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बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा एक गांव, 3 महीने से अंधेरे में हैं लोग

सिमडेगा के रानीकुदर गांव के लोग 3 महीने से अंधेरे में रहने के लिए विवश हैं. ग्रामीणों ने गांव के एकमात्र ट्रांसफार्मर जल जाने के बाद बिजली विभाग का चक्कर कई बार लगाया. जहां उन्हें झूठे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.

सिमडेगा के रानीकुदर गांव में तीन महीने से जली ट्रासफार्मर
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Published : Jul 10, 2019, 3:24 PM IST

सिमडेगा: सरकार की हर घर बिजली पहुंचाने के लक्ष्य पर बिजली विभाग के अधिकारी ही पानी फेर रहे हैं. लापरवाही का आलम यह कि जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर रानीकुदर गांव के लोग पिछले तीन महीने से अंधेरे में रह रहे हैं.

तीन महीने पहले गांव का एकमात्र ट्रांसफार्मर जल गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने कई बार बिजली विभाग जाकर ट्रांसफार्मर बदलने की मांग की. लेकिन, विभाग के जेई से लेकर ईई सिर्फ झूठे वादे कर रहे हैं.

सिमडेगा के रानीकुदर गांव में तीन महीने से जली है ट्रांसफार्मर, उदासीन है बिजली विभाग

गांव के एक अरविंद नाम के युवक ने बताया कि हमने कई बार कार्यपालक अभियंता से मिलकर समस्या से अवगत कराते हुए ट्रांसफार्मर को बदलने की मांग की. विभाग ने आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी नया ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया.

इधर, बिजली नहीं होने के कारण गृहणियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर बच्चों के पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

सिमडेगा: सरकार की हर घर बिजली पहुंचाने के लक्ष्य पर बिजली विभाग के अधिकारी ही पानी फेर रहे हैं. लापरवाही का आलम यह कि जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर रानीकुदर गांव के लोग पिछले तीन महीने से अंधेरे में रह रहे हैं.

तीन महीने पहले गांव का एकमात्र ट्रांसफार्मर जल गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने कई बार बिजली विभाग जाकर ट्रांसफार्मर बदलने की मांग की. लेकिन, विभाग के जेई से लेकर ईई सिर्फ झूठे वादे कर रहे हैं.

सिमडेगा के रानीकुदर गांव में तीन महीने से जली है ट्रांसफार्मर, उदासीन है बिजली विभाग

गांव के एक अरविंद नाम के युवक ने बताया कि हमने कई बार कार्यपालक अभियंता से मिलकर समस्या से अवगत कराते हुए ट्रांसफार्मर को बदलने की मांग की. विभाग ने आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी नया ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया.

इधर, बिजली नहीं होने के कारण गृहणियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर बच्चों के पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

Intro:तीन माह से गांव में छाया है अंधेरा, कार्यपालक अभियंता आश्वासन तो दे रहे परंतु ट्रांसफार्मर नहीं

सिमडेगा: सरकार के घर-घर बिजली पहुंचाने के उद्देश्य को स्वयं बिजली विभाग के अधिकारी ही मुंह चिढ़ा रहे है। जिला मुख्यालय से मात्र 7 किमी दूर रानीकुदर गांव के ग्रामीण पिछले तीन से अंधेरे में रहने को विवश हैं। इस पूरे गांव में मात्र एक ही ट्रांसफार्मर था जो करीब तीन माह पूर्व जल गया था। ग्रामीणों ने कई बार विभाग जाकर ट्रांसफार्मर को बदलने की मांग की। परंतु विभाग के जेई से लेकर ईई तक झुठे आश्वासन देकर ग्रामीणों से विभाग के चक्कर लगवा रहे हैं। गांव के एक युवक अरविंद ने बताया कि कई बार कार्यपालक अभियंता से मिलकर समस्या से अवगत कराते हुए ट्रांसफार्मर बदलने की मांग की गयी। आश्वासन तो कई बार प्राप्त हुए परंतु ट्रांसफार्मर महीनों बीतने के पश्चात भी प्राप्त नहीं हुआ है।

मुख्यालय से महज कुछ किमी दूर गांव में तीन माह से अंधेरा छाया हुआ है तो अन्य जगहों की स्थिति का अंदाजा स्वतः ही लगाया जा सकता है। जहां बिजली के तार तो हैं परंतु ट्रांसफार्मर नहीं।

इधर बिजली नहीं होने के कारण गृहणियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा तो दूसरी ओर बच्चों के पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ रहा है।Body:NoConclusion:No
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