सिमडेगा: सिर्फ झारखंड ही नहीं पूरे देश में सिमडेगा को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है. हॉकी को बढ़ावा देने के नाम पर करोड़ों रुपए की राशि अब तक खर्च की जा चुकी है. जिससे यहां के बच्चे पढ़ाई के साथ स्पोर्ट्स में भी आगे बढ़े और अपना भविष्य संवार सकें. लेकिन सरकार द्वारा इन योजनाओं के धरातल पर पहुंचने से पहले ही भ्रष्टाचारियों की काली नजर उन पैसों पड़ जाती है. जिससे योजना उसका उद्देश्य अधूरा ही रह जाता है और कार्य धरातल पर होने से पूर्व ही सारे पैसे बंदरबांट कर लिए जाते हैं.
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सिमडेगा में हॉकी स्टेडियम का निर्माण (hockey stadium in Simdega) कई प्रखंडों में किया गया है. जलडेगा प्रखंड के लंबोई गांव में हॉकी स्टेडियम (Jaldega block hockey stadium in bad shape) बन रहा है. इसमें 14 लाख 51 हजार की लागत लग रही है. जिसमें ठेकेदार को अब तक 9 लाख 43 हजार 215 रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है. लेकिन निर्माण ऐसा किया गया है, जिसे देखकर भ्रष्टाचार को भी शर्म आ जाए. निर्माण और उसके ढर्रे की बात करें तो स्टेडियम की बाउंड्री जमीन से थोड़ी ऊंची करके छोड़ दी (hockey stadium in bad shape in Simdega) गई. पिलर ऐसे कि कभी भी टूट कर जमीन पर धाराशाही हो जाए. एक छोर पर तो दीवारें भी टूट चुकी हैं. भ्रष्टाचार का मामला उजागर ना हो जाए इसलिए मरम्मत कर गलत कार्यों को ढकने की नाकाम कोशिश की गई. इस पूरे मैदान में मिट्टी का भराव नहीं किया गया है. बारिश के दिनों में ये स्टेडियम तालाब बन जाता है. खिलाड़ियों प्रैक्टिस कम और यहां कीड़े मकोड़े ज्यादा नजर आते हैं. पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण एक छोर पर मिट्टी का कटाव हो रहा है. गोल पोस्ट की हालत दयनीय है, अब ऐसे में हॉकी खिलाड़ी कैसे प्रैक्टिस करेंगे, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
हॉकी स्टेडियम में प्रैक्टिस करने वाली बच्चियां कहती हैं कि स्टेडियम में कंकड़ पत्थर बिखरे होने के कारण वो लोग अच्छे से प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं. मैदान में मिट्टी अच्छे से डालने पर उन्हें प्रैक्टिस करने में आसानी होती. वो लोग कहती हैं कि निर्माण के समय मिट्टी तो भरा ही नहीं गया है, जिसके कारण हल्की बारिश में ही पानी जमा हो जाता है. बड़ी-बड़ी घोषणाएं और सरकार की इतनी सख्ती के बावजूद ये भ्रष्टाचारी योजना के विपरीत काम करके सिस्टम की कमजोरी का फायदा उठाकर आसानी से बच निकलते हैं. निर्माण के बाद फिर उसकी मरम्मती के नाम पर नई योजनाएं लाकर पैसों के बंदरबांट की नई कहानी लिखी जाती है.
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सिमडेगा में हॉकी स्टेडियम के कई मामले ईटीवी भारत के द्वारा अब तक दिखाए गए. जिसपर डीसी आर रॉनिटा द्वारा जांच के आदेश भी दिए जा चुके हैं. जांच रिपोर्ट में क्या निकल कर आएगा, यह तो वक्त बताएगा. लेकिन इन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले भ्रष्टाचारी और नौकरशाहों पर कार्रवाई होगी या उसमें भी खानापूर्ति कर मामले को दबा दिया जाएगा, यह तो देखना अभी बाकी है.