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चाईबासा: 31 अक्टूबर तक 10 वृहत जलापूर्ति योजना का निर्माण, डीसी ने दिया निर्देश

पश्चिमी सिंहभूम जिले में आगामी 31 अक्टूबर तक जिले के 10 वृहत जलापूर्ति योजना के निर्माण को पूर्ण करने का उपायुक्त ने निर्देश दिया है. इनमें 6 योजना चाईबासा प्रमंडल की है और 4 योजना चक्रधरपुर प्रमंडल की शामिल की गई है.

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वृहत जलापूर्ति योजना का निर्माण
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Published : Sep 16, 2020, 10:12 AM IST

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम समाहरणालय स्थित सभागार में उप विकास आयुक्त संदीप बक्शी के उपस्थिति में जिला अंतर्गत सभी कार्यकारी एजेंसियों की ओर से संचालित योजनाओं के निर्माण कार्य से संबंधित अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई है. इनमें अधिकतम योजना पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से संबंधित है. इनका निर्माण जिले में उपलब्ध डीएमएफटी मद से किया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

वृहत जलापूर्ति योजना का निर्माण
उपायुक्त अरवा राजकमल की तरफ से बताया गया कि अभी जिला प्रशासन एवं विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि आगामी 31 अक्टूबर तक 10 वृहत जलापूर्ति योजना का निर्माण पूर्ण किया जा सके, जिनमें 06 योजना चाईबासा प्रमंडल एवं 04 योजना चक्रधरपुर प्रमंडल के शामिल हैं. जलापूर्ति योजना की तरफ से क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार 1,000 से 1,500 घरों तक नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति किया जाएगा, जिससे संबंधित आवश्यक कार्रवाई अभी जारी है. उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर वन भूमि एवं रेलवे भूमि रहने के कारण योजना के निर्माण में कुछ विलंब हुआ है, लेकिन प्रथम चरण में 10 जलापूर्ति योजना तैयार किया जाएगा. पूरे जिले में ऐसे 30 अन्य वृहत जलापूर्ति योजनाएं संचालित है, जिनमें नोआमुंडी प्रखंड अंतर्गत जलापूर्ति योजना का पोषित क्षेत्र काफी बड़ा है, जिसके निर्माण में अभी 1 या 2 वर्ष का समय लग सकता है. अभी उक्त 10 जलापूर्ति योजना को प्रारंभ करने से लगभग 15,000 व्यक्तियों को जो वर्तमान समय में लाल पानी की समस्या से ग्रसित है एवं सुदूरवर्ती क्षेत्र यथा छोटानागरा जैसे इलाकों में भी पेयजल व्यवस्था उपलब्ध करवाने की स्थिति में रहेंगे.

योजनावार प्रगति विवरण
उपायुक्त ने बताया कि बैठक में सड़क निर्माण, विद्यालय निर्माण से संबंधित योजनाओं का भी योजनावार प्रगति विवरण प्राप्त किया गया है. ऐसे सभी योजनाओं में संलग्न अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि उनके तरफ से व्यक्तिगत रूप से एमबी बुक का जांच एवं फोटोग्राफ प्राप्त कर संतुष्ट होते हुए भुगतान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने बताया कि इस जिला अंतर्गत विशेष प्रक्रिया का पालन किया जाता है. कोई भी राशि, कोई भी योजना जो कि यहां से निर्गत किया जाता है उनमें निर्माण एजेंसी को किसी भी प्रकार का अग्र धन नहीं दिया जाता है, जिसके पीछे मूल उद्देश्य है कि राशि का विचलन नहीं किया जा सके. उन्होंने बताया कि उक्त पहल के आलोक में अभियंता को निर्देशित किया गया है कि अभी तक संचालित योजनाओं में जितना कार्य एजेंसी के की तरफ से किया गया है. उससे संबंधित भुगतान प्रपत्र कार्यालय को उपलब्ध करवाया जाए ताकि किए गए निर्माण के विरुद्ध भुगतान किया जा सके.

इसे भी पढ़ें-142 दिन बाद खुला होटल अलकोर, हाई कोर्ट के आदेश के बाद मिली राहत

विद्यालय भवन का निर्माण

उपायुक्त की तरफ से बताया गया कि विद्यालय भवन के निर्माण में भी मुख्य रूप से जो विद्यालय भवन हीन है या जर्जर होने के कारण ध्वस्त हो चुके हैं. वैसे भवन निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है. ताकि जब बच्चे विद्यालय में वापस लौटे तो उससे पहले भवन के निर्माण को पूरा करने से संबंधित कार्य योजना तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि जिले में विशेषकर सुदूरवर्ती क्षेत्र यथा जेटिया स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण पूरा किया गया है. जिला अंतर्गत ऐसे स्वास्थ्य केंद्र भवन जो अर्द्धर्निर्मित था, वैसे भवनों के निर्माण को भी जिला में उपलब्ध मद से पूरा किया गया, जिसके तहत 2 योजनाएं पूर्ण हो चुकी है एवं छोटा नागरा में भी बहुत जल्द उम्मीद है कि वहां भी L1 सुविधा के साथ उस क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं के लिए एक सुखद वातावरण तैयार किया जा सके.

पेयजल योजना लागू
उपायुक्त ने बताया कि बैठक में मुख्य बात रही कि जिले के ज्यादातर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पेयजल योजना लागू करना और सरकार के निर्देशानुसार जो 1,200 सोलर जल मीनार योजना लागू किया जा रहा है. इस के संबंध में भी निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश सभी कार्यकारी एजेंसी के कार्यपालक अभियंता को दिया गया है. उम्मीद है आगामी 31 अक्टूबर तक विशेष रूप से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की तरफ से किए जा रहे निर्माण कार्य के साथ-साथ अन्य कार्यकारी एजेंसी की ओर से संचालित योजना भी लक्ष्य के अनुरूप तय समय में पूर्ण हो, ताकि जिले में ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाया जा सके.

