सिमडेगा: शरीर जब बीमार हो और पॉकेट में पैसे ना रहे तो इंसान कितना असहाय और मजबूर हो सकता है, इसकी कल्पना भी कर पाना मुश्किल है. सिमडेगा में ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है. सिमडेगा के सदर अस्पताल में महिला वार्ड के बेड नंबर-11 पर इलाजरत किरण देवी बीमारी के कारण दर्द से कराह रहीं थीं. आर्थिक स्थिति भी इतनी दयनीय है कि एंबुलेंस तक को देने के लिए पैसे नहीं थे.
2 महीने से चल रहा था इलाज
महिला टुकूपानी की रहने वाली है. इनके पति शहर के एक किराना दुकान में काम कर किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. ना तो इनके पास राशन कार्ड है ना ही किसी प्रकार की सरकारी सहायता प्राप्त हो रही है. बीते करीब 2 महीने से महिला सदर अस्पताल में इलाजरत थीं. मामले की सूचना जब ईटीवी भारत संवाददाता को मिली तो उन्होंने इस मामले पर पहल करते हुए बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष किरण चौधरी से बात की और हरसंभव मदद पहुंचाने की बात कही. इसके पश्चात सदर अस्पताल जाकर डॉक्टर से उनकी बीमारी के संबंध में पूरी जानकारी ली. डॉक्टर ने बताया कि जांच रिपोर्ट नॉर्मल है. हालांकि उन्होंने कहा कि बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाना सही होगा. फिर सिविल सर्जन कार्यालय से संपर्क कर एंबुलेंस कि व्यवस्था करावाकर रांची रिम्स भिजवाया गया.
मदद की थी आस
इधर मरीज किरण देवी का बेटा शुभम कुमार कहता है कि उसकी मां लंबे समय से बीमार है. लेकिन वो और उसके पिता पैसे के अभाव के कारण मजबूर थे. अब एंबुलेंस की नि:शुल्क व्यवस्था मिली है तो रिम्स लेकर जा रहे हैं.