चाईबासा: तमिलनाडु की कंपनियों में काम कर रही 24 बच्चियों को एअरलिफ्ट के माध्यम से रांची एयरपोर्ट लाया गया, जहां से सभी को चाईबासा वापस लाया गया. इस दौरान जिला उपायुक्त ने बच्चियों से समाहरणालय स्थित सभागार में मुलाकात कर काम करने वाले स्थानों पर हुई समस्याओं की विस्तृत जानकारी ली.
मानव तस्करी से जुड़े व्यक्तियों पर होगी कार्रवाई
पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अरवा राज कमल ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर श्रम विभाग, फिया फाउंडेशन, एसीसी सीमेंट और आसरा संस्था के सहयोग से तमिलनाडु के कंपनी में काम कर रही 24 बच्चियों को चाईबासा वापस लाया गया है. इस दौरान जिला उपायुक्त ने बच्चियों से उनकी समस्याओं के बारे में जाना, साथ ही उन्हें कैसे और किसने कंपनी में भेजा, इन मामलों की विस्तृत जानकारी ली. उन्होंने बताया कि बातचीत के क्रम में जानकारी मिली है कि इन बच्चियों को गैर कानूनी तरीके से निबंधन करवाया गया था. इस प्रकार के मानव तस्करी से जुड़े व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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पुनर्वास की समुचित व्यवस्था की जाएगी सुनिश्चित
उपायुक्त ने बताया कि इन बच्चियों को प्रशिक्षण और 12 हजार रुपये वेतन देने की बात बताई गई थी, लेकिन उसे भी कंपनी की ओर से पूरा नहीं किया गया. डीसी ने कहा कि वापस लौटी सभी बच्चियों के पुनर्वास के लिए योजना तैयार की जा रही है. इसके तहत जिले के झींकपानी में अवस्थित एसीसी सीमेंट की ओर से संचालित सिलाई मशीन प्रशिक्षण संस्था में प्रशिक्षण दिलवाते हुए इन सभी को सशक्त बनाया जाएगा. वर्तमान में कोरोना संक्रमण के प्रभाव से बचाव को लेकर सभी प्रशिक्षण केंद्र बंद हैं. जब भी राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में निर्देश प्राप्त होगा, सभी बच्चियों को सिलाई प्रशिक्षण संस्थान में या रूचि के अनुसार अन्य प्रकार के कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हुए पुनर्वास की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.