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम समाहरणालय स्थित सभागार में उप विकास आयुक्त संदीप बक्शी के उपस्थिति में जिला अंतर्गत सभी कार्यकारी एजेंसियों की ओर से संचालित योजनाओं के निर्माण कार्य से संबंधित अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई है. इनमें अधिकतम योजना पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से संबंधित है. इनका निर्माण जिले में उपलब्ध डीएमएफटी मद से किया जा रहा है.

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वृहत जलापूर्ति योजना का निर्माण
उपायुक्त अरवा राजकमल की तरफ से बताया गया कि अभी जिला प्रशासन एवं विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि आगामी 31 अक्टूबर तक 10 वृहत जलापूर्ति योजना का निर्माण पूर्ण किया जा सके, जिनमें 06 योजना चाईबासा प्रमंडल एवं 04 योजना चक्रधरपुर प्रमंडल के शामिल हैं. जलापूर्ति योजना की तरफ से क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार 1,000 से 1,500 घरों तक नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति किया जाएगा, जिससे संबंधित आवश्यक कार्रवाई अभी जारी है. उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर वन भूमि एवं रेलवे भूमि रहने के कारण योजना के निर्माण में कुछ विलंब हुआ है, लेकिन प्रथम चरण में 10 जलापूर्ति योजना तैयार किया जाएगा. पूरे जिले में ऐसे 30 अन्य वृहत जलापूर्ति योजनाएं संचालित है, जिनमें नोआमुंडी प्रखंड अंतर्गत जलापूर्ति योजना का पोषित क्षेत्र काफी बड़ा है, जिसके निर्माण में अभी 1 या 2 वर्ष का समय लग सकता है. अभी उक्त 10 जलापूर्ति योजना को प्रारंभ करने से लगभग 15,000 व्यक्तियों को जो वर्तमान समय में लाल पानी की समस्या से ग्रसित है एवं सुदूरवर्ती क्षेत्र यथा छोटानागरा जैसे इलाकों में भी पेयजल व्यवस्था उपलब्ध करवाने की स्थिति में रहेंगे.

योजनावार प्रगति विवरण
उपायुक्त ने बताया कि बैठक में सड़क निर्माण, विद्यालय निर्माण से संबंधित योजनाओं का भी योजनावार प्रगति विवरण प्राप्त किया गया है. ऐसे सभी योजनाओं में संलग्न अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि उनके तरफ से व्यक्तिगत रूप से एमबी बुक का जांच एवं फोटोग्राफ प्राप्त कर संतुष्ट होते हुए भुगतान की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने बताया कि इस जिला अंतर्गत विशेष प्रक्रिया का पालन किया जाता है. कोई भी राशि, कोई भी योजना जो कि यहां से निर्गत किया जाता है उनमें निर्माण एजेंसी को किसी भी प्रकार का अग्र धन नहीं दिया जाता है, जिसके पीछे मूल उद्देश्य है कि राशि का विचलन नहीं किया जा सके. उन्होंने बताया कि उक्त पहल के आलोक में अभियंता को निर्देशित किया गया है कि अभी तक संचालित योजनाओं में जितना कार्य एजेंसी के की तरफ से किया गया है. उससे संबंधित भुगतान प्रपत्र कार्यालय को उपलब्ध करवाया जाए ताकि किए गए निर्माण के विरुद्ध भुगतान किया जा सके.

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विद्यालय भवन का निर्माण

उपायुक्त की तरफ से बताया गया कि विद्यालय भवन के निर्माण में भी मुख्य रूप से जो विद्यालय भवन हीन है या जर्जर होने के कारण ध्वस्त हो चुके हैं. वैसे भवन निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है. ताकि जब बच्चे विद्यालय में वापस लौटे तो उससे पहले भवन के निर्माण को पूरा करने से संबंधित कार्य योजना तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि जिले में विशेषकर सुदूरवर्ती क्षेत्र यथा जेटिया स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण पूरा किया गया है. जिला अंतर्गत ऐसे स्वास्थ्य केंद्र भवन जो अर्द्धर्निर्मित था, वैसे भवनों के निर्माण को भी जिला में उपलब्ध मद से पूरा किया गया, जिसके तहत 2 योजनाएं पूर्ण हो चुकी है एवं छोटा नागरा में भी बहुत जल्द उम्मीद है कि वहां भी L1 सुविधा के साथ उस क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं के लिए एक सुखद वातावरण तैयार किया जा सके.

पेयजल योजना लागू
उपायुक्त ने बताया कि बैठक में मुख्य बात रही कि जिले के ज्यादातर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पेयजल योजना लागू करना और सरकार के निर्देशानुसार जो 1,200 सोलर जल मीनार योजना लागू किया जा रहा है. इस के संबंध में भी निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश सभी कार्यकारी एजेंसी के कार्यपालक अभियंता को दिया गया है. उम्मीद है आगामी 31 अक्टूबर तक विशेष रूप से पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की तरफ से किए जा रहे निर्माण कार्य के साथ-साथ अन्य कार्यकारी एजेंसी की ओर से संचालित योजना भी लक्ष्य के अनुरूप तय समय में पूर्ण हो, ताकि जिले में ज्यादा से ज्यादा लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध करवाया जा सके.

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