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सिमडेगाः श्रमदान कर ग्रामीणों ने बनाई सड़क, ठेकेदार ने किया निराश

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Published : Jul 26, 2020, 7:46 PM IST

सिमडेगा में गरजा से रेंगारी की सड़क को सरकार ने काफी समय तक ठीक नहीं कराया, जिसकी वजह से जलजमाव की समस्या और दुर्घटनाएं बढ़ गई थी. ठेकेदार से निराशा होकर रविवार को गांव के युवकों ने कुदाल और अन्य आवश्यक औजार से सड़क की मरम्मत कर डाली.

villagers repaired road.
युवकों ने उठाया कुदाल.

सिमडेगा: जिले के गरजा से रेंगारी लगभग 14 किलोमीटर पथ काफी जर्जर हो चुका है. जगह जगह बड़े-बड़े गड्ढे सरकारी दावों को आईना दिखाते हैं. आरईओ विभाग ने बीते वर्ष इसकी मरम्मत के लिए निविदा निकाला था. सितबंर 2019 में कार्य भी शुरू भी हो गया था, लेकिन सिर्फ सड़क के किनारे-किनारे मिट्टी भरकर छोड़ दिया गया और विगत 8-9 माह से कुछ कार्य भी नहीं हुआ, जिसके कारण सड़क पर जलजमाव से सड़क की स्थिति और बिगड़ गई. ग्रामीणों का इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया था. वहीं दुर्घटनाएं भी काफी बढ़ गई थी. अपने गांव की सड़क की ऐसी बदहाल स्थिति युवकों को बर्दाश्त नहीं हुई और रविवार को काटुकोना के जागरूक युवकों ने पीटर बागे और सुमन की अगुवाई में हाथों में कुदाल और अन्य आवश्यक औजार लेकर सड़क मरम्मत करने निकल पड़े.

युवकों ने सड़क को बनाया चलने लायक
सड़क की मरम्मत करने निकले युवकों के उत्साह और अपने गांव के प्रति प्रेम को देखकर ट्रैक्टर मालिकों ने भी इन्हें अपना ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन देकर सहयोग किया. देखते ही देखते रविवार सुबह 9 बजे से 3 बजे तक लगातार 6 घंटे कार्य कर इन उत्साही युवकों ने लगभग 4 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत कर डाली. सड़क के किनारे इधर उधर पड़े मेटल और ट्रैक्टर से मोरम मिट्टी ढोकर सड़क को चलने लायक बना डाला.

इसे भी पढ़ें- देवघर: पूरे संताल परगना में फल का आयात करने वाली बाजार समिति है वीरान, श्रावणी मेले में होता था करोड़ों का कारोबार


गांव की जनता को भी अच्छी सड़क पर चलने का अधिकार
श्रमदान कर रहे युवकों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और सरकारी कार्यालयों में मरम्मती के लिए चक्कर काटने से तो अच्छा है कि सभी मिलकर श्रमदान से ही सड़क को चलने लायक बना लें. प्रशासन को जब लगेगा कि इस गांव की जनता को भी अच्छी सड़क पर चलने का अधिकार है, तब बना देगी. श्रमदान में मुख्यरूप से जॉन पीटर बागे, सुमन कुल्लू, अल्बर्ट सोरेंग, सुमन मिज, अजय बिलुंग, गणेश महतो, संतोष, मनोज सोरेंग, रोहित तिर्की, वल्सन टोप्पो, संदीप बा, हेमंत टेटे, पवन कुजूर, क्रिस्टोफर मिंज, रणेंद्र बुढ़, अभिषेक सोरेंग, सुमित टोप्पो, अमन टोप्पो, अमोस कंडुलना समेत अन्य लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

छोटे बच्चों और बुजुर्गों ने भी किया सहयोग
वहीं विपिन कुमार, अश्वनी कुमार और सुमन मिंज ने अपना ट्रैक्टर और पाइप लाइन का कार्य कर रहे संवेदक को अपना जेसीबी मशीन देकर सहयोग किया. मनोज कोनबेगी और फादर सुशील गुड़िया ने श्रमदान कर रहे युवकों को मास्क, नास्ता और पानी देते हुए लगातार 6 घंटे तक सबका उत्साह बढ़ाते रहे. श्रमदान कर रहे युवकों के उत्साह को देखकर काटूकोना गांव के कुछ छोटे बच्चों और बुजुर्ग भी खुद-ब-खुद कुदाल देकर सहयोग करने निकल पड़े.

