सिमडेगाः जिस गांव की बेटी ओलंपिक खेल रही हो, ये बात लोगों को जरूर गौरवान्वित करती है. लेकिन दुर्दशा ऐसी है कि भारतीय टीम में चयनित होकर ओलंपिक खेलने टोक्यो (Tokyo Olympic) गई सलीमा टेटे के परिजन और गांव वाले ही मैच देखने से वंचित हो रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- सिमडेगाः हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे के गांव पहुंचे हॉकी झारखंड के अध्यक्ष, माता-पिता को किया सम्मानित
ओलंपिक खिलाड़ी सलीमा टेटे के परिजन और गांव वाले ही मैच नहीं देख पा रहे हैं. भारतीय महिला हॉकी टीम में चयनित होकर अपने गांव, जिला और राज्य को गौरवान्वित करने वाली सलीमा टेटे का मैच देखने से उसके माता-पिता, भाई-बहन और गांव वालों को ही वंचित होना पड़ रहा है. सलीमा सिमडेगा प्रखंड अंतर्गत बड़कीछापर गांव की रहने वाली है. लगभग 45 घरों के इस छोटे से गांव में एक भी घर में टीवी नहीं है.
ओलंपिक खिलाड़ी सलीमा टेटे के बड़कीछापर गांव की बदहाली ऐसी है कि गांव में ना नेटवर्क है, ना बिजली की समुचित व्यवस्था और ना ही बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी चीजें. यहां तक की मोबाइल नेटवर्क स्थिति भी इतनी दयनीय है कि मुश्किल से लोग इधर-उधर घूमकर टावर ढूंढ अपने परिचितों और संबंधियों से बातें करते हैं. ऐसे में सलीमा का मैच का सीधा प्रसारण या फिर इंटरनेट के माध्यम से उसे देखना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है.
हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे का चयन टोक्यो ओलंपिक में होने से से उसके गांव में उत्साह का माहौल है. टोक्यो ओलंपिक में सलीमा का मैच देखने के लिए उनके परिजनों के साथ-साथ पूरा गांव उत्साहित है. लेकिन टीवी में सेटटॉप बॉक्स का कनेक्शन नहीं, मोबाइल में नेटवर्क नहीं. घर में एक टीवी है वो भी एक अरसे से खराब है, गांव में कोई मिस्त्री भी नहीं जो इसे ठीक सके. इस वजह से पूरा गांव सलीमा का खेल देखने से पूरी तरह वंचित हो गया है.
टोक्यो ओलंपिक में हॉकी मैच के पहले गांव वाले सलीमा के घर पहुंचकर जमा होते हैं. शायद टीवी और टीवी कनेक्शन का कुछ जुगाड़ हो जाए. वहीं हाथों में मोबाइल लेकर आसपास नेटवर्क की तलाश करते हैं, जिससे अच्छा नेटवर्क मिले और वो लोग इंटरनेट के माध्यम से सलीमा का मैच देख सके. लेकिन शासन और व्यवस्था की उदासीनता के कारण सभी को निराश होकर वापस अपने-अपने घर लौटना पड़ रहा है.
इसे भी पढ़ें- ओलंपिक के लिए चुनी गईं सिमडेगा की सलीमा, खेल प्रेमियों में उत्साह
सलीमा की छोटी बहन महिमा टेटे और गांव के क्रिस्टोफर नामक व्यक्ति निराश मन से अपनी तकलीफ बताते हैं. वो कहते हैं कि सलीमा का मैच नहीं देख पाने का उन्हें बहुत अफसोस है. साथ ही तकलीफ भी है, उनकी सलीमा देश के लिए हॉकी खेलने टोक्यो गई है और वो लोग उसका मैच तक नहीं देख पा रहे हैं. करीब 45 घरों के इस गांव में सलीमा के घर एकमात्र टीवी तो है, पर वह भी करीब डेढ़ वर्षो से खराब पड़ा है.
कई बार टीवी बनवाया और कनेक्शन के लिए डीटीएच भी लगवाई है, पर आए दिन वज्रपात के कारण छतरी और टीवी खराब हो जाता है. मोबाइल नेटवर्क की बदहाल स्थिति तो कुछ ऐसी है कि बात करने के लिए भी आसपास घूमकर या पेड़ों में चढ़कर नेटवर्क ढूंढना पड़ता है, जिससे अपने परिचितों से बात कर मैच का हाल जान सके.