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Human Trafficking: नाबालिग का हरियाणा में हुआ सौदा, भागकर पहुंची सिमडेगा - ह्यूमन ट्रैफिकिंग

जिला प्रशासन और विभिन्न संस्थाओं के अथक प्रयास के बावजूद भी सिमडेगा से ह्यूमन ट्रैफिकिंग का कलंक मिटने का नाम नहीं ले रहा है. सिमडेगा की एक नाबालिग लड़की को दूसरे राज्य में बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है.

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ह्यूमन ट्रैफिकिंग
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Published : Sep 5, 2021, 11:12 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 6:56 AM IST

सिमडेगाः नाबालिग लड़की हरियाणा के करनाल से किसी तरह अपनी जान बचाकर भागती हुई शुक्रवार को सिमडेगा पहुंची. सिमडेगा पहुंचते ही इस बच्ची ने सीडब्ल्यूसी की पूर्व अध्यक्ष किरण चौधरी से फोन पर बात कर मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद बच्ची किसी प्रकार सीडब्ल्यूसी की ऑफिस पहुंची.

इसे भी पढ़ें- मानव तस्करी की बेड़ी से 12 साल बाद मिली आजादी, नेपाल से एयरलिफ्ट हुई झारखंड की बेटी, सीएम की पहल का असर



लड़की की स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि वो अपने पैरों पर खड़ी होने में भी असमर्थ थी. लड़की की हालत खराब होता देख पूर्व अध्यक्ष ने अविलंब एएचटीयू थाना को फोन कर जानकारी दी और उनके सहयोग से किसी प्रकार लड़की को सदर अस्पताल पहुंचाया, साथ ही उस लड़की का इलाज अपनी देखरेख में करवाया.

नाबालिग ने बताई आपबीती

स्थिति थोड़ी सामान्य होने पर लड़की अपनी तकलीफ बयां करते हुए कहते हैं कि जब वह अपने घर पर थी. उसके नंबर पर सहयोग विलेज मतरामेटा में काम करने वाला एक ऑटो ड्राइवर फोन किया करता था. साल 2015-16 में होम में रहने के दौरान से वो उस लड़के को जानती है, जो उसे और होम की अन्य लड़कियों को स्कूल लाना और ले जाना किया करता था. उसने पैसे वाले के घर शादी करवाने और अच्छी जिंदगी का लालच दिया, जिससे वो उसके झांसे में आ गई.

इस सदमे के कारण लड़की ऑटो ड्राइवर का नाम नहीं बता सकी, पर कहती है कि वो देखने पर उसे पहचान जाएगी. लड़की बताती है कि बीते 1 जुलाई 2021 को वह अपने घर से कपड़ा लेकर निकली थी. जिसके पश्चात ऑटो ड्राइवर उसे लेकर केलाघाघ मोड़ के समीप कुलदीप नाम के युवक को बाइक और उसे सौंप दिया. जिसके बाद कुलदीप उसे ले जाकर मतरामेटा स्थित अपने घर के कमरे में बंद कर दिया, जहां पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. दो दिन बाद उसे लेकर हरियाणा के करनाल लेकर चला गया. हरियाणा पहुंचने पर कुलदीप नामक युवक ने उसके साथ जबरदस्ती शादी की, फिर उसे दूसरे के हाथों में बेचकर वापस चला लौट गया.

पिता और भाई के प्यार से महरूम यह नाबलिग लड़की अपने अच्छे भविष्य की लालच में सिमडेगा से दूर परदेस को चली गयी. जहां उसके साथ कई बार मारपीट और ज्यादती की गई. जान से मारने की भी धमकी दी जाती थी. लेकिन इस कैद से निकलने की उम्मीद में यह लड़की किसी प्रकार वहां से भाग निकली. किसी राहगीर भले इंसान से मदद मांग कर ट्रेन और बस के माध्यम से सिमडेगा पहुंची.

इसे भी पढ़ें- मानव तस्करों के निशाने पर आदिवासी बच्चे, गिरिडीह के तीन प्रखंड हैं सॉफ्ट टारगेट

सीडब्ल्यूसी की पूर्व अध्यक्ष किरण चौधरी कहती हैं कि उन्हें नाबालिग लड़की ने सिमडेगा पहुंच कर फोन किया था, जिसे वो हरसंभव मदद देने का प्रयास कर रही हैं. साथ ही उन्होंने एएचटीयू थाना को भी इसकी सूचना दे दी है. वहीं होम के ऑटो ड्राइवर की संलिप्तता पर कहती है कि कुछ वर्ष पूर्व एक युवक ऑटो ड्राइवर का काम करता था, फिलहाल वो होम में कार्यरत नहीं है.

सिमडेगा जिला में प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में ट्रैफिकिंग के मामले सामने आते हैं. जिसमें सहयोग विलेज अनाथ आश्रम मतरामेटा से यह पहला मामला सामने आया है. जिसमें होम से निकली बच्ची है लड़की को बाहर के शहर में बेचा गया हो. जबकि ट्रैफिकिंग सहित अन्य मामलों की शिकार हुई लड़कियों को लाकर सहयोग विलेज अनाथ आश्रम में रखा जाता है. ऐसे में सहयोग विलेज के ऑटो ड्राइवर की इस मामले में संलिप्तता मामले की गंभीरता को समझने के लिए काफी है.