सिमडेगा: जिले के गरजा से रेंगारी लगभग 14 किलोमीटर पथ काफी जर्जर हो चुका है. जगह जगह बड़े-बड़े गड्ढे सरकारी दावों को आईना दिखाते हैं. आरईओ विभाग ने बीते वर्ष इसकी मरम्मत के लिए निविदा निकाला था. सितबंर 2019 में कार्य भी शुरू भी हो गया था, लेकिन सिर्फ सड़क के किनारे-किनारे मिट्टी भरकर छोड़ दिया गया और विगत 8-9 माह से कुछ कार्य भी नहीं हुआ, जिसके कारण सड़क पर जलजमाव से सड़क की स्थिति और बिगड़ गई. ग्रामीणों का इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया था. वहीं दुर्घटनाएं भी काफी बढ़ गई थी. अपने गांव की सड़क की ऐसी बदहाल स्थिति युवकों को बर्दाश्त नहीं हुई और रविवार को काटुकोना के जागरूक युवकों ने पीटर बागे और सुमन की अगुवाई में हाथों में कुदाल और अन्य आवश्यक औजार लेकर सड़क मरम्मत करने निकल पड़े.

युवकों ने सड़क को बनाया चलने लायक
सड़क की मरम्मत करने निकले युवकों के उत्साह और अपने गांव के प्रति प्रेम को देखकर ट्रैक्टर मालिकों ने भी इन्हें अपना ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन देकर सहयोग किया. देखते ही देखते रविवार सुबह 9 बजे से 3 बजे तक लगातार 6 घंटे कार्य कर इन उत्साही युवकों ने लगभग 4 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत कर डाली. सड़क के किनारे इधर उधर पड़े मेटल और ट्रैक्टर से मोरम मिट्टी ढोकर सड़क को चलने लायक बना डाला.

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गांव की जनता को भी अच्छी सड़क पर चलने का अधिकार
श्रमदान कर रहे युवकों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और सरकारी कार्यालयों में मरम्मती के लिए चक्कर काटने से तो अच्छा है कि सभी मिलकर श्रमदान से ही सड़क को चलने लायक बना लें. प्रशासन को जब लगेगा कि इस गांव की जनता को भी अच्छी सड़क पर चलने का अधिकार है, तब बना देगी. श्रमदान में मुख्यरूप से जॉन पीटर बागे, सुमन कुल्लू, अल्बर्ट सोरेंग, सुमन मिज, अजय बिलुंग, गणेश महतो, संतोष, मनोज सोरेंग, रोहित तिर्की, वल्सन टोप्पो, संदीप बा, हेमंत टेटे, पवन कुजूर, क्रिस्टोफर मिंज, रणेंद्र बुढ़, अभिषेक सोरेंग, सुमित टोप्पो, अमन टोप्पो, अमोस कंडुलना समेत अन्य लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

छोटे बच्चों और बुजुर्गों ने भी किया सहयोग
वहीं विपिन कुमार, अश्वनी कुमार और सुमन मिंज ने अपना ट्रैक्टर और पाइप लाइन का कार्य कर रहे संवेदक को अपना जेसीबी मशीन देकर सहयोग किया. मनोज कोनबेगी और फादर सुशील गुड़िया ने श्रमदान कर रहे युवकों को मास्क, नास्ता और पानी देते हुए लगातार 6 घंटे तक सबका उत्साह बढ़ाते रहे. श्रमदान कर रहे युवकों के उत्साह को देखकर काटूकोना गांव के कुछ छोटे बच्चों और बुजुर्ग भी खुद-ब-खुद कुदाल देकर सहयोग करने निकल पड़े.

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