धनबादः सांसद ढुल्लू महतो ने भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने सचिव को एक पत्र भी सौंपा है. जिसमें दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के विस्थापितों और स्थानीय ग्रामीणों से जुड़ी समस्याओं के समाधान की मांग की गई है.
धनबाद सांसद ढुल्लू महतो ने पत्र में उल्लेख किया है कि डीवीसी ने विस्थापितों से जो वादे किए थे उसे अब तक पूरा नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि डीवीसी की स्थापना के बाद से करीब 60% से 70% विस्थापितों को अभी तक नियोजन का लाभ नहीं मिला है. पत्र में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल राज्य के लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं, जबकि झारखंड के विस्थापितों को निराशा ही हाथ लगी. इसके अलावा झारखंड के विस्थापितों ने नौकरी की उम्मीद में अपनी जानें गंवाई हैं, जबकि उनके परिजन आज दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर हैं.
सांसद ने पत्र के माध्यम से बताया है कि डीवीसी प्रबंधन ने अब तक लोगों को बुनियादी सुविधाएं पानी, बिजली और सड़क की समस्या का समाधान नहीं किया है. मैथन, पंचेत और धनबाद-जामताड़ा बॉर्डर क्षेत्र में लोगों को इन समस्याओं से आज भी जूझना पड़ रहा है. सांसद ने पत्र में आगे लिखा कि डीवीसी प्रबंधन ने ग्रामीणों को स्वरोजगार के लिए छोटे-छोटे टेंडर देने की योजना को भी अब बंद कर दिया है. ग्लोबल टेंडरिंग प्रक्रिया की वजह से स्थानीय लोग इन अवसरों से वंचित हो गए हैं. जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं.
साथ ही पत्र के माध्यम से बताया है कि कैजुअल और कॉन्ट्रैक्ट मजदूरों को उनकी श्रेणी के हिसाब से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. साथ ही पीएफ और ईएसआई जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है.सांसद ढुल्लू महतो ने आगे लिखा है कि जिन गांवों में विस्थापन हुआ था, उन्हें न तो जमीन का हस्तांतरण किया गया है और न ही उनके बच्चों के लिए शिक्षा, आवासीय और जाति प्रमाण पत्र बनवाने में कोई सहायता मिली है.
निरसा विधानसभा के लुआडीह गांव का उदाहरण देते हुए सांसद ने इस स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया है. उन्होंने विद्युत मंत्रालय से इन समस्याओं का शीघ्र निवारण करने की मांग की और विस्थापितों की समस्या का समाधान करने का अनुरोध किया है.
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