सिमडेगा: रविवार को मनरेगा में घोटाले की खबर ईटीवी भारत में प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी. इस खबर पर मनरेगा लोकपाल पुष्पा सिंह ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बुधवार को कार्यस्थल का औचक निरीक्षण करने पहुंचीं. वहीं जिला उपविकास आयुक्त अरूण वाल्टर सांगा के निर्देश पर डीआरडीए निदेशक अजय बड़ाईक भी निरीक्षण करने पहुंचे रहे.
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कल्वर्ट के कार्य स्थल का निरीक्षण: लोकपाल एवं डीआरडीए निदेशक ने मौके पर मौजूद बीडीओ पंकज कुमार, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, पूर्व मुखिया, रोजगार सेवक सभी की मौजूदगी में सातों कल्वर्ट के कार्य स्थल का निरीक्षण कर जांच की गई. वहीं मौके पर मौजूद मजदूरों से बात कर कार्य दिवस तथा भुगतान की जानकारी ली.
मनरेगा लोकपाल पुष्पा ने क्या कहा: मनरेगा लोकपाल पुष्पा सिंह ने सातों कल्वर्ट के कार्यस्थल निरीक्षण के बाद कहा कि ईटीवी भारत में प्रकाशित मनरेगा में महाघोटाला, भ्रष्टाचारियों ने कल्वर्ट निर्माण में बुनियाद को ही कर दिया गायब! वाली खबर पूरी तरह सत्य है. लोकपाल ने कहा कि सातों पुलियों का निर्माण बिना बुनियाद के किया गया है. महज ढांचा खड़ा कर कल्वर्ट का रूप दे दिया गया है जबकि किसी भी कल्वर्ट (पुलिया) में आधार नहीं है. साथ ही कहा कि कार्य स्थल निरीक्षण के पश्चात अब योजना से संबंधित अभिलेखों की जांच की जाएगी. वहीं मनरेगा लोकपाल पुष्पा सिंह ने कहा कि जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ने पर जो भी इस मामले में दोषी पाए जाएंगे, उनपर एफआईआर दर्ज किया जाएगा.
इसके अलावा मनरेगा लोकपाल ने कहा कि सातों कल्वर्ट के निर्माण मामले में प्रथम दृष्टया बीपीओ एयाजुल हक, पूर्व मुखिया गगन टोप्पो, पंचायत सचिव जगदीश भोंय, रोजगार सेवक की लापरवाही प्रतीत हो रही है. मनरेगा योजना की पूरी मॉनिटरिंग के लिए मुख्य रूप से बीपीओ को प्रत्येक प्रखंड में प्रतिनियुक्त किया गया है. ऐसे में उनकी पूरी जिम्मेदारी बनती है कि वह मनरेगा कार्यों की अच्छी तरह से मॉनिटरिंग करें. परंतु इस मामले में बड़ी लापरवाही की बात सामने आ रही है.
डीआरडीए निदेशक अजय ने क्या कहा: इधर इस मामले पर डीआरडीए निदेशक अजय बड़ाईक ने भी कहा कि कल्वर्ट निर्माण में बुनियाद नहीं दिए जाने की खबर बिल्कुल सत्य है. किसी भी कल्वर्ट में आधार नहीं दिया गया है. इसलिए मामला पूरी राशि की रिकवरी तथा संबंधित लोगों पर कार्रवाई का बनता है.
यहां समझिए घोटाले की पूरी पटकथा: बता दें कि करीब 22 लाख 50 हजार रुपये की लागत से कुल 7 कल्वर्ट का निर्माण होना था. सातों कल्वर्ट के निर्माण में बुनियाद को ही गायब कर दिया गया है. इस मामले पर कनीय अभियंता तथा सहायक अभियंता द्वारा 23/08/2021 को रिकवरी के लिए लिखित अनुशंसा की गई थी. बावजूद बीडीओ तथा बीपीओ द्वारा गोमियाबेड़ा से तुर्तुरी पथ में निर्मित कल्वर्ट वाली योजना को पूर्ण दिखाकर बंद कर दिया गया है. ऐसे में इस योजना में पैसे की रिकवरी कैसे की जाएगी, यह देखना अब दिलचस्प होगा.