सिमडेगा: नशा और उसकी लत का अंजाम क्या हो सकता है, सिमडेगा में ऐसा ही देखने को मिला. कुरडेग थाना क्षेत्र के डुमरडीह पंचायत के गताडीह केन्दुटोली गांव शराब के नशे में धुत भतीजे ने अपनी 60 साल की बुआ की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
ये भी पढ़ें- हत्या के तीन आरोपी गिरफ्तार, प्रेम-प्रसंग में हुआ था कत्ल
पैसे के लिए बुआ का कत्ल
आरोपी भतीजा गुरबल राम शराब के नशे का आदी था और आए दिन अपनी बुआ से पैसे की मांग को लेकर मारपीट करता था. वारदात के दिन भी गुरबल शराब के नशे में धुत था और अपनी बुआ राजमुनी से पैसे मांग रहा था. पैसे देने से राजमुनी के इनकार पर गुरबल आग-बबूला हो गया और बुआ की लात घूसों से पिटाई शुरू कर दी. आरोपी की पिटाई से घायल राजमुनी की मौत हो गई.
शव जलाने की कोशिश
हत्या के बाद घबराए आरोपी गुरबल राम ने साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से शव जलाने की कोशिश की. जिसके उसने लिए घर में जल रही ढीबरी का सहारा लेने की कोशिश की, शव जलाने में असफल होने के बाद आरोपी गुरबल मौके से फरार हो गया. ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लिया और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी.
आरोपी भतीजा गुरबल राम गिरफ्तार
छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपी गुरबल को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके खिलाफ धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
क्या है धारा 302?
आईपीसी की धारा 302 कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण है जो कत्ल के आरोपियों पर लगाई जाती है. अगर आरोपी पर हत्या का दोष साबित हो तो उसे उम्रकैद या फांसी की सजा और जुर्माना दोनों हो सकता है. इस धारा के तहत कत्ल के इरादे और उसके मकसद पर ध्यान दिया जाता है. पुलिस को सबूतों के साथ ये साबित करना होता है कि कत्ल आरोपी ने किया है और उसके पास कत्ल का मकसद था और वह हत्या का इरादा भी रखता था.