सिमडेगा: शहर के बस स्टैंड के समीप बड़ी संख्या में फुटपाथ दुकानदार नगर परिषद के विरुद्ध धरने पर बैठे हैं. धरने पर बैठे इन दुकानदारों का आरोप है कि नगर परिषद उनकी रोजी-रोटी छीन रही है. वे लोग फुटपाथ पर अपने छोटे-छोटे दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का किसी प्रकार भरण पोषण करते हैं. ऐसे में नगर परिषद की ओर से उन्हें हटाकर तार जाली की घेराबंदी की जा रही है.
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फुटपाथ दुकानदारों के लिए कठिन समय
कोरोना काल में फुटपाथ दुकानदारों की आर्थिक स्थिति पहले से ही काफी दयनीय हो गई है. अब नगर परिषद का ये कृत्य उन्हें काफी तकलीफ पहुंचा रहा है. नगर परिषद की ओर से विभिन्न जगहों पर की जा रही घेराबंदी से लगभग डेढ़ सौ की संख्या में फुटपाथ दुकानदार प्रभावित हो रहे हैं. इधर फुटपाथ दुकानदारों का कहना है कि यदि नगर परिषद सीमांकन कर सीमित क्षेत्र में दुकान लगाने की परमिशन दे तो वे लोग इसका पालन करेंगे. बस उनसे रोजगार का साधन न छीना जाए.
क्या कह रहे हैं फुटपाथ दुकानदार
धरना प्रदर्शन कर रहे युवक दीपू कुमार कहते हैं कि एमए की पढ़ाई कर रहा हूं. नौकरी के लिए वैकेंसी नहीं है. पहले से ही कोरोना के कारण हम लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. अब नगर परिषद की और से ये तार घेराबंदी का डंडा चलाकर उनके और उनके परिवारों को भूखे मरने के लिए मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में वे लोग कहां जाएंगे और क्या करेंगे.