विदित हो कि बीते 31 अगस्त 2021 को बाल कल्याण समिति में कार्यरत सभी लोगों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. पूरे राज्य के 24 जिलों में बाल कल्याण समिति निष्क्रिय है. ऐसे में पीड़ित बच्चों की देखभाल और जरूरतमंदों को सहयोग कैसे मिलेगा, यह कह पाना मुश्किल है. अगर जल्द ही बाल कल्याण समिति को सक्रिय नहीं किया जाता है तो कई मामलों पर दिक्कतें आ सकती हैं.

सिमडेगाः नाबालिग लड़की हरियाणा के करनाल से किसी तरह अपनी जान बचाकर भागती हुई शुक्रवार को सिमडेगा पहुंची. सिमडेगा पहुंचते ही इस बच्ची ने सीडब्ल्यूसी की पूर्व अध्यक्ष किरण चौधरी से फोन पर बात कर मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद बच्ची किसी प्रकार सीडब्ल्यूसी की ऑफिस पहुंची.

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लड़की की स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि वो अपने पैरों पर खड़ी होने में भी असमर्थ थी. लड़की की हालत खराब होता देख पूर्व अध्यक्ष ने अविलंब एएचटीयू थाना को फोन कर जानकारी दी और उनके सहयोग से किसी प्रकार लड़की को सदर अस्पताल पहुंचाया, साथ ही उस लड़की का इलाज अपनी देखरेख में करवाया.

नाबालिग ने बताई आपबीती

स्थिति थोड़ी सामान्य होने पर लड़की अपनी तकलीफ बयां करते हुए कहते हैं कि जब वह अपने घर पर थी. उसके नंबर पर सहयोग विलेज मतरामेटा में काम करने वाला एक ऑटो ड्राइवर फोन किया करता था. साल 2015-16 में होम में रहने के दौरान से वो उस लड़के को जानती है, जो उसे और होम की अन्य लड़कियों को स्कूल लाना और ले जाना किया करता था. उसने पैसे वाले के घर शादी करवाने और अच्छी जिंदगी का लालच दिया, जिससे वो उसके झांसे में आ गई.

इस सदमे के कारण लड़की ऑटो ड्राइवर का नाम नहीं बता सकी, पर कहती है कि वो देखने पर उसे पहचान जाएगी. लड़की बताती है कि बीते 1 जुलाई 2021 को वह अपने घर से कपड़ा लेकर निकली थी. जिसके पश्चात ऑटो ड्राइवर उसे लेकर केलाघाघ मोड़ के समीप कुलदीप नाम के युवक को बाइक और उसे सौंप दिया. जिसके बाद कुलदीप उसे ले जाकर मतरामेटा स्थित अपने घर के कमरे में बंद कर दिया, जहां पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया. दो दिन बाद उसे लेकर हरियाणा के करनाल लेकर चला गया. हरियाणा पहुंचने पर कुलदीप नामक युवक ने उसके साथ जबरदस्ती शादी की, फिर उसे दूसरे के हाथों में बेचकर वापस चला लौट गया.

पिता और भाई के प्यार से महरूम यह नाबलिग लड़की अपने अच्छे भविष्य की लालच में सिमडेगा से दूर परदेस को चली गयी. जहां उसके साथ कई बार मारपीट और ज्यादती की गई. जान से मारने की भी धमकी दी जाती थी. लेकिन इस कैद से निकलने की उम्मीद में यह लड़की किसी प्रकार वहां से भाग निकली. किसी राहगीर भले इंसान से मदद मांग कर ट्रेन और बस के माध्यम से सिमडेगा पहुंची.

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सीडब्ल्यूसी की पूर्व अध्यक्ष किरण चौधरी कहती हैं कि उन्हें नाबालिग लड़की ने सिमडेगा पहुंच कर फोन किया था, जिसे वो हरसंभव मदद देने का प्रयास कर रही हैं. साथ ही उन्होंने एएचटीयू थाना को भी इसकी सूचना दे दी है. वहीं होम के ऑटो ड्राइवर की संलिप्तता पर कहती है कि कुछ वर्ष पूर्व एक युवक ऑटो ड्राइवर का काम करता था, फिलहाल वो होम में कार्यरत नहीं है.

सिमडेगा जिला में प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में ट्रैफिकिंग के मामले सामने आते हैं. जिसमें सहयोग विलेज अनाथ आश्रम मतरामेटा से यह पहला मामला सामने आया है. जिसमें होम से निकली बच्ची है लड़की को बाहर के शहर में बेचा गया हो. जबकि ट्रैफिकिंग सहित अन्य मामलों की शिकार हुई लड़कियों को लाकर सहयोग विलेज अनाथ आश्रम में रखा जाता है. ऐसे में सहयोग विलेज के ऑटो ड्राइवर की इस मामले में संलिप्तता मामले की गंभीरता को समझने के लिए काफी है.


विदित हो कि बीते 31 अगस्त 2021 को बाल कल्याण समिति में कार्यरत सभी लोगों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. पूरे राज्य के 24 जिलों में बाल कल्याण समिति निष्क्रिय है. ऐसे में पीड़ित बच्चों की देखभाल और जरूरतमंदों को सहयोग कैसे मिलेगा, यह कह पाना मुश्किल है. अगर जल्द ही बाल कल्याण समिति को सक्रिय नहीं किया जाता है तो कई मामलों पर दिक्कतें आ सकती हैं.

Last Updated : Sep 6, 2021, 6:56 AM IST
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