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शिकारीपाड़ा खनन हादसे की जांच, अवैध खदान का चाल धंसने से दो मजदूरों की गई है जान

शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में अवैध पत्थर उत्खनन जोरों पर जारी है. जहां बीते दिन अवैध पत्थर खदान का चाल धंसने से दो मजदूर की मौत हो गई. हालांकि, इस घटना के बाद जांच शुरू हो गई है.

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शिकारीपाड़ा पत्थर खदान
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Published : Jan 7, 2020, 10:05 PM IST

दुमका: जिले के नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में अवैध पत्थर उत्खनन जोरों पर जारी है. जिसका जीता जागता उदाहरण है कौडीगड़ गांव. जहां बीते दिन अवैध पत्थर खदान के चाल धंसने से दो मजदूर की मौत और एक मजदूर घायल हो गया था.

देखें पूरी खबर

अवैध खनन
हालांकि, इस घटना के बाद जांच शुरू हो गई है. कुछ पत्थर खदान सरकारी प्रक्रिया को पूरा करके सरकार को राजस्व देकर उद्योग की तरह चलाए जा रहे हैं. लेकिन खनन विभाग की अनदेखी के कारण काफी संख्या में पत्थर खदान अवैध रुप से चलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर बोले विपक्षी विधायक- सरकार उठाए कड़े कदम

जांच करने पहुंचे खनन पदाधिकारी
दो मजदूरों की मौत के बाद दुमका जिला खनन पदाधिकारी दिलीप तांती कौडिगड़ खदान हादसे की जांच करने पहुंचे और खुद के बचाव में या अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए वन क्षेत्र में अवैध खनन का हवाला देकर चलते बने.

दुमका: जिले के नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में अवैध पत्थर उत्खनन जोरों पर जारी है. जिसका जीता जागता उदाहरण है कौडीगड़ गांव. जहां बीते दिन अवैध पत्थर खदान के चाल धंसने से दो मजदूर की मौत और एक मजदूर घायल हो गया था.

देखें पूरी खबर

अवैध खनन
हालांकि, इस घटना के बाद जांच शुरू हो गई है. कुछ पत्थर खदान सरकारी प्रक्रिया को पूरा करके सरकार को राजस्व देकर उद्योग की तरह चलाए जा रहे हैं. लेकिन खनन विभाग की अनदेखी के कारण काफी संख्या में पत्थर खदान अवैध रुप से चलाया जा रहा है.

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जांच करने पहुंचे खनन पदाधिकारी
दो मजदूरों की मौत के बाद दुमका जिला खनन पदाधिकारी दिलीप तांती कौडिगड़ खदान हादसे की जांच करने पहुंचे और खुद के बचाव में या अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए वन क्षेत्र में अवैध खनन का हवाला देकर चलते बने.

Intro:दुमका जिले के नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में अवैध पत्थर उत्खनन जोरो पर है जिसका जीता जागता उदाहरण है कौडिगड़ गाँव मे अवैध पत्थर खदान के चाल धसने से दो मजदुर की मौत और एक मजदुर की घायल होने की घटना! मामला खनन विभाग की अनदेखी का परिणाम है ! हालांकि इस घटना के बाद जांच शुरू हो गई है ! शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र का इलाका में जमीन के निचे है पत्थर और कोयला !कुछ पत्थर खदान सरकारी प्रक्रिया को पुरा करके सरकार को राजस्व देकर उधोग की तरह चलाया जा रहा है, लेकिन खनन विभाग की अनदेखी के कारण काफी संख्या में पत्थर खदान अवैध तरीको से चलाया जा रहा है! जिसका परिणाम सामने है,हालांकि मामला सामने आने के बाद करवाई की खानापूर्ति जरूर की जाती है ! लेकिन वही ढाक के तीन पात ,दुमका जिला खनन पदाधिकारी दिलीप तांती कौडिगड़ खदान हादसे की जांच किये! और खुद की बचाव में या अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए वन क्षेत्र में अवैध खनन का हवाला दे दिए
बाइट--दिलीप तांती(जिला खनन पदाधिकारी, दुमका)Body:हालांकि अवैध खनन रोकने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी खनन विभाग की हैअवैध खनन लगातार जारी रहता है ! कल हुए हादसे के लिए घटना स्थल पर पँहुचे दुमका जिला के खनन पदाधिकारी दिलीप तांती ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पत्थर निकाला जा रहा था मिट्टी धसने से हादसा हुईConclusion:कल की घटना में शिकारीपाड़ा पुलिस ने सक्रियता दिखाई की ,पत्थर माफिया द्वारा दोनो शवो को पश्चिम बंगाल रामपुरहाट में रखा गया था !लेकिन पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया ,और दोनों अवैध पत्थर खनन करने वाले अशोक चौधरी, नारायण मंडल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया
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