रांची: खूंटी में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में मारे गए बेगुनाह रोशन होरो की मौत की जांच सीआईडी ने शुरू कर दी है. सीआईडी के मानवाधिकार शाखा ने खूंटी के मुरहू थाने में दर्ज केस को टेकओवर कर पूरे मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया है.
खूंटी में 20 मार्च को सीआरपीएफ और खूंटी पुलिस के संयुक्त अभियान में रोशन को नक्सली समझकर सीआरपीएफ के जवानों ने फायरिंग कर दी थी, जिसमें गोली लगने की वजह से रोशन की मौत हो गई थी. इस मामले में खूंटी में दो कांड दर्ज किए गए थे. पुलिस मुख्यालय से सहमति के बाद दोनों मामलों की जांच सीआईडी करेगी.
क्या है पूरी घटना
20 मार्च को खूंटी के नक्सल प्रभावित मुरहू थाना क्षेत्र के कुम्हारडीह में खूंटी पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियान में नक्सली संगठन पीएलएफआई के कमांडर जिदन गुड़िया के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा. अभियान के दौरान ही घने जंगलों में रोशन आगे की तरफ जा रहा था, जिसे देख सुरक्षाबलों ने रोशन को रुकने के लिए कहा था, नहीं रुकने पर रोशन पर सीआरपीएफ की ओर से फायरिंग कर दी गई थी. गोली लगने के बाद रोशन को आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल ले जाएगा था जहां उसकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद रोशन की मां और पत्नी ने बयान दिया था कि रोशन अपनी बाइक बनवाने के लिए निकला था, लेकिन तभी उसे रास्ते में सीआरपीएफ जवानों ने उसे गोली मार दी.
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निर्दोष था रोशन
इस घटना के बाद झारखंड के डीजीपी एमवी राव ने भी माना था कि अभियान के दौरान सुरक्षाबलों से गलती हुई है, तब मानवीय आधार पर पुलिस ने मृतकों के परिजनों से माफी भी मांगी थी. घटना के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के गाइडलाइंस के हिसाब से शव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड गठित कर करवाया गया था. अब घटना के पीछे आखिर क्या वजह थी और इसके असली दोषी कौन हैं. इसे चिन्हित करने के लिए पूरे मामले की जांच सीआईडी से करवाई जा रही है.