, कोल्हान एवं चाईबासा चार फॉरेस्ट डिविजन है। जो नक्सलियों के लिए अनुकूल वातावरण पैदा करता है। लेकिन इसके बावजूद भी उनके गतिविधियों में काफी कमी आई है।

बीहड़ जंगल में बनाए जाएंगे पिकेट व पुलिस कैम्प-
उन्होंने बताया कि कुछ नक्सली दस्तों की सूचना मिलती है जिसके खिलाफ अभियान चलाया जाता है। इसके अलावा नक्सलियों की गतिविधि पर पूर्ण विराम लगाने को लेकर हम लोग विभिन्न इलाकों को चिन्हित कर पिकेट व पुलिस कैम्प बनाने का भी प्रस्ताव है। जिससे हम बीहड़ जंगलों में जाकर ग्रामीणों को सरकार से मिलने वाली जनकल्याणकारी सुविधाएं को उन तक पहुंचाया जा सके। इसके पुलिस निरंतर प्रयास जारी है और आगे भी जारी रहेगा।




Conclusion:बाईट - पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा
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