सरायकेलाः खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के बच्चियों का नामांकन लिए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में नेहरू युवा केंद्र एवं विश्व सेवा परिषद कोल्हान प्रमंडल ने संयुक्त रूप से जिले के उपायुक्त को मामले की शिकायत की है.
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय राजनगर में वर्ष 2019 के नामांकन चयन प्रक्रिया में ऐसी बच्चियों का नामांकन हुआ है जिनके माता-पिता सरकारी मुलाजिम हैं. किसी के पिता शिक्षक हैं, तो किसी की मां सरकारी स्कूल में रसोइया का कार्य करती है. इन संस्थाओं ने चयन प्रक्रिया में सरकारी मापदंडों का पालन नहीं किए जाने का आरोप लगाया है.
ड्रॉप आउट बच्चियां दाखिले से वंचित
ज्ञापन में लिखा है कि ऐसे बच्चों का चयन हो जाने से गरीब, असहाय और ड्रॉप आउट बच्चियां कस्तूरबा में दाखिल होने से वंचित रह गई हैं. जिन बच्चियों के माता-पिता नहीं हैं, पूरी तरह से अनाथ हैं उनका चयन नहीं किया गया है. ज्ञापन में लिखा है कि जो आर्थिक रूप से अत्यंत गरीब हैं उसका भी चयन नहीं किया गया है. जबकि सरकार के गाइडलाइंस के अनुसार वैसी बच्चियां जो किसी कारणवश ड्रॉपआउट हैं और जिनके माता-पिता नहीं हैं या अत्यंत निर्धन हैं, जो शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं, या जो अत्यंत गरीब परिवार से आतीं हैं, उनका नामांकन कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में लिए जाने का प्रावधान है.
निष्पक्ष जांच की मांग
उन्होंने आरोप लगाया है कि 2019 के सत्र में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय राजनगर ने चयन प्रक्रिया में इस तरह का मापदंड नहीं अपनाया है. वहीं, इनके द्वारा राजनगर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में सरकारी शिक्षक और मुलाजिमों के बच्चियों के चयन का निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की गई है.
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जिला शिक्षा अधीक्षक ने दिए जांच के आदेश
इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक ने राजनगर बीईओ को पूरे मामले की जांच का आदेश दे दिए हैं. जिसके बाद राजनगर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं जिला शिक्षा अधीक्षक ने साफ कहा है कि दोषियों पर जांच के उपरांत कार्रवाई की जाएगी.